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नई दिल्ली: प्रमुख अखबारों में पूरे पृष्ठ का विज्ञापन देकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा रोकने में ‘निष्क्रियता’ को लेकर हरियाणा सरकार पर निशाना साधा और साथ ही केंद्र को भी निशाने पर लेते हुए उसे ‘धृतराष्ट्र’ की तरह बताया। दिल्ली और हरियाणा के प्रमुख अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति और सौहार्द बनाये रखने की अपील की। केजरीवाल ने विज्ञापन के माध्यम से कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हरियाणा में जो कुछ हुआ उससे उनको बहुत दुख पहुंचा। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल वैसी ही बात हुई कि एक बच्चे ने बड़ी मेहनत से घर बनाया और किसी ने उसे तोड़ दिया।

नई दिल्ली: दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार इस साल भी राष्ट्रीय राजधानी में बिजली की दर बढ़ाने की अनुमति नहीं देगी। जैन ने कहा कि पिछले साल कई राज्यों ने बिजली की दर 20-30 प्रतिशत तक बढ़ा दी थी, लेकिन दिल्ली में बिजली की दर में बढ़ोतरी करने की अनुमति नहीं दी गई। जैन का बयान ऐसे समय में आया है जब शहर की सभी तीन बिजली वितरण कंपनियां अपने खर्चों में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए शुल्क दरें बढ़ाने की मांग कर रही हैं। वर्ष 2015 में दिल्ली विद्युत नियामकीय आयोग :डीईआरसी: को बिजली की दरें बढ़ाने की अनुमति नहीं दी गई।

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में यमुना किनारे आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम के आयोजन पर एनजीटी आज (बुधवार को) फिर सुनवाई शुरू करेगा। सुनवाई मंगलवार को शुरू हुई थी। आर्ट ऑफ लिविंग ने इस मसले पर कहा है कि उसने सभी शर्तों का पालन किया और कार्यक्रम के लिए तमाम जरूरी मंजूरी दी गई है। डीडीए ने श्री श्री रविशंकर के आर्ट ऑफ लिविंग उत्सव को इजाजत देने के अपने फैसले का समर्थन किया। गौर हो कि सेना द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए पंटून पुल का निर्माण एनजीटी की जांच के दायरे में है। आध्यात्मिक गुरू श्री श्री रवि शंकर की संस्था 'आर्ट ऑफ लिविंग' के 35 साल पूरे होने की मौके पर दिल्ली में 11 मार्च से होने जा रहे वर्ल्ड कल्चरल फेस्टिवल को लेकर एनजीटी ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा है। वैश्विक सांस्कृतिक उत्सव को एनजीटी ने केंद्र से सवाल किया कि यमुना के जल ग्रहण क्षेत्र में अस्थायी ढांचे के निर्माण के लिए पर्यावरण मंजूरी की जरूरत क्यों नहीं है।

नई दिल्ली: जवाहर लाल विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के प्रोफेसर और कवि मकरंद परांजपे ने देशद्रोह के आरोप का सामना कर रहे छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार से सवाल किया कि उन्होंने अपने बहुचर्चित भाषण से पहले क्या तथ्यों की जांच की थी। परांजपे ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि कन्हैया ने अपने मशहूर भाषण में गोलवरकर के मुसोलिनी से मुलाकात करने की बात की थी। उन्होंने सवाल किया कि क्या उन्होंने अपने तथ्यों की जांच की थी और मुसोलिनी से मुंजे ने मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा हूं कि वे फासिस्ट से प्रभावित नहीं थे, वे थे..।’ परांजपे ने कहा,‘‘कृपया हमें इस पर सहमत होने दीजिए कि क्या तथ्य है और क्या नहीं।’ परांजपे ने जवाहर लाल विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधन के दौरान कहा कि फासीवाद लोकतंत्र के खिलाफ है और स्टालिनवाद भी।

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