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रांची:  बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल के सुप्रीमो लालू प्रसाद को चारा घोटाले के तीसरे मामले में लालू प्रसाद यादव को पांच साल कैद और पांच लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने इस मामले में बिहार के पूर्व जगन्‍नाथ मिश्रा को भी पांच साल और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह चाईबासा कोषागार से 36.67 करोड़ की अवैध निकासी का मामला है।

इस मामले में लालू यादव, जगन्नाथ मिश्रा, विघासागर निषाद ,जगदीश शर्मा, आरके राणा, सिलास तिर्की सहित 50 आरोपियों को दोषी करार दिया गया है, जब कि छह आरोपियों को इस मामले में बरी भी किया गया है।

उधर, फैसला आने से पहले राजद के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने सीबीआई पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा की सीबीआई अपने राजनीतिक आका के लिए नेताओं को फसाती है। फैसले के बाद लालू प्रसाद यादव के बेटे और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि वे फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे। चाईबासा गबन के इस मामले में कोर्ट ने 56 आरोपियों में से 50 को दोषी ठहराया है।

 

दोषी करार दिये जाने के बाद भाजपा नेता और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि इसमें कुछ भी आश्चर्यजनक नहीं है, ये होना ही था। उन्होंने कहा कि राजद नेताओं का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है।

उन्होंने सवाल उठाया कि राजद नेताओं के मुताबिक क्या जज, भाजपा और नीतीश कुमार के साथ मिलकर साजिश रच रहे हैं। 21 साल पुराने इस मामले में सीबीआई ने 76 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। ट्रायल के दौरान 14 की मौत हो गई। तीन को सरकारी गवाह बनाया गया और एक ने निर्णय से पूर्व दोष स्वीकार कर लिया।

सीबीआई ने इस मामले में चाईबासा कोषागार से फर्जी बिल बना कर राशि की निकासी करने का आरोप लगाया है। आपूर्तिकर्ताओं पर बिना सामान के आपूर्ति किए बिल देने और विभाग के अधिकारियों पर बिना जांच किए उसे पास करने का आरोप है। लालू प्रसाद पर गड़बड़ी की जानकारी होने के बाद भी इस पर रोक नहीं लगाने का आरोप है। डॉ जगन्नाथ मिश्र पर पशुपालन विभाग के उन अधिकारियों को सेवा विस्तार की सिफारिश करने का आरोप है, जो इस घोटाले में शामिल थे।

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