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पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सेना देश के दुश्मन को सबक सिखाने को उत्सुक है और वह सरकार से इजाजत मिलने का इंतजार कर रही है। पर्रिकर ने वासको इलाके में भाजपा की चुनाव प्रचार सभा में कहा, ‘सेना का हौसला बढ़ा है। सेना हमारे दुश्मन को सबक सिखाना चाहती है। वह सिर्फ सरकार से इजाजत का इंतजार कर रही है, हमने दो-तीन बार इजाजत दी।’ उनका यह बयान उस वक्त आया है जब कुछ दिन पहले पाकिस्तान ने भारत की सीमा से लगे पंजाब प्रांत में सैन्य अभ्यास किया और पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा था कि किसी भी ‘दुस्साहस’ का ‘मुंहतोड़ जवाब’ दिया जाएगा। रक्षा मंत्री ने कहा, ‘हम अपने दुश्मन को बताना चाहते हैं कि अगर वह हम घूरेंगे तो हम अपने उनसे भी बड़ी आंखों से घूर सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि देश की सीमाएं सुरक्षित हैं और कोई भी भारत पर हमले की हिमाकत नहीं कर सकता।
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पणजी: गोवा में अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरी सरकार गरीबों के लिए हैं। देश के गरीबों की मदद करना सरकार का दायित्व है। मैं कुर्सी के लिए पैदा नहीं हुआ हूं। नोटबंदी मामले पर उन्होंने कहा कि मैंने कभी देश को अंधेरे में नहीं रखा। उन लोगों को पता था कि ऐसा कड़ा निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में सवा लाख करोड़ रुपया खजाने में जमा हुआ है। देश में 20 करोड़ से ज्यादा गरीब लोगों के खाते खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक तबीयत सुधारने के लिए दवाई दी है। पहले आर्थिक सुधार के लिए धीरे-धीरे दवाई दे रहा था। पीएम मोदी ने कहा, मैंने घर परिवार सब देश के लिए छोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मैंने सब कुछ देश के लिए किया, मैं कुछ लेकर नहीं जाऊंगा। मोदी ने कहा कि देश की भलाई के लिए जनता कष्ट सहने को तैयार है। बैंककर्मी पिछले एक हफ्ते से दिनरात काम कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 10 महीने से इस योजना पर गोपनीय तरीके से काम हो रहा था। चोरी के पैसे का पता चले इसके लिए सरकार ने काम किया। गोवा में प्रधानमंत्री ने दावा किया कि देश का युवा इस निर्णय को सफल बनाने में लगा है। मोदी ने कहा, 30 दिसंबर तक जनता मौका दे। उसके बाद मेरी गलती निकली तो हर सजा के लिए तैयार हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये लड़ाई ईमानदार लोगों का भरोसा जीतने के लिए है। ये तकलीफ सिर्फ 50 दिनों के लिए हैं। मोदी ने कहा कि गंगा में चवन्नी नहीं डालते थे। आज नोट बहा रहे हैं। बड़े-बड़े स्कैम करने वाले 4000 रुपये के लिए लाइन में लगे हैं।
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पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) लागू होने से 95 प्रतिशत सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों को लाभ मिला है तथा शेष पांच प्रतिशत लोगों के समक्ष आ रही समस्याओं का अगले दो माह में समाधान कर दिया जाएगा। रक्षा मंत्री की यह टिप्प्णी ऐसे समय में आयी है जबकि कथित रूप से ओआरओपी मुद्दे को लेकर एक पूर्व सैन्यकर्मी की आत्महत्या पर विवाद छिड़ गया है तथा भाजपा एवं कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के बीच वाक्युद्ध चल रहा है। पर्रिकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘एक रैंक एक पेंशन लागू होने के बाद 95 प्रतिशत से अधिक लोग (पूर्व सैन्यकर्मी) इस (बढ़ी) पेंशन से लाभ पा रहे हैं। केवल 4.5 प्रतिशत हैं जिन्हें उनकी पेंशन (ओआरओपी के अनुसार) मिलने में दिक्कत हो रही है।’ उन्होंने कहा, ‘इनमें से अधिकतर 1962 एवं 1971 का युद्ध लड़ चुके पूर्व सैनिकों सहित पुराने सैन्यकर्मी हैं जिनके रिकार्ड नहीं मिल रहे हैं।’ रक्षा मंत्री ने कहा, ‘चूंकि उनके रिकार्ड पुराने हैं, पेंशन विभाग के पास वे नहीं हैं। पेंशन के लिए सबसे महत्वपूर्ण रिकार्ड पूर्व सैन्यकर्मियों की सेवा के वर्ष होते हैं। वे उपलब्ध नहीं हैं।
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पणजी: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने सोमवार को कहा कि वन रैंक वन पेंशन (ओआरओपी) को लेकर पिछली सरकारों ने सिर्फ बातें कीं। यह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार ही है, जिसने रक्षाकर्मियों के लिए वास्तव में इसे लागू किया। पणजी में राज्य की पहली बहुस्तरीय पार्किंग सुविधा के उद्घाटन से इतर पर्रिकर ने संवाददाताओं से कहा, 'करीब 20.69 लाख पूर्व सैनिकों को लाभ मिल रहा है। सरकार ने अपना वचन निभाया है और वास्तव में पैसे दिए हैं। अन्य सब ने पिछले 43 वर्षों से केवल बातें की थीं। यह ऐसी मांग नहीं है जो गत साल या गत आम चुनावों के दौरान की गई थी।' रक्षा मंत्री ने कहा कि ओआरओपी योजना साल 1970 के दशक से लटकी हुई थी। पिछली किसी सरकार ने इस मुद्दे के हल के लिए कुछ खास नहीं किया। पर्रिकर ने कहा, 'गत 43 वर्षों से किसी ने कुछ नहीं किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार ने इस योजना को लागू किया। इस पर सालाना 7,500 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हमने पहले ही 5500 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी कर दी है।
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