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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर रविवार को गहरी चिंता जताते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों के बाद भी हिंसा राज्य सरकार की नाकामी लगती है। पश्चिम बंगाल सरकार को दिये परामर्श में गृह मंत्रालय ने उससे कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन बनाये रखने को कहा। परामर्श में कहा गया है, ''पिछले कुछ सप्ताहों में जारी हिंसा राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखने और जनता में विश्वास कायम करने में राज्य के कानून प्रवर्तन तंत्र की नाकामी लगती है।"

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने आम चुनाव के बाद भी पश्चिम बंगाल में जारी हिंसा पर गहरी चिंता प्रकट की। परामर्श के अनुसार यह सुनिश्चित करने की पुरजोर सलाह दी गयी है कि कानून व्यवस्था, शांति और सार्वजनिक अमन चैन बनाये रखने के लिए सभी जरूरी कदम उठाये जाएं। इसमें कहा गया, ''अपनी जिम्मेदारी निभाने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया जाता है।" गृह मंत्रालय के अनुसार ताजा रिपोर्ट इशारा करती हैं कि शनिवार को उत्तरी 24 परगना जिले में चुनाव बाद हुए संघर्ष में चार लोग मारे गये।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना में शनिवार को भाजपा-तृणमूल कार्यकर्ताओं में हुई भिड़ंत में चार लोगों की मौत हो गई। वहीं, उत्तरी दिनाजपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस में हुई झड़प में कई लोग घायल हुए हैं। सूत्रों ने बताया कि 24 परगना के नजत इलाके में हुई झड़प में तीन भाजपा और एक तृणमूल कार्यकर्ता की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि भाजपा का झंडा उतारने को लेकर हुए विवाद में यह हिंसक झड़प हुई। हालांकि पुलिस ने मौतों की पुष्टि नहीं की है।

वहीं, उत्तरी दिनाजपुर स्थित गंगारामपुर में शनिवार को ही अभिनंदन यात्रा रोके जाने पर भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई। इसमें एक पुलिस उपनिरीक्षक सहित कई अन्य लोग घायल हो गए।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष सोमेन मित्र ने राज्य में भाजपा और आरएसएस के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि अगर उन्होंने ''पूरी तरह अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की नीति नहीं अपनाई होती तो भगवा दल को यहां बढ़त हासिल नहीं होती।" मित्र ने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करने वाली बनर्जी अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही हैं। उनका इशारा तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के भाजपा में शामिल होने की तरफ था।

मित्रा ने यहां संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि ममता ने आम चुनावों में विपक्षी एकता को ''कमजोर" किया जिससे भाजपा को फायदा मिला। बंगाल में भाजपा को 42 में से 18 सीटों पर जीत मिली, जबकि तृणमूल कांग्रेस को 22 सीटें हासिल हुईं। कांग्रेस को केवल दो सीट मिली, जबकि 2014 में पार्टी ने चार सीटों पर जीत दर्ज की थी। बंगाल में 34 वर्षों तक राज करने वाली माकपा एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर पाई। भारी जीत से खुश भाजपा नेताओं का कहना है कि 2021 के विधानसभा चुनावों में वे राज्य में तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकेंगे।

कोलकाता: लगभग तीन सप्ताह तक चले कानूनी दांव-पेंच और लुकाछिपी के बाद कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार करोड़ों के शारदा चिटफंड घोटाले की जांच के सिलसिले में शुक्रवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के समक्ष पेश हुए। फिलहाल खुफिया विभाग में अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर तैनात राजीव कुमार सुबह ही सीबीआई दफ्तर पहुंचे जहां उनसे दूसरी बार पूछताछ हुई। इससे पहले जांच एजेंसी ने बीती फरवरी में उनसे मेघालय की राजधानी शिलांग में पांच दिनों तक पूछताछ की थी।

इससे पहले बीते महीने सीबीआई ने उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया था। उसके बाद उनको समन भी भेजा गया था। सीबीआई कई बार उनको हिरासत में लेकर पूछताछ कर चुकी है। लेकिन अदालत की ओर से गिरफ्तारी से राहत मिलने की वजह से वह अब तक ऐसा नहीं कर सकी है। बीती 30 मई को कलकत्ता हाईकोर्ट ने उनको सशर्त राहत देते हुए 10 जुलाई तक गिरफ्तारी पर रोक लगी दी थी। पूर्व आयुक्त राजीव कुमार की एक याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने उनको राहत देते हुए अपना पासपोर्ट जमा करने और जांच में सीबीआई को सहयोग देने को भी कहा था।

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