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कोलकाता: चीनी राजदूत ने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी ने भारत-चीन संबंधों को सुधारने और उनको विकसित करने पर महत्वपूर्ण आम सहमति हासिल की और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास की दिशा में ले जाने का रास्ता तय किया।

दोनों देशों के संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश तय

चीन के राजदूत शू फीहोंग ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में हुई बैठक बहुत महत्वपूर्ण है। दोनों नेताओं के बीच यह बैठक रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर हुई थी। राजदूत ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच पांच वर्षों के बाद यह पहली औपचारिक बैठक थी। इस दौरान कई महत्वपूर्ण समझौते हुए और दोनों देशों के बीच संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए दिशा-निर्देश तय किए गए। राजदूत फीहोंग कोलकाता में मर्चेंट चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

चीनी राजदूत ने कहा कि दोनों नेताओं ने भारत-चीन संबंधों को सुधारने और उनको विकसित करने पर महत्वपूर्ण आम सहमति हासिल की और द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर विकास की दिशा में ले जाने का रास्ता तय किया। मोदी और शी की बैठक 23 अक्तूबर को रूस के कजान में हुई थी।

पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त के समझौते पर पूछे गए सवाल के जवाब में फीहोंग ने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस समझौते के मार्गदर्शन में भविष्य में संबंध सुचारू रूप से आगे बढ़ेंगे और दोनों पक्षों के बीच असहमतियों से प्रभावित नहीं होंगे। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम मतभेदों से किस तरह निपटते हैं।

चीनी राजदूत ने चीन और भारत के बीच सीधी उड़ानों के फिर से शुरू होने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, एक राजदूत के रूप में मैं इसका इंतजार कर रहा था, क्योंकि यह समय की बचत करता है। मैं केवल राजनीति ही नहीं, बल्कि व्यापार में भी सुचारू सहयोग की उम्मीद कर रहा हूं।

भारत-चीन सीमा पर तनाव में कमी का स्वागत: अमेरिका

इस बीच, अमेरिका ने कहा कि भारत और चीन की सीमा पर तनाव में किसी भी कमी का वह स्वागत करता है। अमेरिका ने यह भी कहा कि इस संबंध में भारत ने उसे जानकारी दी है। वाशिंगटन में नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि हम (भारत और चीन के बीच) घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे हैं। हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को हटाने के लिए प्रारंभिक कदम उठाए हैं। हम सीमा पर तनाव में किसी भी कमी का स्वागत करते हैं। एक सवाल पर मिलर ने कहा कि तनाव कम कराने में अमेरिका की कोई भूमिका नहीं है।

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