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जम्मू: जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में मंगलवार को भारत-पाकिस्तान सीमा पर नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास आईईडी ब्लास्ट में कैप्टन समेत दो जवान शहीद हो गए। एक जवान घायल है। उन्हें सेना के अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। शहीद जवानों की पहचान सेना की 9 पंजाब रेजिमेंट के कैप्टन केएस बख्शी और नायक मुकेश कुमार के रूप में हुई है। धमाका आतंकियों की साजिश बताई जा रही है।

अधिकारियों ने बताया कि सेना के जवान एलओसी के पास गश्त ड्यूटी कर रहे थे। दोपहर करीब 3:50 बजे भट्टल इलाके में लालेयाली पोस्ट के पास तीन जवान इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) की चपेट में आ गए। तीनों घायलों को तुरंत सेना के कमान अस्पताल उधमपुर ले जाया गया। जहां कैप्टन eसमेत दो जवानों ने दम तोड़ दिया। आईईडी को आतंकियों की ओर से लगाए जाने की आशंका है। हालांकि, इसे लेकर सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। वहीं, विस्फोट के बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर ली गई है। अतिरिक्त जवानों को तैनात कर आतंकियों की तलाश में अभियान शुरू कर दिया गया है। पूरी गहनता के साथ इलाके को खंगाला जा रहा है।

श्रीनगर: जम्मू में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से रोके जाने पर पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, "मुझे एक चोर की तरह आधी रात को श्रीनगर से जम्मू भागना पड़ा। मैं सुबह 6 बजे कठुआ के लिए निकली और जब मैं यहां सर्किट हाउस आई तो पुलिस आई और मुझसे प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द करने को कहा। जब मैंने मना किया तो उन्होंने मुझे हिरासत में ले लिया। मैं सरकार से पूछना चाहती हूं कि आपने क्या किया है? आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?

उन्होंने कहा, सीएम उमर अब्दुल्ला को कम से कम एक बार कठुआ का दौरा करना चाहिए था। जिम्मेदारी या जवाबदेही की कोई भावना नहीं है। यह बेहद गैरजिम्मेदाराना है...एसएचओ बिलावर को क्यों नहीं हटाया जा रहा है? वह जबरन वसूली का रैकेट चला रहे हैं और लोगों में डर का माहौल पैदा किया जा रहा है...हम मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे हैं।

इल्तिजा ने कहा, न्याय मांगना हमारा अधिकार है...मुझे यहां बकरी की तरह रखा गया है और वे मेरे साथ मारपीट भी कर रहे हैं।

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में बड़ा आतंकवादी हमला हुआ है। कुलगाम जिले के बेहीबाग गांव में सोमवार को आतंकवादियों ने पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे के परिवार को निशाना बनाया। अधिकारियों के अनुसार, आतंकवादियों की फायरिंग में पूर्व फौजी की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी और बेटी गंभीर रूप से घायल हैं।

एक अधिकारी ने बताया, "तीनों घायलों को तत्काल इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया, जहां वागे ने गंभीर चोटों के कारण दम तोड़ दिया। वरिष्ठ पुलिस और सीआरपीएफ अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। तलाशी के लिए इलाके की घेराबंदी की गई है।" सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियों की तलाश तेज कर दी है।

रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादियों ने कुलगाम जिले में रहने वाले पूर्व सैनिक मंजूर अहमद वागे के घर पर हमला किया। आतंकवादी वागे, उनकी पत्नी और बेटी को गोली मारकर घने जंगलों की तरफ ओर भाग गए। वहीं, आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

राजौरी: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के एक गांव में 7 दिसंबर से अब तक 17 लोगों की मौत के बाद चीख-पुकार और मातम का माहौल है। बडाल नाम के इस गांव में करीब 500 परिवार रहते हैं। लेकिन हालात इतने खराब हैं कि गांव के लोग मरने वाले अपने परिजनों की कब्र खोदने के लिए लोगों की मदद का इंतजार कर रहे हैं। पूरे गांव में भयंकर वीरानी और दहशत फैली हुई है।

मातम और दहशत के बीच वीरान हुआ गांव

द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, गांव के 65 साल के जमालदीन ने बताया कि लोगों में इस कदर डर है कि कोई यहां कब्र तक खोदने के लिए तैयार नहीं है। जमालदीन कहते हैं कि कुछ हफ्ते पहले तक जिस जमीन पर बच्चे खेल रहे थे, आज उन्हें इसी जमीन के नीचे दफन कर दिया गया है। जमालदीन के नाती मुश्ताक कहते हैं कि एक कब्र को खोदने के लिए कम से कम 10 से 12 लोगों की जरूरत होती है। मुश्ताक कहते हैं कि ये मेरे नाना हैं, लेकिन हम आज एक-दूसरे के घर में न कुछ खाते हैं, न पानी पीते हैं। मुश्ताक और उनके नाना जमालदीन यास्मीन की कब्र खोदने के लिए लोगों की मदद का इंतजार कर रहे हैं।

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