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नई दिल्ली: श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में लड्डू प्रसादम में पशु की चर्बी के इस्तेमाल के खिलाफ सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की है। इस याचिका में उन्होंने इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित किए जाने की मांग की है। इससे पहले हिंदू सेना समिति के सुरजीत यादव और सुदर्शन टीवी के सुरेश चव्हाण भी इस मामले पर याचिका दाखिल कर चुके हैं।

इस मामले में हिन्दू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले पर इसी मसले पर वकील सत्यम सिंह राजपूत ने एक पत्र याचिका भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को प्रेषित की थी।

जानें क्या है पूरा विवाद

लैब रिपोर्ट के हवाले से आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दावा किया था कि मंदिर के प्रसादम में प्रयोग होने वाले शुद्ध घी में जानवरों की चर्बी मिली है। इसके अलावा प्रसाद बनाने में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके बाद से देश में राजनीतिक भूचाल मचा हुआ है।

टीटीडी के कार्यकारी अधिकारी शामला राव ने जारी किया बयान

तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद पर तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी शामला राव ने कहा, "एक संवेदी पैनल स्थापित किया गया है जो सुगंध, स्वाद और बनावट के मापदंडों पर खाद्य नमूनों का मूल्यांकन करेगा। भगवान वेंकटेश्वर के लिए आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों या धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान हुए किसी भी 'दोष' को दूर करने के लिए, हर साल टीटीडी 'पवित्रोत्सवम' का आयोजन करता है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि भक्तों में विश्वास बहाल हो और वे शांत मन से प्रार्थना करें, कल एक दिवसीय 'संप्रोक्षण' और 'शांति होम' आयोजित किया जाएगा। इसके साथ, हम आशा कर रहे हैं कि देवालयम की पवित्रता बहाल होगी।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने पिछले तीन महीनों में पहली बार टीटीडी में घी में मिलावट की जांच करने की प्रणाली स्थापित की है, टीटीडी के इतिहास में हमने कभी भी बाहरी प्रयोगशालाओं में घी में मिलावट की जांच नहीं की है। हमारे पास जांच करने की आंतरिक क्षमता नहीं है। यह पहली बार है कि हमने जांच शुरू की है और हम इसे जारी रखेंगे। अगर कोई मिलावटी सामान सप्लाई करने की कोशिश करता है, तो हम स्वाभाविक रूप से उसे ब्लैकलिस्ट कर देंगे और अन्य कानूनी कार्रवाई भी करेंगे। टीटीडी एक इन-हाउस लैब स्थापित करने की भी कोशिश कर रहा है।"

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