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नई दिल्ली: फर्जी हस्ताक्षर करके सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले एक उप-जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) पर दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की गाज गिरी है। उप-मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला पश्चिम-बी, जोन-18 में तैनात डीईओ बीडी वाधवा को सस्पेंड किया गया है। साथ ही उनके खिलाफ उत्तम नगर थाने में अंडर सेक्शन 409, 420, 468, 471 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई है। वाधवा ने गवर्नमेंट ब्वायज सीनियर सेकेंडरी स्कूल, हस्तसाल में प्रिंसिपल रहते वक्त फर्जीवाड़े किए। ये 2008 से 2015 तक यहां प्रिंसिपल रहे। इस दौरान इन्होंने कई बार विभिन्न फाइलों पर अनेक अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर करके सरकारी पैसे निकाले। दरअसल, एडमिनिस्ट्रेटिव अप्रूवल और एक्सपेंडीचर सैंक्शन वाली फाइलों पर इन्होंने फर्जी हस्ताक्षर किए और सरकारी खजाने को चूना लगाया।

नई दिल्ली: जेएनयू शिक्षक संघ ने प्रतिष्ठित संस्थान की ‘छवि खराब करने के लिए अभियान’ चलाने का आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार भूपिंदर जुत्शी को हटाने की मांग की है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जुत्शी का कार्यकल 31 मार्च 2016 तक करना विश्वविद्यालय के नियमों और अध्यादेश का ‘उल्लंघन’ है जिसमें एक नियमित रजिस्ट्रार की सेवानिवृति की उम्र 62 वर्ष निर्धारित की गई है। जेएनयूटीए (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय टीचर्स एसोसिएशन) ने दावा किया कि वह 9 मार्च को 62 साल के हो जाएंगे।

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने जेएनयू विवाद पर अपनी मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट कानूनी टीम को भेज दी है, ताकि वह यह बता सके कि इसके आधार पर कोई कार्रवाई की जा सकती है कि नहीं। जांच में जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। कन्हैया पर जेएनयू परिसर में आयोजित एक विवादित कार्यक्रम में भारत विरोधी नारेबाजी के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया, 'सरकार ने नई दिल्ली जिला के जिलाधिकारी की ओर से तैयार की गई जांच रिपोर्ट अपनी कानूनी टीम को भेज दी है। कानूनी टीम देखेगी कि इस रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई की जा सकती है कि नहीं।' सूत्रों ने बताया कि 'आप' सरकार ऐसे न्यूज चैनलों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई करने पर विचार कर रही है, जिसने नौ फरवरी को जेएनयू परिसर में हुए विवादित कार्यक्रम से जुड़े फर्जी वीडियो चैनल पर दिखाए थे।

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): देशद्रोह के मामले में तिहाड़ जेल में बंद जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को 21 दिन बाद आज (गुरूवार) शाम रिहा कर दिया गया। गुरुवार शाम 6.30 बजे के करीब कन्हैया को तिहाड़ जेल से बाहर निकाला गया। सुरक्षा कारणों से कन्हैया को हरिनगर थाने ले जाया गया। गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कन्हैया कुमार को छह महीने की अंतरिम जमानत का आदेश सुनाया था। कन्हैया को सशर्त राहत देने वाले हाई कोर्ट ने कहा कि वह ‘ऐसी किसी गतिविधि में सक्रिय या निष्क्रिय रूप से हिस्सा नहीं लेंगे जिसे राष्ट्रविरोधी कहा जाए।’ हाई कोर्ट ने उनके जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष होने के नाते आदेश दिया कि वह कैंपस में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को रोकने के लिए अपने सभी अधिकार के तहत प्रयास करेंगे। अदालत ने अन्य आरोपियों सहित छात्रों द्वारा कथित रूप से की गई नारेबाजी के बारे में कड़ी टिप्पणियां कीं और कहा कि वे अभिव्यक्ति की मौलिक आजादी के तहत संरक्षण का दावा नहीं कर सकते, खासकर इस तथ्य को देखते हुए कि इस मामले की जांच शुरुआती चरण में है। न्यायमूर्ति प्रतिभा रानी ने संसद पर हमले के अभियुक्त अफजल गुरु और एक यात्री विमान हाईजैक करने के मास्टरमाइंड मकबूल भट्ट की तस्वीरों और पोस्टरों के साथ कैंपस में छात्रों द्वारा हुए विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी के तरीके पर भी तीखी आपत्ति व्यक्त की।

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