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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर आरोप लगाया कि राज्य प्रशासन के कामकाज में वह लगातार हस्तक्षेप कर रहे हैं और उनसे कहा कि वह फैसला करें कि संवैधानिक धर्म की सीमा रेखा किसने लांघी है। दरअसल कोरोना संक्रमण के बीच पश्चिम बंगाल से कुछ ऐसे वीडियो और फोटो सामने आए जो कि राज्य सरकार पर सवाल खड़े करते हैं। इस मुद्दे को लेकर राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आमने-सामने हैं।

राज्यपाल को सात पन्ने के कड़े शब्दों में लिखे पत्र में बनर्जी ने कहा कि धनखड़ भूल गए हैं कि वह (ममता) एक गौरवशाली भारतीय राज्य की निर्वाचित मुख्यमंत्री हैं जबकि वह नियुक्त किए गए हैं। बनर्जी ने पत्र में कहा, ''यह आपको फैसला करना है कि किसने संवैधानिक धर्म का उल्लंघन किया है और संवैधानिक पदाधिकारियों में किसने मर्यादा के मूल नियमों को लांघा है। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में कोरोना वायरस (कोविड-19) की महामारी से सर्वाधिक प्रभावित जिलों के दौरे पर केंद्रीय टीमों को सहज सहयोग देने के लिए मुख्यमंत्री से आग्रह किया है।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्र को आश्वस्त किया कि वह लॉकडाउन से संबंधित उसके सभी आदेशों का पालन करेगी और उसने राज्य में जमीनी हालात का आकलन करने के लिए आने वाली दो केंद्रीय टीमों को पूरा सहयोग देने का भी भरोसा दिलाया। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि यह सच नहीं है कि राज्य सरकार ने दो अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) को कोई सहयोग नहीं दिया। उन्होंने एक टीम के साथ दो बैठकें की थी और दूसरी के साथ संपर्क में थे।

राज्य के मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव से कहा, ‘‘मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि माननीय उच्चतम न्यायालय के साथ-साथ आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी केंद्र सरकार के आदेशों को लागू किया जाएगा।’’

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में कोविड-19 की स्थिति का आकलन करने गई केन्द्रीय टीमों के साथ सहयोग न करने के आरोपों के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को पलवाटर करते हुए केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। ममता ने कहा कि राज्य को जान बूझकर बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बेबुनियाद खबरें प्रसारित की जा रही है कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस को लेकर कुछ ही लोगों की जांच की जा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने कोरोना वायरस से निपटने की तैयारी को लेकर बंगाल को भाषण सुनाया लेकिन जांच के लिए समुचित किट नहीं दी।

राज्य के मुख्य सचिव ने कहा कि बंगाल को जो 10 हजार रैपिट टेस्ट किट्स दी गईं थीं वे गड़बड़ थीं। रैपिट किट्स से 220 जांच की गई। सिर्फ समय की बर्बादी हुई। आरएनए एक्सट्रैक्टर और वीटीएम की सप्लाई बहुत कम होने के चलते जांच नहीं की जा सकती है। पश्चिम बंगाल के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) की तरफ से तीन तरह के कोविड-19 टेस्ट किट्स की सप्लाई की जाती है।

कोलकाता: लॉकडाउन के दौरान कोरोना संक्रमण के प्रसार कम करने के लिए राज्यों की तरफ से उठाए गए कदमों का आकलन करने को केन्द्र की तरफ से पश्चिम बंगाल भेजे जा रहे केन्द्रीय दल के फैसले पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी आपत्ति जताई है। ममता बनर्जी ने सोमवार को पूछा कि राज्यों में लॉकडाउन मानदंडों के क्रियान्वयन का आकलन करने के लिए किस आधार पर छह अंतर-मंत्रालयी केन्द्रीय दलों (आईएमसीटी) का गठन किया गया है। लॉकडाउन के नियमों के उल्लंघन की रिपोर्ट्स के बीच सेंट्रल इंटर- मिनिस्टीरियल टीमें (केन्द्रीय अंतर मंत्रालयी दलें) कोलकाता समेत सात जिलों का दौरा करेंगी।

ममता ने पीएम का लिखा खत

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को पत्र लिखते हुए कहा, “गृह मंत्री ने मुझसे फोन पर करीब एक बजे इस बारे में बात की कि अंतर मंत्रालयी केन्द्रीय टीमें मेरे राज्य का दौरा करेंगी। दुर्भाग्यवश, टीम कोलकाता में सुबह 10 बजकर 10 मिनट पर ही पहुंच चुकी थी, मेरे बातचीत से बहुत पहले ही।”

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