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नई दिल्ली: दिल्ली की नई मुख्यमंत्री आतिशी ने सोमवार (23 सितंबर) को सचिवालय पहुंचकर सीएम का पदभार संभाल लिया। उनके दफ्तर में दो कुर्सियां लगाई गई हैं। इनमें खाली कुर्सी बड़ी है। इसके बाद आतिशी ने कहा कि चार महीने बाद इस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल को बिठाएंगे।

मुख्यमंत्री पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने कहा कि जिस तरह भरत जी ने भगवान श्रीराम के खड़ाऊं रखकर काम किया, वैसे ही मैं अगले चार महीने मुख्यमंत्री का पद संभालूंगी। उन्होंने कहा कि आज मेरे मन की वही व्यथा है जो भरत जी की थी, जब भगवान श्रीराम 14 वर्ष के लिए वनवास गए थे।

केजरीवाल ने कायम की नैतिकता की मिसाल

उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने पिता द्वारा दिए गए एक वचन को निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया था। यही वजह है कि हम भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं। उनकी जिंदगी हम सबके लिए मर्यादा और नैतिकता की मिसाल है।

ठीक उसी तरह अरविंद केजरीवाल जी ने देश की राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की मिसाल कायम की है। पिछले दो साल में बीजेपी ने अरविंद केजरीवाल पर झूठे मुकदमे लगाए। उन पर कीचड़ उछाले गए और गिरफ्तार किया गया। वह पांच माह से ज्यादा समय जेल में रहे। उनको बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

कुर्सी पर बैठने से इसलिए किया इंकार

जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दी तो उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ्तारी एक दुर्भावना के तहत हुई। अगर कोई दूसरा नेता होता तो जमानत मिलने के बाद सीएम की कुर्सी पर बैठने में दो मिनट भी नहीं लगाता। इसके उलट, अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं तब तक इस कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक दिल्ली के लोग उनकी ईमानदारी पर फिर से भरोसा नहीं जता देते।

आतिशी ने दो दिन पहले अपने मंत्रिमंडल स​हयोगियों के साथ दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। आज उन्होंने दिल्ली सचिवालय पहुंचकर सीएम पद की जिम्मेदारी संभाल ली। बताया जा रहा है कि वह सोमवार को दिल्ली कैबिनेट की बैठक बुलाकर कुछ अहम फैसले लेने वाली हैं। इस बीच सूचना यह भी है कि दिल्ली विधानसभा का सत्र 26 और 27 सितंबर को होगा।

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