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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

नई दिल्ली: ऐसा लगता है कि इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा बनाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वादे ने भी उनके और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच का तनाव कम नहीं हो पाया है। बनर्जी ने सवाल किया कि केंद्र ने बोस की मौत से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक क्यों नहीं किया? उनकी पार्टी ने मांग की है कि जापान के रेनकोजी मंदिर में संरक्षित राख, जिसे स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की माना जाता है, उसे डीएनए विश्लेषण के लिए भेजा जाए। ममता बनर्जी ने उनकी 125वीं जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा, "आज तक हमें नेताजी के बारे में पूरी जानकारी नहीं है।"

मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, ममता बनर्जी ने कहा, "उन्होंने (केंद्र ने) कहा था कि जब वे सत्ता में आएंगे तो वे इस पर काम करेंगे लेकिन कुछ नहीं हुआ। वास्तव में, हमने (राज्य) नेताजी बोस की सभी फाइलों को जारी और सार्वजनिक कर दिया है।" नेताजी की मृत्यु पर विवाद बंगाल में एक बेहद भावनात्मक मुद्दा है और कई लोग अब भी मानते हैं कि उनकी मृत्यु 1945 में एक विमान दुर्घटना में नहीं हुई थी।

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में गुवाहाटी-बीकानेर एक्सप्रेस (15633) शाम के करीब पांच बजे पटरी से उतर गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस दुर्घटना में पांच यात्रियों की मौत हो गई है। वहीं, 45 से अधिक घायल हो गए हैं। मौके पर राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है।आपको बता दें कि मौके पर 51 एम्बुलेंस घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए पहुंची है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस ट्रेन की 12 बोगियां पटरी से उतर गई हैं। इस ट्रेन में 308 यात्री सवार थे। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन दिल्ली से घटनास्थल के लिए रवाना हुए हैं। उनके साथ डीजी सेफ्टी भी हैं। रात का समय हो जाने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में दिक्कतें आ रही हैं। मौके पर सीआरपीएफ भी पहुंच रही है। एडीआरएफ की दो टीमें सिलिगुड़ी से जलपाईगुड़ी के लिए रवाना कर दी गई है।

आपको बता दें कि इस दुर्घटना की उच्च स्तरीय सुरक्षा जांच के आदेश दिए गए हैं। रेलवे के मुताबिक, 12 कोच प्रभावित हुए हैं। दुर्घटना राहत ट्रेन और मेडिकल वैन के साथ डीआरएम और एडीआरएम मौके पर पहुंच चुके हैं।

कोलकाता: विपक्ष की यह शिकायत आम है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार, राज्‍य की परियोजनाओं का श्रेय ले लेती है। पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने भी शुक्रवार को फिर इस ओर ध्‍यान आकर्षित किया। एक आधिकारिक समारोह में पीएम नरेंद्र मोदी से मुखातिब होते हुए ममता ने 'एलान' किया कि जिस परियोजना का उद्घाटन उन्‍हें (पीएम को) करना है, दरअसल उसका शुभारंभ राज्‍य सरकार बहुत पहले कर चुकी है। अवसर था कोलकाता में चितरंजन नेशनल कैंसर इंस्‍टीट्यूट के दूसरे परिसर के शुभारंभ का। पीएम ने दिल्‍ली से वर्चुअली समारोह में शिरकत करते हुए यह उद्घाटन किया। वे ऑनलाइन  कार्यक्रम में हिस्‍सा ले रहे थे।

जब ममता की बोलने की बारी आई तो उन्‍होंने कहा, 'मैं पीएम के कारण इस कार्यक्रम में आई हूं क्‍योंकि प्रधानमंत्रीजी वर्चुअली इस प्रोजेक्‍ट का उद्घाटन कर रहे हैं।' मुख्‍यमंत्री ने कहा, 'केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने मुझे दो बार फोन किया, ऐसे में मैंने सोचा कि कोलकाता के इस कार्यक्रम में पीएम ने रुचि ली है। मैं उन्‍हें जानकारी देना चाहती हूं कि हमने इस कार्यक्रम से पहले उद्घाटन किया है। हमने यह कैसे किया?

कोलकाता: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत ने अपने नागरिकों को महामारी रोधी टीके की 150 करोड़ खुराक देकर एक ‘‘ऐतिहासिक मुकाम’’ हासिल किया है और दुनिया के ज्यादातर बड़े-बड़े देशों के लिए भी यह किसी आश्चर्य से कम नहीं है।

कोलकाता स्थित चित्तरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई) के दूसरे परिसर का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उपलब्धि भारत के 130 करोड़ लोगों के सामर्थ्य का प्रतीक है।

इस अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया सहित कई केंद्रीय मंत्री व नेता उपस्थित थे। इस परिसर का निर्माण 530 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसमें केंद्र सरकार ने करीब 400 करोड़ रुपये दिए हैं जबकि शेष राशि पश्चिम बंगाल सरकार ने खर्च की।

सीएनसीआई पर कैंसर मरीजों का भारी बोझ था और पिछले कुछ समय से इसके विस्तार की जरूरत महसूस की जा रही थी। सीएनसीआई के नये परिसर के बन जाने से उसपर पड़ने वाला बोझ कम होगा।

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