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रांची: झारखंड की राजधानी रांची के मांडर विधानसभा क्षेत्र का उपचुनाव कांग्रेस प्रत्याशी शिल्पी नेहा तिर्की ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा प्रत्याशी गंगोत्री कुजूर को 23517 मतों से हरा दिया है। कांग्रेस उम्मीदवार की इस जीत से 82 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या अब बढ़कर 18 हो गई है। रांची के जिला निर्वाचन पदाधिकारी एवं उपायुक्त छवि रंजन ने बताया कि मांडर विधानसभा उपचुनाव में जहां कांग्रेस की शिल्पी नेहा तिर्की को कुल 95,062 मत प्राप्त हुए, वहीं उनकी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की पूर्व विधायक गंगोत्री कुजूर को कुल 71545 मत प्राप्त हुए हैं।

तीसरे स्थान पर एआइएमआइएम समर्थित प्रत्याशी भाजपा से निष्कासित देव कुमार धान को 22,395 मत प्राप्त हुए। प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की की बड़ी पुत्री शिल्पी ने उपचुनाव 23517 मतों के अंतर से जीत लिया। शिल्पी की जीत के साथ 82 सदस्यीय विधानसभा में अब कांग्रेस विधायकों की संख्या 17 हो गई है। इसके अलावा झाविमो से कांग्रेस में आये प्रदीप यादव को भी यदि शामिल किया जाए तो विधानसभा में कांग्रेस की सदस्य संख्या 18 तक पहुंच जाएगी।

रांची: राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के समर्थन देने को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) पार्टी असमंजस की स्थिति में है। मुर्मू को समर्थन दिया जाए या नहीं, इसे लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची स्थित अपने आवास पर विधायक दल की बैठक भी की। इस बैठक में दिसोम गुरु शिबू समेत तमाम बड़े नेता मौजूद थे। कई घंटे तक चली बैठक के बाद भी मुर्मू को समर्थन देने को लेकर कोई फैसला नहीं लिया जा सका।

विधायक दल की बैठक के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन के साथ सभी परिस्थितियों पर चर्चा हुई, अभी राष्ट्रपति चुनाव होने में समय है, ऐसे में हम उचित समय आने पर इसका निर्णय लेंगे। फैसला वही लिया जाएगा जो राज्य और देशहित में होगा। उन्होंने दिल्ली में अमित शाह से मिलने जाने के सवाल पर कहा कोई अभी किसी से मिलने नहीं जा रहा है। परिस्थिति के अनुसार सभी चीजें सामने आएगी।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जांच का अनुरोध करने वाली याचिका को सुनवाई योग्य बताने के झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम निर्देश देने से शुक्रवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति जे. के. माहेश्वरी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय को इस मामले में फैसला करने दें। इस पर अलग-अलग विचार की जरूरत नहीं है।

राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी के अनुरोध पर शीर्ष अदालत ने गर्मी की छुट्टियों के बाद मामले को उपयुक्त पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया। रोहतगी ने कहा था कि मुख्यमंत्री के खिलाफ मामला सरकार को अस्थिर करने के लिए राजनीति से प्रेरित है। रोहतगी ने कहा कि उच्च न्यायालय हर दिन मामले पर सुनवाई कर रहा है और उन्हें समझ नहीं आता कि मामले में इतनी त्वरित सुनवाई की क्या आवश्यकता है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह मामले में त्वरित सुनवाई की आवश्यकता के बारे में जानकारी देंगे।

रांची: झारखंड की राजधानी रांची में बीते शुक्रवार को हुए हिंसक प्रदर्शन के कथित आरोपियों की तस्वीरों वाला पोस्टर जारी किए जाने के एक दिन बाद राज्य के गृह सचिव राजीव अरुण इक्का ने बुधवार शाम वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) से इस कथित ‘गैरकानूनी' गतिविधि पर स्पष्टीकरण मांगा है। उल्लेखनीय है कि राज्य की राजधानी में विभिन्न स्थानों पर पोस्टर लगाने के बाद पुलिस ने ‘‘तकनीकी त्रुटि'' के कारण इन्हें वापस ले लिया था। पुलिस ने कहा था कि वह त्रुटि को ठीक कर पोस्टर जारी करेगी।

गृह, कारागार और आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव इक्का ने एसएसपी को लिखे पत्र में कहा, ‘‘यह कानून सम्मत नहीं है और नौ मार्च 2020 को माननीय इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश का उल्लंघन है।''

बता दें कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ निलंबित भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की कथित विवादित टिप्पणी को लेकर रांची में शुक्रवार को भीड़ ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान जमकर हिंसा हुई तथा उपद्रवियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की कार्रवाई में दो लोगों की मौत हो गई थी।

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