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कोलकाता: पश्चिम बंगाल में तीसरे चरण के चुनाव के लिए शुक्रवार शाम चुनाव प्रचार थम गया। तीसरे चरण  में 17 अप्रैल को उत्तरी बंगाल के छह जिलों समेत कुल सात जिलों के 56 विधानसभा क्षेत्रों में मत डाले जाएंगे। इस चरण में उत्तरी बंगाल के अलीपुरद्वार के पांच, जलपाईगुड़ी के सात, उत्तरी दिनाजपुर के नौ, दक्षिण दिनाजपुर और दार्जिलिंग के छह-छह और मालदा के 12 विधानसभा क्षेत्रों में मत पड़ेंगे। दक्षिणी बंगाल के एक मात्र जिला बीरभूम के 11 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान होंगे। तीसरे चरण में करीब 1.22 करोड़ मतदाताओं के पास मत डालने का अधिकार है। 13,645 मतदान केंद्रों पर 33 महिला उम्मीदवारों सहित 383 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होगा। इस चरण में सबसे अधिक मतदाता जलपाईगुड़ी के दाबग्राम-फुलबारी विधानसभा क्षेत्र में हैं, जबकि क्षेत्रफल की दृष्टि से दर्जिलिंग सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है। मतदाताओं की संख्या के हिसाब से बीरभूम सबसे छोटा विधानसभा क्षेत्र है। बड़े नेताओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और माकपा के प्रदेश सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने अपनी-अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किए।

कोलकाता: चुनाव आयोग द्वारा पश्चिम बंगाल में चार पुलिस अधिकारियों को हटाने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को आयोग पर हमला बोलते हुए कहा कि वह विपक्ष के 'शिकायतों के सिंडिकेट' के इशारे पर ऐसा कर रहा है। ममता ने कहा, 'उन्हें कोई काम नहीं है। कुछ दिन पहले उन्होंने दो ओसी (लाभपुर और मयूरेश्वर पुलिस थानों के प्रभारी) को हटाया था। अब उन्होंने एक बार फिर गुरुवार को अधिकारियों को हटा दिया है। मैं समझ नहीं पा रही हूं कि 'शिकायतकर्ताओं के सिंडिकेट' की समस्या क्या है। क्या ओसी मतदान करते हैं या आईसी मतदान करने जाते हैं? मतदान करने प्रदेश के लोग जाते हैं।' ममता ने नादिया जिले में एक चुनावी रैली में कहा, 'वे एक अधिकारी के खिलाफ दूसरे को खड़ा कर रहे हैं। वे माकपा, भाजपा और कांग्रेस के कहने पर अच्छे अधिकारियों को हटा रहे हैं।' चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ ने गुरुवार को अपने बंगाल दौरे में कई आदेश जारी किए।

रानाघाट: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को भी चुनाव आयोग के खिलाफ अपना रुख बरकरार रखते हुए कहा कि वह जो चाहे करेंगी और जो चाहे कहेंगी और पुलिस अधिकारियों के तबादले से उनकी पार्टी की चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आदर्श चुनाव आचार संहिता के कथित उल्लंघन पर चुनाव आयोग की ओर से कारण बताओ नोटिस जारी होने के एक दिन बाद ममता ने नादिया जिले में चुनावी सभाओं में कहा, 'मैं जो चाहे करूंगी और जो चाहे कहूंगी। अगर कोई मुझे धमकाएगा तो मैं चिंघाड़ूंगी। पुलिस अधिकारियों के तबादले से हमारी (तृणमूल की) चुनावी संभावनाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा, हम सियासत में धमकियों पर यकीन नहीं करते।' मुख्यमंत्री ने दावा किया कि चुनाव आयोग अकारण ही पुलिस अधिकारियों का तबादला कर रहा है, लेकिन पुलिस के कुछ आईसी और ओसी के तबादले से बाकी एकताबद्ध होंगे। 'सभी पुलिस अधिकारी हमारे लोग हैं।' ममता ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग सिर्फ विपक्ष प्रायोजित ‘सिंडिकेटों' की शिकायत पर कार्रवाई कर रहा है और पुलिस अधिकारियों का तबादला कर रहा है।

सूरी (पश्चिम बंगाल): चुनाव आयोग के कारण बताओ नोटिस पर तीखी प्रतिक्रिया करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आयोग को उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ललकारा और कहा कि राज्य के लोग 19 मई को उससे कारण पूछेंगे। 19 मई को राज्य विधानसभा चुनाव के नतीजे आएंगे। ममता ने सूरी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'अभी सुना कि उन्होंने (चुनाव आयोग ने) मुझे कारण बताओ नोटिस जारी किया है, क्योंकि मैंने कहा था कि मैं इंच दर इंच देखूंगी। मुझे जो अच्छा लगा मैंने कहा। मैं फिर कहूंगी, हजार बार कहूंगी करोड़ों बार कहूंगी, आपको (आयोग को) जो करना हो कर लीजिए।' इससे पहले चुनाव आयोग ने कहा था कि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख को नया जिला आसनसोल बनाने और उनकी दूसरी टिप्पणियों के चलते कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। बहरहाल, ममता ने दावा किया कि चुनाव आयोग ने उन्हें कारण बताओ नोटिस इसलिए जारी किया, क्योंकि उन्होंने यह टिप्पणी की थी कि वह चुनाव के बाद प्रतिद्वंद्वी पार्टियों से मुकाबला करेंगी। तृणमूल प्रमुख ने कहा, 'आप मेरे खिलाफ क्या करेंगे। आपने मेरे अधिकारी का तबादला कर दिया।

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