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पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी की पहल के बाद कई नेता भिखारी बन गए हैं। पर्रिकर ने पोंडा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की विजय संकल्प रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘कुछ लोगों ने गोवा को लूटना व्यवसाय बना लिया था। मोदी जी द्वारा 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटबंद करने के बाद कई नेता भिखारी बन गए हैं।’ उन्होंने दावा किया कि एक नेता को दिल का दौरा पड़ गया और उन्हें स्पष्टीकरण देना पड़ा कि दिल के दौरा का नोटबंदी से कोई लेना देना नहीं है।

पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को कहा कि पश्चिम बंगाल के कुछ टॉल प्लाजाओं पर मौजूद सैनिक सशस्त्र बलों की आवाजाही की स्थिति में सड़कों की वहन क्षमता का अध्ययन कर रहे थे। इसके साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर सैन्य बलों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया। ममता का नाम लिए बिना पर्रिकर ने गोवा के मेयम क्षेत्र में विजय संकल्प रैली के दौरान कहा कि पिछले दिनों वह एक मुख्यमंत्री का बयान सुन रहे थे। सेना उस राज्य में नियमित सर्वेक्षण के लिए गयी थी। हर साल, एक बार या दो बार, वे सड़क की क्षमता का अध्ययन करने के लिए राज्यों में जाते हैं। यह सेना की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे बल 100-200 के समूह में नहीं चलते। उनकी संख्या 10,000 से 15,000 होती है। ऐसे में उनकी आवाजाही के लिए कम से कम 500 ट्रकों की आवश्यकता होती है। इसलिए सेना हमेशा सड़क की वहन क्षमता की जांच करती है।’ पर्रिकर ने कहा, ‘मैं नहीं जानता कि मुख्यमंत्री ने क्या महसूस किया। जब मैं सोने जा रहा था, टेलीविजन पर बयान दिखाया जाने लगा कि सेना ने कब्जे में ले लिया है।’ इसके बाद उन्होंने सेना से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि 2012 में खनन गतिविधियों पर आश्रित लोगों को अपनी आर्थिक गतिविधियों के बंद हो जाने के कारण आत्महत्या जैसे कदम उठाने को मजबूर होना पड़ जाता लेकिन भाजपा नीत राज्य सरकार द्वारा वित्तीय मदद दिए जाने से स्थिति टल गयी। पर्रिकर ने कहा, मुझे 2012 की स्थिति याद है।

पणजी: मनोहर पर्रिकर ने कहा कि रक्षा मंत्री के तौर पर पद संभालने के पहले दिन वह ‘कांप’ रहे थे, फिर भी उन्होंने हिम्मत भरा चेहरा दिखाने की कोशिश की । सैनवोर्डेम विधानसभा क्षेत्र में आज ‘विजय संकल्प’ रैली को संबोधित करते हुए पर्रिकर ने कहा, ‘जब मैं दिल्ली गया तो मैंने शहर का अनुभव हासिल किया । मैं आप सबके आशीर्वाद से रक्षा मंत्री बना । मुझे कुछ भी पता नहीं था ।’ पर्रिकर ने कहा, ‘मुझे स्वीकार करने दीजिए, मैं पद संभालने के पहले दिन कांप रहा था । अपने तजुर्बे पर भरोसा रखते हुए मैंने हिम्मत भरा चेहरा पेश किया, लेकिन असल में मुझे सैन्य अधिकारियों की रैंक की जानकारी भी नहीं थी ।’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किए जाने से पहले पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री थे । पर्रिकर ने कहा, ‘सेना से गोवा का वास्ता 1961 में पड़ा था जब भारतीय थलसेना ने राज्य को पुर्तगाली शासन से मुक्त कराया । इसके बाद हमने 1965 और 1971 के युद्ध देखे । कारगिल युद्ध के दौरान मैंने नारे दिए थे, लेकिन वास्तव में मुझे पता नहीं था कि युद्ध क्या होता है और उसके लिए कैसी तैयारी करनी होती है ।’ रक्षा ने कहा कि उन्हें पता चला कि ‘हथियारों के भंडार खाली हैं और सरकार ने सैनिकों के हाथ बांध रखे थे । मैंने पिछले दो साल में ज्यादा कुछ नहीं किया, थलसेना को सिर्फ इतना कहा कि यदि कोई हमला करता है तो आप पलटवार करने के लिए स्वतंत्र हैं ।’ पर्रिकर ने कहा, ‘आपने इस छूट के असर पर गौर किया होगा ।

पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि भारत युद्ध नहीं चाहता है, लेकिन यदि उकसाया गया तो वह दुश्मन की आंखें निकाल कर उसके हाथ में डाल देगा। गोवा के एल्डोना विधानसभा क्षेत्र में एक रैली को संबोधित करते हुए मनोहर पर्रिकर ने कहा, 'हम लड़ने के लिए बेचैन नहीं होते, लेकिन यदि किसी ने देश पर बुरी नजर डाली तो हम उसकी आंखें निकालकर उसके हाथ में रख देंगे। हमारे पास इतनी ताकत है'। पर्रिकर ने कहा कि गोवा के लोग दुनिया को बता सकते हैं कि उन्होंने केंद्र में एक ऐसे शख्स को भेजा था। जिसने दुश्मन के गाल पर करारा तमाचा जड़ा। तीन दिन पहले पाकिस्तान की ओर से डीजीएमओ स्तर की वार्ता के अनुरोध की तरफ इशारा करते हुए पर्रिकर ने कहा, 'सीमा पर पिछले तीन दिनों से फायरिंग नहीं हुई है। क्योंकि यदि वे (पाकिस्तान) एक बार फायरिंग करते हैं तो हम उन पर दो बार फायरिंग करते हैं। हम जैसे को तैसा के अंदाज में जवाब दे रहे हैं। जब उन्हें यह बात समझ आ गई तो उन्होंने हमसे अनुरोध किया कि हम इसे रोक दें'। सशस्त्र बलों के पूरी तरह तैयार होने की बात पर जोर देते हुए पर्रिकर ने कहा कि उनकी मां ने उन्हें सिखाया था कि 'यदि तुम खरगोश के शिकार के लिए भी जाओ तो किसी बाघ को मारने के लिए तैयार रहो'।

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