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अमृतसर: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अमृतसर विस्फोट केस सुलझा लेना का दावा किया है। अमरिंदर ने बुधवार को कहा कि अमृतसर के राजसांसी में 18 नवंबर को निरंकारी भवन में जो हेंड ग्रेनेड फेंका गया था वह पाकिस्तान का बना हुआ था। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी। पंजाब सीएम ने धार्मिक स्थल पर हुए ग्रेनेड हमले को 72 घंटे के अंदर सुलझा लेने का दावा किया। संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमरिंदर ने इसे एक साम्प्रदायिक घटना होने से साफ इनकार करते हुए कहा कि इसका सीधा संबंध पाकिस्तान से है।

केस सुलझाने का दावा

अमरिंदर सिंह ने कहा कि अमृतसर ब्लास्ट एक संदिग्ध की गिरफ्तारी हुई है, जबकि एक की पहचान कर ली गई है। उन्होंने कहा- 'मुझे इस बात का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि इस घटना में शामिल एक आरोपी शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए शख्स का नाम 26 वर्षीय बिक्रमजीत सिंह है। जबकि, दूसरे शख्स की भी जल्द गिरफ्तारी की जाएगी। उसका नाम अवतार सिंह है।'

अमृतसर: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि राजासांसी के गांव अदलीवाल में निरंकारी भवन पर हुए ग्रेनेड हमले की जांच गंभीरता से की जा रही है। कैप्टन सिंह ने गुरूनानक देव अस्पताल में घायलों का हाल जानने के बाद पत्रकारों से कहा कि सरकार इस हमले को गंभीरता से ले रही है। उन्होंने कहा कि सभी घायल खतरे से बाहर हैं। उन्होंने घायलों को 50-50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता और मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी घोषणा की।

अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विशेष नाकेबंदी लगाकर जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस तथा एनआईए घटना की जांच कर रही है। साल 1978 में निरंकारियों पर हुए हमले संबंधी पूछने पर कैप्टन सिंह ने कहा कि यह एक आंतकवादी घटना है। 1978 की घटना एक धार्मिक घटना थी, इसलिए ग्रेनेड हमले को 1978 की घटना से जोड़ कर न देखा जाए।

चंडीगढ़/नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने रविवार को अमृतसर में हुए आतंकी हमले में पाकिस्तान की आईएसआई समर्थित खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकवादियों की भूमिका होने का संदेह जताया है। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा कि वह आतंकी ताकतों को राज्य में कड़ी मेहनत से हासिल की गई शांति को भंग नहीं करने देंगे। अमृतसर हमले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) करेगी। इसके लिए एनआईए की एक टीम रविवार रात तक घटनास्थल पर पहुंच गई। इस बीच पंजाब पुलिस ने दो और संदिग्धों को एक पिस्तौल और तीन जिंदा कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया है। मामले की जांच किसी और हमले की आशंका के एंगल से भी की जा रही है।

आईएसआई समर्थित आतंकियों पर शक

अमरिंदर ने एक आधिकारिक बयान में कहा, अमृतसर हमले में आईएसआई-समर्थित खालिस्तानी या कश्मीरी आतंकवादी समूहों की संलिप्तता की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि फोरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई है और सभी दृष्टिकोण से जांच की जा रही है। मुख्यमंत्री ने लोगों से दहशत में नहीं आने और शांत रहने की अपील की।

अमृतसर: पंजाब के अमृतसर में रविवार को बड़ी घटना को अंजाम दिया गया है। यहां के राजासांसी रोड पर स्थित निरंकारी भवन के अंदर मौजूद श्रद्धालुओं पर ग्रेनेड से हमला किया गया है। आईजी (बॉर्डर) सुरिंदर पाल सिंह परमार के अनुसार इस ब्‍लास्‍ट में तीन लोगों की मौत हुई है। साथ ही 15 लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि यह हमला उस दौरान हुआ जब निरंकारी भवन में सत्‍संग चल रहा था और बड़ी संख्‍या में लोग वहां मौजूद थे। बता दें कि पंजाब पुलिस ने तीन दिन पहले ही हाई अलर्ट भी जारी किया था। अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि इस हमले का कारण क्‍या था।

वहीं फॉरेंसिक टीम भी घटना की जांच के लिए घटनास्‍थल पर पहुंच गई है। साथ ही कुछ चश्‍मदीदों का कहना है कि बाइक से दो लोग इलाके में आए और निरंकारी भवन पर ग्रेनेड फेंका। इसके बाद वे फरार हो गए। उनका कहना है कि ग्रेनेड फेंकने वाले लोगों की उम्र अधिक नहीं थी। सेवादारों ने हमलावरों को पकड़ने की कोशिश भी की थी लेकिन वे भागने में सफल रहे। इस हमले के बाद पंजाब में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। साथ ही बीएसएफ को भी अलर्ट रहने को कहा गया है।

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