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हैदराबाद: वह पिछले कई दशकों से भाजपा के साथ जुड़े रहे तथा पार्टी में कई अहम पदों पर भी रहे लेकिन सिर्फ इस विचार ने ही उनकी आंखों में आंसू ला दिए कि अगर वह उप-राष्ट्रपति बन जाएंगे तो पार्टी दफ्तर नहीं जा पाएंगे। राजग के उप-राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार 68 वर्षीय वेंकैया नायडू ने पिछले महीने अपनी उम्मीदवारी के ऐलान के बाद ही भाजपा छोड़ दी थी। उन्होंने कहा, 'जब मुझे बताया गया कि वह उप-राष्ट्रपति पद पर आसीन हो जाएंगे तो लोगों से मुक्त रूप से मिलजुल नहीं पाएंगे। तब उन्हें दर्द महसूस हुआ और आंखें नम हो गईं। उप-राष्ट्रपति के पद को पार्टी संबंधों से ऊपर माना जाता है और इस पर रहने वाले को कुछ तय प्रोटोकॉल का पालन भी करना होता है। उन्होंने कहा, 'यह (लोगों से मिलना) मेरी जिंदगी का हिस्सा बन गया है। मेरे दोस्तों ने आगाह किया कि आने वाले दिनों में ऐसा मौका वहां नहीं होगा। क्योंकि वहां कुछ सीमाएं होंगी और उप-राष्ट्रपति के कुछ प्रोटोकॉल होते हैं। जब मैंने यह सुना तो मुझे दर्द हुआ।

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