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रांची: चारा घोटाले में एक मामले में दोषी आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने जमानत के लिए रांची हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है। शनिवार को रांची की विशेष सीबीआई कोर्ट ने चारा घोटाले के 21 साल पुराने एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव सहित 16 लोगों को सजा सुनाई थी।

गौरतलब है कि लालू यादव को अगर तीन साल या उससे कम की सज़ा होती तो उन्हें सीबीआई कोर्ट जमानत मिल सकती थी। लेकिन उन्हें अब जमानत रांची हाईकोर्ट से ही मिलेगी।

क्या है चारा घोटाला ?

उल्लेखनीय है कि चारा घोटाले का यह मामला देवघर कोषागार से 89 लाख रुपये से अधिक की अवैध निकासी का है। सीबीआई ने इस मामले में 15 मई 1996 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी तथा 28 मई 2004 को आरोप पत्र दायर किया था। इस मामले में 26 सितंबर 2005 को आरोप गठन किया गया था।

रांची: चारा घोटाले में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को साढ़े तीन साल की सज़ा और पांच लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है। इसके साथ ही, अदालत ने बाकी दोषियों फूलचंद, महेश प्रसाद, बेक जूलियस, सुनील कुमार, सुधीर कुमार और राजा राम को भी साढ़े तीन साल की सज़ा और पांच लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया।

कानून के जानकारों का कहना है कि लालू यादव को तीन साल से ज्यादा की सज़ा सुनाई गई है इसलिए जमानत के लिए उन्हें ऊपरी अदालत का रूख करना होगा। अगर तीन साल या उससे कम की सज़ा होती तो उन्हें यही से जमानत मिल जाती।

उधर, फैसला आने के बाद लालू यादव के बेटे तेजस्वी ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में जाएंगे। तेजस्वी ने कहा कि न्यायपालिका ने अपना फैसला सुना दिया है। हम अब फैसले का अध्ययन करने के बाद बेल के लिए हाईकोर्ट जाएंगे।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए लालू 

लालू यादव जिस वक्त सीबीआई की विशेष अदालत की तरफ से फैसला सुनाया जा रहा था वे रांची के बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में मौजूद थे और हाथ जो़डकर खड़े थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लालू हाथ जोड़े हुए खड़े नजर आ रहे हैं।

रांची: चारा घोटाले से जुड़े एवं देवघर कोषागार से 89 लाख, 27 हजार रुपये की अवैध निकासी के मुकदमे में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, आर के राणा, जगदीश शर्मा एवं तीन पूर्व आईएएस अधिकारियों समेत 16 दोषियों की सजा की अवधि पर अदालत ने फैसला कल तक के लिए स्थगित कर दिया है।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत में आज दिन में ग्यारह बजे चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिये गये सभी 16 लोगों की सजा की अवधि पर बहस प्रारंभ होनी थी लेकिन अदालत ने कार्यवाही प्रारंभ होने के बाद इसके लिए दोपहर बाद दो बजे का समय तय किया।

इसके चलते सुरक्षा कारणों के मद्देनजर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव को होतवार स्थित बिरसा मुंडा जेल से दोपहर पौने दो बजे सीबीआई अदालत में पेश किया गया। लालू के साथ इस मामले के सभी 16 अभिुक्तों को अदालत में पेश किया गया जहां सभी की सजा की अवधि पर उनके वकीलों ने बहस की।

रांची: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव अब फिर जेल में हैं। 1997 में चारा घोटाला सामने आने के बाद जेल जाने का उनका सिलसिला शुरू हुआ था। उसी की आंच ने उन्हें शनिवार को फिर जेल पहुंचा दिया। चारा घोटाला से जुड़े देवघर अवैध निकासी केस में रांची की विशेष सीबीआई अदालत ने जैसे ही लालू यादव को दोषी करार दिया, उन्हें फौरन गिरफ्तार कर लिया गया।

कोर्ट से उन्हें सीधे रांची स्थित बिरसा मुंडा जेल ले जाया गया। हालांकि, बिरसा मुंडा जेल में लालू यादव को वीआईपी कैदियों की तरह रखा गया है, लेकिन जेल में उनकी पहली रात काफी उलझनों भरी रही। बताया जा रहा है कि लालू रात भर बेचैन दिखे और करवटें बदलते रहे। सुबह उन्हें चाय और बिस्किट दिया गया।

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