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हैदराबाद: एक शीर्ष वाम नेता ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में मीरा कुमार कड़ी टक्कर देंगी और विपक्षी दल संयुक्त उम्मीदवार को समर्थन देने के लिए एनडीए के सहयोगी दलों से संपर्क करेंगे । भाकपा के महासचिव सुरावरन सुधाकर रेड्डी ने कहा, 'यह प्रतीकात्मक लड़ाई नहीं है, यह कड़ी टक्कर होगी।' उन्होंने बताया कि निर्वाचन मंडल के 10,98,903 मतों में से हमने पहले से ही 3.5 लाख से 4 लाख मतों से बात कर ली है। राजनीनिक दलों का कोई आदेश नहीं होगा (राजनीतिक दल व्हीप जारी नहीं कर सकते). देखते हैं, क्या होगा।' रेड्डी ने कहा, 'राजग के कुछ सहयोगी दल हमारे लिए वोट कर सकते हैं। यह कड़ा मुकाबला होगा। उन्होंने साथ ही कहा कि विपक्षी दल निश्चित रूप से मीरा कुमार के समर्थन के लिए एनडीए के सहयोगी दलों से संपर्क करेंगे।' उन्होंने राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का समर्थन करने का फैसला लेने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आलोचना की और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।

हैदराबाद: तेलंगाना राष्ट्र समिति के प्रमुख और तेलंगाना राज्य के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने बुधवार को कहा कि अभी तक निर्णय नहीं लिया है कि राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा को पार्टी समर्थन देगी या नहीं. इससे पहले पार्टी के ही एक वरिष्ठ विधायक ने कहा था कि पार्टी एनडीए समर्थित उम्मीदवार का समर्थन करेगी लेकिन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के राज्य में तीन दिवसीय दौरे के बाद सियासी समीकरण नाटकीय ढंग से बदले हैं। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार-मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था कि टीआरएस सरकार केंद्र की योजनाएं गरीबों तक पहुंचाने में विफल रही है। उन्होंने कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार ने करोंड़ों रुपये का फंड राज्य को दिया है लेकिन राव सरकार उसका सही तरीके से इस्तेमाल करने में विफल रही है। अमित शाह के इन आरोपों के बाद राज्य के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करके शाह पर झूठे आरोप लगाने का दावा किया। राव ने कहा कि केंद्र को तेलंगाना राज्य बहुत अधिक राजस्व देता है। केसीआर ने यह भी आरोप लगाया कि अमित शाह टीआरएस और राज्य के लोगों के साथ ओछे दर्जे की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 27 मई को आयोजित होने वाली बैठक में निर्णय लिया जाएगा कि राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी किसका समर्थन करेगी।

हैदराबाद: देश में सत्तारूढ़ पार्टी के अध्यक्ष और गुजरात के नारनपुरा से विधायक अमित शाह ने दक्षिणी राज्य में मंगलवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली राजग सरकार ने पिछले तीन वर्षो के दौरान देश में भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी शासन दिए हैं। शाह ने अपने तीन दिवसीय तेलंगाना दौरे के दूसरे दिन नलगोंडा में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यहां तक कि राजनीतिक विरोधी भी राजग सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं लगा सके। शाह ने कहा कि राजग ने 26 मई, 2014 को सत्ता संभाली थी। इसके पहले के संप्रग शासन के दौरान कई सारे भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे। उन्होंने हालांकि यह नहीं बताया कि राजग के तीन साल के कामकाज की जांच किस एजेंसी से कराई गई और किसने कब क्लीनचिट दे दी। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगाए 65 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोप का क्या हुआ, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने सवाल उठाया है। इसी तरह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जो आरोप लगाया कि मोदी ने बतौर रिश्वत बिड़ला ग्रुप से 25 हजार करोड़ रुपये लिए, उसका समुचित जवाब दिए बिना लोगों के मन में बसी आशंका दूर नहीं हो सकती।

हैदराबाद: केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि सोमवार से रियल स्टेट अधिनियम, 2016 लागू होगा जिसमें खरीदार राजा होगा। नायडू ने एक संवाददाता सम्मेलन में यहां कहा कि अधिनियम के तहत डेवलपर्स और खरीदारों को निवेश करने को लेकर विश्वास का वातावरण बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम से खरीदारों तथा डेवलपर्स दोनों की स्थिति जीत वाली होगी। इसमें खरीदारों, डेवलपर्स तथा रियल स्टेट एजेंटों के अधिकार और दायित्व साफ तौर पर परिभाषित होंगे और कोई भी असंतुष्ट पार्टी नियमों के उल्लंघन के मामले में हर्जाने की मांग कर सकती है। शहरी विकास मंत्री ने दावा किया कि इस ऐतिहासिक अधिनियम से रियल स्टेट सेक्टर में पारदर्शिता, जवाबदेही तथा दक्षता सुनिश्चित होगी। उन्होंने कहा कि रियल स्टेट के क्षेत्र में कल से एक नए युग की शुरुआत होगी। हरेक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश को अपनी रेग्युलेटरी अथॉरिटी बनानी होगी जो ऐक्ट के मुताबिक नियम-कानून बनाएगी। हालांकि, अब तक सिर्फ मध्य प्रदेश ने कही स्थाई रेग्युलेटरी अथॉरिटी की स्थापना की है। तीन केंद्रशासित प्रदेशों दिल्ली, अंडमान-निकोबार आइलैंड और चंडीगढ़ ने अंतरिम अथॉरिटी गठित की है। इधर, हरियाणा, राजस्थान, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रेदश समेत ज्यादातर दूसरे राज्यों ने ऐसा नहीं किया है। यानी, इन राज्यों में कोई नया प्रॉजेक्ट लॉन्च नहीं हो सकता है।

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