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नई दिल्ली: पीएम मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में जो नेता शामिल नहीं हुए, उनमें पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी मुख्य रूप से शामिल हैं। पहले वह समारोह में शामिल होने के लिए तैयार थीं लेकिन जब भाजपा ने उन पर राजनीतिक हिंसा का आरोप लगाया तो उन्होंने समारोह में जाने से मना कर दिया और दिल्ली में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों के बीच वह पश्चिम बंगाल में धरना देते हुए दिखाई दीं। धरने पर बैठीं ममता ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, 'तुम अपनी संस्कृति से काम करो, हमें अपनी संस्कृति से काम करने दो।'

उन्होंने आरोप लगाया, 'भाजपा के गुंडे उनकी पार्टी के लोगों को डरा-धमका रहे हैं।' बता दें कि पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से इस बार भाजपा ने 18 सीटें जीतकर बंगाल में अपनी जमीन मजबूत कर ली वहीं टीएमसी ने 22 सीटें जीतीं। टीएमसी को 43.7 फीसदी वोट मिले और भाजपा को 40.6 फीसदी वोट मिले। भाजपा का वोट प्रतिशत टीएमसी के वोट प्रतिशत से ज्यादा रहा। जिसके बाद से टीएमसी के कई नेता भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को उस समय अपना आपा खो बैठीं जब कुछ लोगों के एक समूह ने 'जय श्री राम' के नारे लगाये। बनर्जी का काफिला उत्तरी 24 परगना जिले के संकटग्रस्त भाटपारा से गुजर रहा था तभी कुछ लोगों ने जय श्री राम के नारे लगाये जिसके बाद वह एक बार फिर अपना आपा खो बैठीं। तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) की प्रमुख लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद अपने पार्टी कार्यकर्ताओं पर हुई हिंसा के खिलाफ एक धरने में हिस्सा लेने के लिए नैहाटी जा रही थी।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में कुछ लोग उस समय जय श्री राम के नारे लगाते हुए नजर आ रहे हैं, जब बनर्जी का काफिला भाटपारा क्षेत्र से गुजर रहा था। इस क्षेत्र में चुनाव परिणामों की घोषणा होने के बाद से भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच हिंसा चल रही है। यह क्षेत्र भाजपा के नवनिर्वाचित सांसद अर्जुन सिंह का गढ़ माना जाता है। सिंह ने चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी को पराजित किया है। नाराज बनर्जी अपनी कार से बाहर आईं और उन्होंने अपने सुरक्षा अधिकारियों से इन पुरूषों के नाम लिखने को कहा।

कोलकाता: लोकसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायकों एवं नेताओं का पाला बदलने का सिलसिला जारी है। दो दिनों के भीतर तृणमूल कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं। ऐसे में बुधवार को टीएमसी की ओर से कहा गया कि यदि कुछ अवसरवादी विधायक अपनी निष्ठा छोड़ते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। तृणमूल कांग्रेस ने यह भी दावा किया कि भगवा पार्टी में शामिल होने वालों में से कुछ को ऐसा करने की धमकी दी गई थी।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तापस रॉय ने कहा, ‘यदि एक या दो अवसरवादी विधायक भाजपा में शामिल हो जाते है तो इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। कुछ अवसरवादी हैं और इनमें से कुछ को ऐसा करने के लिए धमकाया गया था।' बता दें बुधवार को तृणमूल विधायक मोनिरूल इस्लाम भाजपा में शामिल हो गए। मंगलवार को भी तृणमूल के दो विधायक और 50 से अधिक पार्षद भाजपा में शामिल हो गए थे। शामिल हुए विधायकों में भाजपा नेता मुकुल रॉय के पुत्र शुभ्रांशु रॉय भी शामिल हैं।

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 में नुकसान पहुंचाने के बाद भारतीय जनता पार्टी लगातार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को झटके दे रही है। बुधवार को तृणमूल कांग्रेस के विधायक मनिरुल इस्लाम भाजपा में शामिल हो गये। कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में टीएमसी विधायक मनिरुल इस्लाम समेत टीएमसी नेता गदाधर हाजरा, मोहम्मद आसिफ इकबाल और निमाई दास ने भी भाजपा का दामन थामा। इस तरह से देखा जाए तो टीएमसी छोड़कर में भाजपा में शामिल होने का सिलसिला जारी हो गया है, क्योंकि मंगलवार को भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि सात चरणों में टीएमसी नेताओं को वे पार्टी में शामिल कराएंगे।

इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में आतंक वाली राजनीति चल रही है। मैंने पहले भी कहा कि टीएमसी पार्टी के भीतर भी काफी अतंर्कलह है। दीदी के अहंकार के कारण वहां लोगों का दम घुट रहा है। इसलिए बड़ी संख्या में लोगों का विश्वास मोदी जी पर है। मोदी जी न सिर्फ बंगाल के अंदर शांति की स्थापना करेंगे, हिंसा समाप्त करेंगे बल्कि बंगाल का विकास करेंगे।

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