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काहिरा: मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी ने रविवार को बताया कि मिस्र ने गाजा में दो दिवसीय युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है। इसका उद्देश्य कुछ फलस्तीनी कैदियों के लिए चार इजरायली बंधकों की अदला-बदली है। उन्होंने बताया कि इस प्रस्ताव में इजरायली बंधकों की रिहाई के अलावा 10 दिनों की बातचीत भी शामिल है। पिछले हफ्ते इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार ने इसे इजरायल की राष्ट्रीय सुरक्षा कैबिनेट में प्रस्तुत किया था। अधिकांश मंत्रियों और सुरक्षा अधिकारियों ने इस विचार का समर्थन किया, जबकि वित्त मंत्री बेजेलेल स्मोट्रिच और राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री इतामार बेन ग्विर ने इसका विरोध किया।

इजरायली बंधकों की रिहाई के बदले रखी ये शर्त

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस प्रस्ताव को मतदान के लिए न रखने का प्रस्ताव चुना। उन्होंने रोनेन बार को बातचीत के लिए मिस्र वापस भेज दिया। इजरायली मीडिया ने बताया कि हमास ने मिस्र के प्रस्ताव को स्वीकार करने की इच्छा जताई।

उन्होंने इजरायल से यह आश्वासन भी मांगा कि इजरायल भी मिस्र के प्रस्ताव का पालन करेगा। मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया ने बंधकों की रिहाई को लेकर सीआईए निदेशक बिल बर्न्स और कतर के प्रधान मंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी से बातचीत के लिए रविवार को दोहा का दौरा किया। मिस्र में हाल ही के बैठक में डेविड बार्निया ने बंधकों की रिहाई के बदले गाजा से निकलने का सुरक्षित मार्ग की पेशकश की थी

एक रिपोर्ट के अनुसार, हमास ने इस प्रस्ताव को तुरंत खारिज कर दिया।। हमास के उप-प्रमुख खलील अल-हया ने दावा किया कि यह प्रस्ताव हमास के बारे में इजरायल की गलतफहमी को दिखाता है। इसमें संघर्ष को और लंबा खींचने का जोखिम है। हालांकि, मिस्र बातचीत के लिए कोई प्रतिनिधिमंडल नहीं भेज रहा है। पिछले साल सात अक्तूबर को हमास ने इस्राइल पर हमला किया था। इस हमले में हजारों इस्राइली नागरिकों की मौत हो गई थी। हमले के साथ हमास ने 250 से अधिक लोगों को बंधक बना लिया था। ऐसा बताया जा रहा है कि 97 नागरिकों को हमास ने अभी तक बंधक बना रखा है।

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