नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): दिवाली के दिन गुरुवार (31 अक्टूबर) को दिल्ली की हवा बेहद जहरीली हो गई। यहां एयर क्वलिटी 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई। इसके साथ ही रात में पटाखे जलाने के कारण सुबह तक इसके 'गंभीर' श्रेणी में पहुंचने की आशंका जताई जा रही है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम चार बजे 328 पहुंचा
दिल्ली में लोग गुरुवार की सुबह जब जगे, तो आसमान में धुंध की मोटी चादर छाई देखी। राष्ट्रीय राजधानी के आनंद विहार में हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही और एक्यूआई 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज किया गया। शहर का 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक शाम चार बजे 328 दर्ज किया गया, जो बुधवार को 307 था, जब छोटी दिवाली मनाई गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में दिवाली के दिन आसमान साफ था और धूप खिली रही थी। एक्यूआई 218 दर्ज किया गया था। जबकि 2022 में 312, 2021 में 382, 2020 में 414, 2019 में 337, 2018 में 281, 2017 में 319 और 2016 में 431 एक्यूआई दर्ज किया गया था।
पिछले साल पराली जलाने की घटनाओं में कमी, दिवाली से पहले बारिश और अनुकूल मौसमी परिस्थितियों के कारण त्योहार के बाद राष्ट्रीय राजधानी 'गैस चैंबर' में तब्दील होने से बच गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, अपराह्न तीन बजे प्रदूषक पीएम 2.5 का स्तर 145 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया। पीएम 2.5 सूक्ष्म कण हैं जो श्वसन तंत्र में गहराई तक प्रवेश कर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं।
एनसीआर में क्या है हाल
पिछले चार साल की तरह इस साल भी सरकार ने दिल्ली में पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री और इस्तेमाल पर व्यापक प्रतिबंध की घोषणा की है। दिल्ली के पड़ोसी क्षेत्रों जैसे गाजियाबाद, गुरुग्राम, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में वायु गुणवत्ता थोड़ी बेहतर रही और इसे ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
इसके विपरीत, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, फरीदाबाद की वायु गुणवत्ता 181 के साथ 'मध्यम' श्रेणी में रही। दिल्ली के 40 निगरानी केंद्रों में से 38 में हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में दर्ज की गई।
पटाखों पर लगा है बैन
इससे पहले दिवाली की पूर्व संध्या पर, दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने घोषणा की थी कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध क्रियान्वित करने के लिए 377 टीम गठित की गई हैं। उन्होंने कहा कि जागरूकता फैलाने के लिए अधिकारी रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए), बाजार संघों और सामाजिक संगठनों के संपर्क में हैं। पुलिस टीम यह सुनिश्चित करने के लिए गठित की गई हैं कि पटाखे न जलाए जाएं।
अधिकारियों के मुताबिक, "पटाखे जलाते पाये जाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सरकारी आदेशों का उल्लंघन करने के लिए उन पर बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की संबंधित धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है।"