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अहमदाबाद: पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल का आमरण अनशन आज 11 वें दिन भी जारी है और उनके वजन में अब तक 20 किलोग्राम की कमी दर्ज की गई है। हार्दिक ने किसानों की कर्ज माफी तथा पाटीदार अथवा पटेल समुदाय को आरक्षण की मुख्य मांग को लेकर उनके यहां ग्रीनवुड रिसार्ट में अपने आवास पर गत 25 अगस्त से अनशन शुरू किया था। सरकार ने पूर्व में उनके कार्यक्रमों के दौरान हुई हिंसा के मद्देनजर उन्हें बाहर कही उपवास करने की अनुमति नहीं दी थी।

हार्दिक ने पिछले दो दिन से सरकारी डाक्टरों को अपने रक्त और मूत्र के नमूने जांच के लिए देने से इंकार कर रखा है और उनका यह सिलसिला आज भी जारी रहा। हालांकि यहां सोला सिविल अस्पताल की टीम ने उनके रक्तचाप, हृदय गति और फेफड़े, पेट आदि की रूटीन जांच आज की। डाक्टरों ने बताया कि अनशन के पहले दिन उनका वजन 78 किलो था जो अब घट कर 58 किलो हो गया है। डाक्टरों ने उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी।

अहमदाबाद: पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने अपनी अनिश्चिकालीन भूख हड़ताल के नौवें दिन रविवार को अपनी वसीयत जारी की। वह अपने समुदाय के लिए आरक्षण और किसानों की ऋण माफी की मांग को लेकर अनशन पर हैं। एक पाटीदार नेता ने कहा कि पटेल ने अपने माता-पिता, एक बहन, 2015 में कोटा आंदोलन के दौरान मारे गए 14 युवाओं के परिजनों और अपने गांव के पास एक पंजरापोल (बीमार और पुरानी गायों के लिए आश्रय) के बीच अपनी संपत्ति का वितरण किया है।

पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के प्रवक्ता मनोज पनारा ने अहमदाबाद के पास हार्दिक पटेल के निवास पर संवाददाताओं से कहा कि पटेल ने अपनी मृत्यु के बाद अपनी आंखें दान करने की इच्छा व्यक्त की है। यहां वह 25 अगस्त से अनशन पर हैं। पनारा ने दावा किया कि पटेल का स्वास्थ्य बिगड़ रहा है। उन्होंने पिछले नौ दिनों से कुछ नहीं खाया है। उन्होंने पिछले 36 घंटों से पानी भी नहीं पीया है। उन्होंने कहा कि पटेल ने अपने खराब स्वास्थ्य के बारे में डॉक्टर की सलाह पर विचार करते हुए वसीयत तैयार की है।

अहमदाबाद: गुजरात में अहमदाबाद स्थित अपने आवास पर आमरण अनशन पर बैठे पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल ने आज छठे दिन से जल का भी त्याग करने की चेतावनी दी है जबकि डाक्टरों ने कहा है कि अगर वह जल्द ही तरल पदार्थ और पयार्प्त पोषण नहीं लेते तो उनके गुर्दे (किडनी) और दिमाग पर प्रतिकूल असर हो सकता है। उधर, किसानों की कर्ज माफी और पाटीदार आरक्षण के मुद्दे पर बाहर अनशन की सरकारी अनुमति नहीं मिलने के बाद यहां एसजी हाईवे के निकट स्थित अपने आवास पर गत 25 अगस्त से भूख हड़ताल पर बैठे हार्दिक उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के एक मामले में यहां अदालत में पेश नहीं हो सके।

अगस्त 2015 में यहां जीएमडीसी मैदान में उनकी रैली के बाद हुई व्यापक हिंसा के मद्देनजर दर्ज इस मुकदमे में आरोप तय होने की कार्यवाही आज भी उनकी अनुपस्थिति के चलते नहीं हो सकी। अदालत ने इस मामले में 14 सितंबर को उन्हें अदालत में पेश रहने को कहा है।

अहमदाबाद: फरवरी 2002 में गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी जलाने के दो आरोपियों को अहमदाबाद की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में अभियोजन पक्ष जब ये साबित करने में सफल रहे कि उनकी साजिश के चलते ट्रेन की दो बोगी जलाने के बाद 59 लोगों की मौत हुई, जज एसची वोहरा ने फारूक भाना और इमरान शेरू को इस केस में दोषी ठहराया। हालांकि, अदालत ने हुसैन सुलेमान मोहन, कसम भमेड़ी और फारुक धांतिया को बरी कर दिया। पांचों 2015-2016 के दौरान पकड़े गए थे और साबरमती सेंट्रल जेल के अंदर उनका ट्रायल चल रहा था।

सुलेमान मोहन को मध्य प्रदश के झबुआ से गिरफ्तार किया गया, भमेड़ी को गुजरात के दाहोद रेलवे स्टेशन से जबकि धान्तिया और भाना को गुजरात में उनके घर से गिरफ्तार किया गया। जबकि भटुक को महाराष्ट्र क मालेगांव से गिरफ्तार किया गया। आठ आरोपी अभी भी फरार चल रहे हैं। इससे पहले, अदालतन 1 मार्च 2011 को इस केस में 31 लोगों को दोषी ठहराया था।

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