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नई दिल्ली: राजनीति छोड़ने और सांसद का पद त्यागने का फैसला करने के एक दिन बाद ही पूर्व मंत्री बाबुल सुप्रियो ने अपने इस फैसले को रद्द कर दिया। बॉलीवुड गायक से नेता बने सुप्रियो ने सोमवार को कहा कि वो बिना राजनीति रूप से सक्रीय रहे अपनी संसदीय जिम्मेदारी का निर्वहन करते रहेंगे। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड़ा से मुलाकात के बाद बाबुल सुप्रियो के इरादे में ये बदलाव सामने आया है।

बंगाल के आसनसोल से सांसद सुप्रियो को हालही केंद्रीय कैबिनेट से बाहर कर दिया गया था। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखते हुए राजनीति से अलविदा लेना का एलान किया था। उन्होंने लिखा था, 'जा रहा हूं.. अलविदा... अगर आप सोशल वर्क करना चाहते हैं तो वह बिना राजनीति में रहे भी कर सकते है।' कई विपक्षी पार्टियों जैसे टीएमसी प्रवक्ता कुनाल घोष ने इसे ड्रामा कहा था।

हालांकि, सांसद ने अपना रुख दोहराया है। जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, 'मैं सांसद बना रहूंगा, लेकिन राजनीति छोड़ दूंगा। मैं संवैधानिक पद पर बना रहूंगा। मैं किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल हुए बिना संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन करूंगा।'

साथ ही उन्होंने कहा, 'मैं कोई भी पार्टी ज्वाइन नहीं करूंगा. मैं बंगला छोड़ रहा हूं और कोलकाता या मुंबई शिफ्ट हो जाऊंगा।'

सुप्रियो ने साल 2014 में भाजपा के साथ जुड़कर सियासी पारी शुरू की थी। 2014 में भाजपा के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्हें केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बनाया गया था। हाल ही केंद्रीय कैबिनेट में हुए फेरबदल में उन्हें केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री के पद से हटा दिया गया था। कुछ महीने पहले बंगाल विधानसभा चुनाव में टॉलीगंज विधानसभा सीट से 50 हजार वोटों से हार गए थे।

 

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