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नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता जा रहा है। भारत में कोरोना से 67 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं, 2200 से ज्यादा लोगों की अब तक मौत हो चुकी है। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत की। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगाया। ममता बनर्जी का केंद्र पर कोरोना के बहाने राजनीति करने का आरोप लगाया। सूत्रों ने बताया कि ममता ने कहा कि केंद्र सरकार सब कुछ पहले ही तय कर लेती है, हमसे तो कभी पूछा तक नहीं जाता है। ममता ने इस दौरान केंद्र पर भेदभाव करने का भी आरोप लगाया।

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बैठक में कहा कि हम एक राज्य के रूप में वायरस से मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। केंद्र को इस महत्वपूर्ण समय में राजनीति नहीं करनी चाहिए। हम अंतरराष्ट्रीय सीमाओं और अन्य बड़े राज्यों से घिरे हुए हैं। इससे निपटने में हम तमाम चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने आगे कहा कि सभी राज्यों को एक समान महत्व दिया जाना चाहिए और हमें टीम इंडिया के रूप में मिलकर काम करना चाहिए।

कोलकाता: कोरोना लॉकडाउन के दौरान पश्चिम बंगाल में प्रवासियों की ट्रेनों की एंट्री को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी को पत्र लिखा और आरोप लगाया कि उनकी सरकार प्रवासियों की ट्रेनों को राज्य में आने से रोक रही है, जो कि एक तरह से अन्याय है। इसके तुरंत बाद ममता की पार्टी टीएमसी ने पलटवार किया। तृणमूल कांग्रेस के अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल सरकार पर प्रवासियों को लेकर आने वाली ट्रेनों को न आने देने का आरोप लगाने वाले पत्र को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि आप आरोप साबित करें या माफी मांगें।

टीएमसी के अभिषेक बनर्जी ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह हफ्तों तक चुप्पी साधे रखने के बाद केवल झूठ से लोगों को गुमराह करने के लिए बोलते हैं। दरअसल, अपने पत्र में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर जाने वाली ट्रेनों को राज्य पहुंचने की अनुमति नहीं दे रही है जिससे श्रमिकों के लिए और दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर, शाह ने कहा कि ट्रेनों को पश्चिम बंगाल पहुंचने की अनुमति न देना राज्य के प्रवासी श्रमिकों के साथ 'अन्याय' है।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच कई मुद्दों पर तनातनी देखने को मिलती रहती है। अब प्रवासी मजदूरों को लेकर दोनों आमने-सामने आ गए हैं। जहां कई राज्य सरकारें प्रवासी मजदूरों के लिए राज्य सरकारें विशेष ट्रेनों का संचालन कर रही हैं। वहीं बंगाल सरकार ने ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।  इसे लेकर शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा है। पत्र में शाह ने कहा, 'प्रवासियों को घर पहुंचने में मदद करने के लिए राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है। बंगाल सरकार राज्य में प्रवासियों को ट्रेन तक नहीं पहुंचने दे रही है। बंगाल तक ट्रेनों को नहीं आने देना प्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय है। यह उनके लिए और अधिक कठिनाई पैदा करेगा।'

केंद्र सरकार द्वारा देश के विभिन्न हिस्सों से विभिन्न स्थानों तक के लिए प्रवासी मजदूरों के परिवहन की सुविधा के लिए चलाई जा रही 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनों का जिक्र करते हुए शाह ने कहा कि केंद्र की मदद से दो लाख से ज्यादा मजदूरों को उनके राज्य पहुंचाया गया है।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने गुरुवार को राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा से कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के लिए 14-सदस्यीय बोर्ड ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर्स नियुक्त करने की अधिसूचना जारी करने के संबंध में बात की। धनखड़ ने ट्वीट कर कहा कि कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के बारे में बुधवार को जारी अधिसूचना अभी तक उपलब्ध नहीं है। इसे बिना किसी देरी के राजभवन भेजा जाना चाहिए था। यह अधिसूचना मीडिया में है।

राज्यपाल ने कहा कि मुख्य सचिव को तत्काल निर्णय लेने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने को कहा गया है। इसके अलावा नगर निगम प्रशासन नियुक्त करने की पूरी प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी मांगी गई है। साथ ही उन लोगों के बारे में पूछा गया है जिन्होंने यह फैसला लिया है। अपने एक ट्वीट में राज्यपाल ने लिखा, “संविधान में प्रदत्त प्रावधानों की प्राथमिकता दी जानी चाहिए। किसी भी कीमत पर संविधान की अवहेलना ना हो। मेरे नाम से ऑर्डर जारी हुआ है और मुझे पता तक नहीं है। आखिर हम कहां जा रहे हैं?

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