अयोध्या: भारत में दिवाली की धूम है। देश का कोना-कोना रोशन है। प्रभु श्रीराम की अयोध्या नगरी में भव्य मंदिर बनने और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद ये पहली दीपावली है। बुधवार को छोटी दिवाली के मौके पर राम मंदिर में दीपोत्सव मनाया जा रहा है। इस बार सरयू नदी के तट पर 25 लाख दीये जलाए जाने हैं, इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने पहला दीया जलाकर दीपोत्सव कार्यक्रम की शुरुआत की।
कार्यक्रम की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की। सीएम योगी प्रभु श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण बने कलाकरों को पुष्पक विमान में लेकर पहुंचे। सीएम ने उनका स्वागत किया। फिर प्रभु श्रीराम, सीता माता और लक्ष्मण रथ पर सवार हुए। सीएम योगी ने श्रीराम का रथ खींचा। रथ के रामकथा पार्क पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने जयगान किया। जय श्रीराम के नारे लगते रहे।"
योगी ने राम-सीता और लक्ष्मण की आरती उतारी और राज तिलक किया। इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने राम मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना भी की।
अयोध्या नगरी में पिछले साल की तुलना में इस बार 1100 ज्यादा लोग सीएम योगी की मौजदूगी में विशेष आरती करेंगे।
सीएम ने कहा, "हजारों साल पहले 14 साल के वनवास के बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के अयोध्या आगमन और रामराज्य की शुरुआत की याद में भारतभर में भक्तों ने अपने घरों को दीपों की मालाओं से सजाकर इस त्योहार को मनाना शुरू किया था। इस साल की दिवाली ऐतिहासिक है, क्योंकि 500 साल के लंबे इंतजार के बाद भगवान श्रीरामलला अपने धाम में विराजमान हुए हैं।"
सीएम योगी ने कहा कि ये दीप जो आपके द्वारा जलाए जाएंगे, वो केवल दीप नहीं हैं। ये सनातन धर्म का विश्वास है। अयोध्या वासियों का आगे आना होगा। अयोध्या जैसी मथुरा-काशी दिखनी चाहिए।
अयोध्या के दीपोत्सव में क्या है खास:-
-अयोध्या के दीपोत्सव में रामकथा के प्रसंगों पर 11 रथों पर झांकी सजायी गई हैं।
-इस दौरान 16 राज्यों के 1200 कलाकारों ने प्रस्तुतियां दीं।
-10 स्थानों पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति 84 कोस के 200 मंदिरों में दीपोत्सव हुआ।
- प्रकाश मार्ग से अयोध्या धाम तक शोभायमान रहा।
-सरयू तट पर 25 लाख दीये जलाए जाएंगे।
-इस दौरान लेज़र शो और लाइटिंग शो भी हो रहा है।