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गांधीनगर: गुजरात सरकार ने केंद्र की न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत खरीदी गयी मूंगफली की चार गोदामों में आग लगने और ऐसी मूंगफली की बोरियों से मिट्टी मिलने की घटनाओं की जांच के लिए शनिवार को हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एच के राठौड़ की अध्यक्षता में एक न्यायिक जांच आयोग के गठन की घोषणा की। गृह अौर कानून विभाग के राज्य मंत्री प्रदीप सिंह जाडेजा ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने यह निर्णय लिया है। इनक्वायरी कमीशन एक्ट 1952 के प्रावधानों के तहत गठित यह आयोग पूरे मामले की विस्तृत जांच कर राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इस मामले में काफी गंभीर है और राजकोट जिले के जेतपुर के पेढला के गोदाम से मिट्टी मिली मूंगफली मिलने के मामले में अब तक 30 लोग पकड़े जा चुके है। ज्ञातव्य है कि राजकोट के गोंडल और शापर-वेरावल तथा जामनगर के हापा और कच्छ के गांधीधाम के गोदामों में आग लगने से 35 करोड़ रूपये से अधिक की मूंगफली जल कर राख हो गयी।

सूरत: गुजरात के सूरत में बिटक्वाइन आधारित पोंजी स्कीम से जुड़े एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश हुआ है। जिसमें निवेशकों के करीब 3 अरब डॉलर डूब गए। इसे बैंकिंग जगत का सबसे बड़ा घोटाला कहा जा रहा है। इसमें सूरत से लेकर टेक्सास (अमेरिका) तक लोगों ने निवेश किए थे। मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि यह स्कैम पीएनबी के महाघोटाले से कहीं बड़ा घोटाला है। इसमें प्रॉपर्टी डीलर, हीरा व्यवसायी और गुजरात के कुछ बड़े नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं, जिन्होंने नोटबंदी के दौरान इस पोंजी स्कीम में करोड़ों रुपए का काला धन लगाया था।

सूरत देश के हीरा उद्योग का सबसे बड़ा केंद्र है और इस घोटाले का भी रहा, जहां से पोंजी स्कीम शुरू हुई। घोटाले की जांच एक प्रॉपर्टी डीलर शैलेश भट्ट की शिकायत पर हुई। उसने दावा किया था कि उसे कुछ पुलिसवालों ने किडनैप किया था और 200 बिटक्वॉइन की फिरौती मांगी, जिसकी कीमत 18 लाख डॉलर के आसपास थी। सीआईडी ने मामले की जांच शुरू की और 8 पुलिसवालों की मिलीभगत का खुलासा हुआ। यह भी पता चला कि भट्ट को अगवा करने की साजिश उसके सहयोगी किरिट पलाडिया ने रची थी।

अहमदाबाद: क्या आप कल्पना कर सकते है की महज 3 घंटे में 150 करोड़ रूपये से भी ज्यादा का चंदा इकठ्ठा किया जा सकता है, भले ही ये आपको नामुमकिन सा लगे लेकिन गुजरात के पाटीदारों ने यह कर दिखाया है। गुजरात में पाटीदारों के विश्व उमिया फाउंडेशन (वीयूएफ) ने मंदिर और कम्युनिटी कॉम्प्लेक्स के लिए महज 3 घंटे में 150 करोड़ रुपए जुटा लिए।

आपको बता दें कि रविवार को पाटीदार समाज के लोगों ने वीयूएफ की पहली बैठक बुलाई थी। इसमें लोगों से अहमदाबाद में 40 एकड़ में बनाए जाने वाले उमियाधाम मंदिर के लिए दान की अपील की गई थी और देखते ही देखते 150 करोड़ से भी ज्यादा दान मिल गया। लोगों ने दिल खोलकर औसतन हर मिनट 84 लाख रुपए दान दिया. एकत्र हुए इस दान से उमियाधाम में कड़वा पाटीदारों की कुलदेवी उमिया माता का भव्य मंदिर बनेगा। इसके साथ यहां अस्पताल, स्पोर्ट्स और कल्चर कॉम्प्लेक्स, एजुकेशनल इंस्टीट्यूट और लड़के-लड़कियों के लिए हॉस्टल भी बनाए जाएंगे। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब एक हजार करोड़ रुपए है। अमेरिका में होटल चलाने वाले सीके पटेल इसके संयोजक हैं।

अहमदाबाद: गुजरात हाई कोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति यानी पास के नेता हार्दिक पटेल को राहत देते हुए महेसाणा जिले के विसनगर में जुलाई 2015 में तत्कालीन भाजपा विधायक रिषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ के मामले में एक निचली अदालत से उन्हें मिली सजा पर आज फौरी रोक लगाते हुए उन्हें नियमित जमानत दे दी। 23 जुलाई 2015 को आरक्षण समर्थक रैली के दौरान भीड़ ने पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ के अलावा वहां एक कार को आग लगा दी थी और एक कैमरामैन से मारपीट और उसके कैमरे में तोड़फोड़ भी की थी।

इस मामले में स्थानीय अदालत ने गत 25 जुलाई को हार्दिक के अलावा सरदार पटेल ग्रुप के अध्यक्ष लालजी पटेल और एक अन्य पाटीदार नेता ए के पटेल को दो दो साल साधारण कारावास और अर्थदंड की सजा सुनायी थी, हालांकि तीनों को तभी जमानत दे दी गयी थी और सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर करने के लिए एक माह की मोहलत दी थी। हार्दिक ने इस सजा को रद्द करने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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