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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव में लगातार सियासी उलटफेर हो रहे हैं। इस बीच टीएमसी के पूर्व सांसद दिनेश त्रिवेदी के भाजपा में शामिल हो गए हैं। यह जानकारी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दी। उन्होंने बताया कि करीब दो महीने पहले दिनेश त्रिवेदी ने देश की सेवा करने की बात कही थी। अब वह भाजपा में शामिल हो गए हैं। बता दें कि दिनेश त्रिवेदी ने राज्यसभा में टीएमसी से अचानक इस्तीफा दे दिया था। उस दौरान उन्होंने टीएमसी में घुटन होने का हवाला दिया था।

भाजपा में शामिल होने के बाद दिनेश त्रिवेदी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भ्रष्टाचार और हिंसा का आरोप लगाते हुए कहा कि बंगाल की जनता अब परिवर्तन चाहती है, ना कि भ्रष्टाचार और हिंसा। दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि मैं चुनावी प्रक्रिया में सक्रिय रहूंगा, चाहे मैं चुनाव लडूं या नहीं। दिनेश त्रिवेदी ने कहा कि बंगाल ने टीएमसी को रिजेक्ट कर दिया है। बंगाल की जनता अब विकास चाहती है, ना कि भ्रष्टाचार और हिंसा। बंगाल की जनता अब वास्तव में बदलाव के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि राजनीति कोई खेला नहीं है, बल्कि गंभीर कार्य है।

कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। इसे लेकर सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि आज हम 291 उम्मीदवारों की सूची जारी कर रहे हैं, जिसमें 51 महिला उम्मीदवार और 42 मुस्लिम उम्मीदवार शामिल हैं। मैं नंदीग्राम से चुनाव लड़ूगीं, भवानीपुर सीट छोड़ रही हूं।

ममता ने उम्मीदवारों की घोषणा करते हुए कहा कि मुझे लोगों का आशीर्वाद चाहिए। मुझ पर विश्वास रखें। सिर्फ तृणमूल कांग्रेस ही बंगाल के विकास के लिए काम कर सकती है, ताकि बंगाल देश के टॉप स्टेट बने। पिछले 10 सालों में हमने बहुत मेहनत की  है। कोरोना और अम्फान तूफान जैसी विपदाओं से पार पाया है। हमने अच्छा काम किया है।

ममता ने आगे कहा कि हमने कला, खेल, मीडिया और संस्कृति के क्षेत्रों से प्रतिष्ठित हस्तियों को टिकट दिए है। तृणमूल कांग्रेस के 23-24 मौजूदा विधायकों को उम्र और अन्य कारणों से इस बार चुनाव मैदान में नहीं उतारा गया है। सीएम ममता बनर्जी ने लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने का दावा किया और इसे सबसे आसान चुनाव करार दिया।

कोलकाता: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में केवल तीन सप्ताह रह गए हैं और ऐसे में भाजपा में जारी अंदरूनी कलह पार्टी के लिए चिंता का सबब बन गई है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी ममता बनर्जी की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए पूरे दमखम से जुटी है, तो दूसरी तरफ पार्टी के पुराने नेताओं और नए शामिल हुए नेताओं में टिकट बंटवारे समेत कई मुद्दों पर खींचतान शुरू हो गई है। पिछले कुछ वर्षों में बंगाल में जनाधार और वोट प्रतिशत में इजाफा करने वाले भगवा दल ने दूसरे दलों के नेताओं के लिए भी दरवाजे खोल दिए थे। चुनावी रणनीति के तहत कई अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं ने भी बंगाल में भाजपा का दामन थाम लिया।

भाजपा के सूत्रों ने कहा कि कई ऐसे वरिष्ठ नेता भी भगवा दल में शामिल हुए हैं, जिनके साथ पार्टी के पुराने नेताओं की उनके प्रतिद्वंद्वी दल में रहने के दौरान तनातनी रही थी। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक, इस रणनीति को अपनाने से पार्टी को शुरू में फायदा मिला, जिसने तृणमूल कांग्रेस को डूबता जहाज करार दिया था। हालांकि, बाद में यह पार्टी में अंदरूनी कलह का कारण बनकर उभरा है।

कोलकाता: चुनाव आयोग ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के सभी पेट्रोल पंप डीलरों को निर्देश दिया कि वे पेट्रोल पंपों परिसर से अगले 72 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर वाले सभी विज्ञापनों के होर्डिंग्स को हटा दें। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, चुनाव आयोग ने कहा कि इस प्रकार की तस्वीरों का उपयोग आचार संहिता का उल्लंघन करता है। 

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के अधिकारियों ने कोलकाता में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की थी और केंद्र की योजनाओं के साथ-साथ कोरोनवा टीकाकरण के बाद मिलने वाले प्रमाणपत्रों पर प्रधानमंत्री की तस्वीरों के उपयोग के संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि इन तस्वीरों के उपयोग से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है।

बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने चुनाव आयोग से हस्तक्षेप करने की मांग की और कहा कि पीएम मोदी की तस्वीरों का इस्तेमाल आधिकारिक मशीनरी के दुरुपयोग का उदाहरण है।उन्होंने कहा, 'पीएम मोदी इस विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के स्टार प्रचारक हैं।

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