ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा खत्म करने के तरीकों पर चर्चा के लिए राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी की ओर से गुरुवार को बुलायी गई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों के बीच राज्य में शांति और सौहार्द कायम करने से जुड़े ''कुछ बिन्दुओं पर सहमति बनी। हालांकि राजनीतिक दलों की ओर से कोई संयुक्त घोषणापत्र नहीं आया। खास तौर से आम चुनावों के बाद एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे भाजपा और तृणमूल कांग्रेस ने भी कुछ नहीं कहा।

राजभवन की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, ''पश्चिम बंगाल में शांति और सौहार्द कैसे कायम किया जाए इस संबंध में राजनीतिक दलों के नेताओं ने खुलकर और विस्तार से अपनी बात रखी। राज्यपाल को लगता है कि सभी राजनीतिक दलों को राज्य और उसके लोगों के कल्याण के लिए सृजनात्मक कदम उठाने चाहिए। उन्होंने लोगों से साथ मिलकर शांति और सौहार्द कायम करने को कहा।" बयान के मुताबिक, सभी पक्षों में छह बिन्दुओं पर सहमति बनी। इनमें शांति, लोकतांत्रिक मूल्यों और सौहार्द कायम करने पर जोर दिया गया।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में हड़ताल पर बैठे जूनियर डॉक्टरों से कहा है कि चार घंटे के भीतर अपने काम पर लौटें। अगर आदेश का पालन नहीं किया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। लेकिन डॉक्टरों ने इस फरमान को नहीं माना। पश्चिम बंगाल में हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने दोपहर दो बजे तक काम पर लौटने के ममता बनर्जी के निर्देश को नहीं माना और कहा कि सरकारी अस्पतालों में सुरक्षा संबंधी मांग पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

कोलकाता में एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अपने दो सहकर्मियों पर हमले के बाद डॉक्टर मंगलवार से ही प्रदर्शन कर रहे हैं। पिछले तीन दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्से में चिकित्सा सेवा बाधित होने के मद्देनजर बनर्जी दोपहर में सरकारी एसएसकेएम अस्पताल पहुंची और काम पर नहीं लौटने को लेकर डॉक्टरों को कार्रवाई के प्रति आगाह किया।डॉक्टरों की एक टीम ने इस मुद्दे पर राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी से मुलाकात की और कहा कि उनके प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री का बयान अप्रत्याशित है।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आंदोलन कर रहे डॉक्टरों को निर्देश दिया है कि वे सभी चार घंटे के अंदर अपना काम शुरू कर दें। उन्होंने चेतावनी के लहजे में कहा कि अगर आंदोलन कर रहे डॉक्टर उनके आदेशों का पालन नहीं करते हैं तो फिर कार्रवाई के लिए तैयार रहें। गुरूवार को जिस वक्त ममता बनर्जी कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल में गई थीं, उन्हें जूनियर डॉक्टरों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था। उन डॉक्टरों ने ममता के सामने नारे लगाए- “हम न्याय चाहते हैं।”

ममती बनर्जी ने इस प्रदर्शन पर अपने गुस्से का इजहार करते हुए कहा उन सभी को चार घंटे के अंदर काम पर वापस लौट आने का आदेश दिया। उन्होंने कहा- “राज्य की तरफ से स्टैपेंड के लिए हर एक डॉक्टर को 25 लाख रुपये है, उसके बावजूद काम से भाग रहे हैं। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। क्या वे डॉक्टर्स हैं!”

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के एन त्रिपाठी ने राज्य में चुनाव के बाद हो रही हिंसा के मद्देनजर बृहस्पतिवार को प्रमुख राजनीतिक दलों की एक बैठक बुलायी है। राज भवन के सूत्रों ने बताया कि त्रिपाठी ने बंगाल के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों को एक पत्र भेजकर उनसे राजभवन में शाम चार बजे सर्वदलीय बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया है। इस पहल का स्वागत करते हुए पश्चिम बंगाल भाजपा इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्य सरकार को यह पहल करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा, ''हम फैसले का स्वागत करते हैं। हमें त्रिपाठी का पत्र मिला। हम कल की बैठक में शामिल होंगे। बहरहाल, तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने कहा कि उसे अभी कोई पत्र नहीं मिला है। एक वरिष्ठ टीएमसी नेता ने कहा, ''एक बार जब हमें पत्र मिल जाएगा तो हम इस पर फैसला लेंगे।

बता दें कि इससे पहले पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को लाल बाजार स्थित पुलिस मुख्यालय की ओर मार्च निकाला। विरोध प्रदर्शन कर रहे हजारों भाजपा कार्यकतार्ओं को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछारें छोड़ीं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख