नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का दूसरा चरण लागू कर दिया गया है। इसके तहत डीजल जनरेटर और तंदूर में कोयले पर पाबंदी रहेगी। वाहन पार्किंग की फीस में भी बढ़ोतरी की जाएगी। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने सोमवार को वायु गुणवत्ता में गिरावट को देखते हुए यह फैसला किया।
क्या होता है ग्रैप फार्मूला?
ग्रैप को दिल्ली एनसीआर में प्रतिकूल वायु गुणवत्ता के चार अलग-अलग चरण के हिसाब से बांटा गया गया है। ग्रैप का चरण-1 उस वक्त लागू होता है, जब दिल्ली में एक्यूआई का स्तर 201-300 के बीच होता है। मौजूदा समय में दिल्ली में ग्रैप का चरण-1 ही प्रभावी था। ग्रैप का दूसरा चरण उस परिस्थिति में प्रभावी होता है, जब राजधानी में वायु गुणवत्ता सूचकांक 301-400 के बीच 'बहुत खराब' मापा जाता है।
चरण-3 'गंभीर' वायु गुणवत्ता के बीच लागू किया जाता है। इस वक्त दिल्ली में एक्यूआई 401-450 के बीच होता है। वहीं ग्रैप कार्य योजना का अंतिम और चरण-4 'गंभीर +' वायु गुणवत्ता की परिस्थिति में लागू किया जाता है।
दिवाली से पहले ही प्रदूषण के स्तर में इजाफा, विशेषज्ञ ने बताया क्या न करें
आरएमएल अस्पताल के डॉ. अमित जिंदल ने कहा, 'दिल्ली में हर साल दीवाली के मौसम के आसपास प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी देखी जाती है। इस साल प्रदूषण के स्तर में एक हफ्ते पहले से ही इजाफा हो गया है जिससे लोगों को समस्या हो रही है। हमने प्रदूषण से जुड़ी बीमारियों के लिए इलाज के लिए अलग से ओपीडी शुरू की है। हमारे पास सांस लेने में दिक्कत, त्वचा में जलन की समस्या, गले में खराश-जुखाम, सांस फूलना, आंखों में जलन से जुड़े मरीज आ रहे हैं। हमने एक एडवाइजरी बनाई है जिसमें दिया गया है कि क्या करें और क्या न करें।'