ताज़ा खबरें
संसद में अडानी और संभल पर हंगामा,दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

कोलकाता: मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सॉलिसीटर जनरल से कहा कि वे मामले से संबंधित सभी स्वत: संज्ञान के मामलों के दस्तावेज पेश करें। हाईकोर्ट ने कहा कि यदि कोई चाहे तो बुधवार दोपहर 2.30 बजे तक इस मामले में दस्तावेज पेश कर सकता है।  
 
कलकत्ता हाईकोर्ट में हुई सुनवाई पर याचिकाकर्ताओं में से एक की वकील प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि एनएचआरसी पर पक्षपाती होने का आरोप राज्य सरकार लगा रही है और उसका यह भी कहना है कि कोई हिंसा हुई ही नहीं है। जबकि हिंसा हुई। ऐसे में इस मामले को स्वतंत्र एजेंसी को सौंपा जाना चाहिए।

23 जुलाई को हुई सुनवाई में कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की समिति द्वारा प्रस्तुत अंतिम रिपोर्ट पर जवाब देने के लिए 26 जुलाई तक का समय दिया था। मामले की अगली सुनवाई 28 जुलाई को हुई थी। 

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी और प्रसार भारती के पूर्व सीईओ जवाहर सरकार सोमवार को राज्यसभा के लिए उपचुनाव में निर्विरोध चुन लिए गए। नाम वापसी के लिए निर्धारित दोपहर का समय समाप्त होने के बाद उन्हें निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर दिया गया। 

राज्यसभा में 11 सांसदों के साथ टीएमसी तीसरी सबसे बड़ी पार्टी
टीएमसी से भाजपा में शामिल हुए दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से खाली हुई सीट पर दरअसल उनके खिलाफ भाजपा या आईएसएफ ने अपना उम्मीदवार नहीं उतारा था। इसके साथ ही भाजपा के 94 और कांग्रेस के 34 सांसदों के बाद राज्यसभा में 11 सदस्यों के साथ टीएमसी तीसरी सबसे ज्यादा सांसदों वाली पार्टी बन गई है। 

 

नई दिल्ली: राजनीति छोड़ने और सांसद का पद त्यागने का फैसला करने के एक दिन बाद ही पूर्व मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अपने इस फैसले को रद्द कर दिया। बॉलीवुड गायक से नेता बने सुप्रियो ने सोमवार को कहा कि वो बिना राजनीति रूप से सक्रीय रहे अपनी संसदीय जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहेंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड़ा से मुलाकात के बाद बाबुल सुप्रियो के इरादे में ये बदलाव सामने आया है।

बंगाल के आसनसोल से सांसद सुप्रियो को हालही केंद्रीय कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए राजनीति से अलविदा लेना का एलान किया था। उन्होंने लिखा था, 'जा रहा हूं.. अलविदा... अगर आप सोशल वर्क करना चाहते हैं तो वह बिना राजनीति में रहे भी कर सकते है।' कई विपक्षी पार्टियों जैसे टीएमसी प्रवक्ता कुनाल घोष ने इसे ड्रामा कहा था।

हालांकि, सांसद ने अपना रुख दोहराया है। जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, 'मैं सांसद बना रहूंगा, लेकिन राजनीति छोड़ दूंगा। मैं संवैधानिक पद पर बना रहूंगा। मैं किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल हुए बिना संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करूंगा।'

नई दिल्ली: दिल्ली के पांच दिन के दौरे पर आईं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शुक्रवार को वापस चली गई हैं। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी समेत कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। वापस जाते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'मैं हर दो महीने में एक बार दिल्ली आया करूंगी।' पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में टीएमसी के जीतने के बाद अपनी पहली दिल्ली यात्रा को उन्होंने 'सफल' बताया।

अपने भतीजे और तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी के घर से रवाना होने से पहले ममता बनर्जी ने कहा, 'यात्रा सफल रही। राजनीतिक कारणों से मेरी कई सहयोगियों से मुलाकात हुई। हम राजनीतिक मकसद से मिले थे। लोकतंत्र चलते रहना चाहिए। हमारा नारा है 'लोकतंत्र बचाओ, देश बचाओ'। मैं हर दो महीने में यहां आऊंगी।'

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से भी फोन पर बात की। उन्होंने कहा, "आज मैंने शरद जी से भी बात की। वह मुंबई चले गए। अगली बार उनसे भी मुलाकात होगी। लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी को एक साथ काम करना चाहिए। देश के लिए काम करना सबसे महत्वपूर्ण है। अगर लोकतंत्र खतरे में है, तो देश खतरे में है। लोकतंत्र बचाओ और देश बचाओ।"

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख