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कोलकाता: मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने मंगलवार को दावा किया कि अगले 45 दिन में पूरे राज्य में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के झंडे फहराते दिखेंगे। संगमा हाल में कांग्रेस के 11 विधायकों के साथ ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पार्टी टीएमसी में शामिल हो गए थे।
संगमा ने कहा कि पूरा पूर्वोत्तर कांग्रेस का "सही विकल्प" चाहता है, जो ईमानदारी से भाजपा का मुकाबला कर सके और क्षेत्र के लोगों के हितों को बढ़ावा दे सके, और "अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (एआईटीसी) अध्यक्ष (ममता बनर्जी) वह ताकत हैं, जिनके पीछे उन्हें लामबंद होना चाहिये।
मेघालय के दो बार के मुख्यमंत्री रहे संगमा ने यहां टीएमसी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि विधायकों का पार्टी में शामिल होने का निर्णय रातोंरात नहीं लिया गया था और उन्होंने लंबे समय तक इस बात पर विचार-विमर्श किया था कि राज्य के लोगों के हितों की रक्षा कैसे की जाए, 'जो कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के तहत संभव नहीं था।'
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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपनी पार्टी का राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार करने के लिए अन्य पार्टी के नेताओं को तोड़ने का काम शुरू कर दिया है और इसमें उन्हें सफलता भी मिलती दिख रही है। बीते मंगलवार को जहां कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद और पूर्व कांग्रेस सांसद अशोक तंवर टीएमसी में शामिल हो गए वहीं बुधवार रात मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के साथ कांग्रेस के 11 विधायक भी टीएमसी में शामिल हो गए। इन सबके बीच अब ममता बनर्जी के एक बयान ने कांग्रेस को एक और बड़ा झटका दिया है। दरअसल, ममता से सोनिया से मुलाकात नहीं करने के बारे में सवाल पूछा गया था और जिस लहजे में उन्होंने जवाब दिया उससे साफ पता चल रहा है कि वह कांग्रेस को अब थोड़ा भी स्पेस देना नहीं चाहती हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने कहा इस बार मैंने मुलाकात के लिए सिर्फ प्रधानमंत्री का समय मांगा था। सभी नेता पंजाब के चुनाव में व्यस्त हैं।
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नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद ममता ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी के समक्ष बीएसएफ का मुद्दा उठाया। इसके अलावा त्रिपुरा हिंसा पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से बीएसएफ के बारे में चर्चा हुई। बीएसएफ पर हमारी दुश्मन नहीं है। वे सभी एजेंसियों की इज्जत करती हैं, लेकिन कानून-व्यवस्था जो राज्य का विषय है इससे उसमें टकराव होता है। उन्होंने आगे बताया कि पीएम से उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे को बेवजह छेड़ना ठीक नहीं है, इसके बारे में आप चर्चा करें और बीएसएफ के कानून को वापस लें।
बता दें कि बीएसएफ को पहले पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम राज्यों में पंद्रह किलोमीटर तक कार्रवाई करने का अधिकार था, उसे अब केंद्र या राज्य सरकार की अनुमति के बिना अपने अधिकार क्षेत्र को 50 किमी तक बढ़ाने के लिए अधिकृत किया गया है। ममता केंद्र सरकार के इस कदम का लगातार विरोध कर रही हैं।
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नई दिल्ली/कोलकाता: बंगाल में सत्तारुढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने त्रिपुरा में पार्टी की युवा इकाई की अध्यक्ष पर पुलिस की कथित बर्बरता और गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय के बाहर धरना दिया। तृणमूल सांसदों ने इस दौरान गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। तृणमूल सांसदों का आरोप है कि त्रिपुरा की घटना को लेकर उन्होंने गृह मंत्री से मिलने का समय मांग था लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया।
इसके बाद तृणमूल के सांसद नार्थ ब्लाक में गृह मंत्रालय के बाहर धरने पर बैठ गए और विरोध जताया। इस धरने में तृणमूल के 15 से ज्यादा लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों ने हिस्सा लिया। हालांकि बाद में गृह मंत्री ने मिलने का समय दे दिया। इसके बाद तृणमूल सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। मुलाकात के बाद तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि हमने (पार्टी सांसदों) ने त्रिपुरा की घटना से गृह मंत्री को अवगत कराया और राजनीति से उपर उठकर उनसे उचित कार्रवाई की मांग की है।
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