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कोलकाता: ‘पनामा पेपर्स’ लीक मामले में कई एजेंसियों की जांच जारी होने के बीच वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रविवार को कहा कि जब इस मामले का ब्योरा सामने आएगा तो कांग्रेस के पास इसका जश्न मनाने के बहुत कारण नहीं रहेंगे। पनामा पेपर्स में कथित तौर पर भारतीयों के विदेशी कर पनाहगाहों में निवेश की बात सामने आई है। उन्होंने यह भी कहा कि ‘बेहद निष्पक्ष तरीके से’ जांच चल रही है और कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) की मांगों को खारिज कर दिया कि उन्हें खुद को मामले से अलग कर लेना चाहिए। लीक दस्तावेजों में नामित एक व्यक्ति का करीबी होने के आधार पर खुद को मामले से अलग कर लेने की विपक्ष की मांग से जुड़े एक सवाल के जवाब में जेटली ने कहा, ‘मुझे उनकी दलील समझ में नहीं आई।’ वह यहां प्रेस क्लब में प्रदेश भाजपा द्वारा आयोजित मीडिया संवाद में संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। जांच की निष्पक्षता से जुड़े सवाल पर केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यह बेहद निष्पक्ष है और कई एजेंसियां जांच कर रही हैं।

कोलकाता: निर्वाचन आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आसनसोल की रैलियों में हुए भाषणों का अध्ययन कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन भाषणों में कहीं किसी तरह चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन तो नहीं हुआ। इसके साथ ही आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार अब्दुर रजाक मुल्ला की टिप्पणियों को लेकर उनकी निन्दा की। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘(मोदी और ममता) की चुनाव रैलियों की सीडी दिल्ली स्थित भारत निर्वाचन आयेाग को भेज दी गई हैं। हमारी मीडिया प्रमाणन और निगरानी समिति के पास उनके भाषणों की वीडियो फुटेज हैं।’ उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की टीम तय करेगी कि क्या किसी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन हुआ है। दो दिन पहले एक चुनाव रैली में मोदी ने आरोप लगाया था कि टीएमसी (तृणमूल कांग्रेस) का मतलब ‘टेरर (आतंक), मौत और करप्शन (भ्रष्टाचार)’ है।

गुवाहाटी/कोलकाता: पश्चिम बंगाल और असम में अगले चरण के चुनाव के लिए आज (शनिवार) प्रचार अभियान थम गया। असम की कुल 126 विधानसभा सीटों में शेष बची 61 सीटों के लिए दूसरे एवं आखिरी चरण का मतदान 11 अप्रैल होगा जहां भाजपा कांग्रेस से सत्ता छीनने की कोशिश में है। आगामी 11 अप्रैल को ही पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर, बांकुरा एवं वर्धमान जिलों में 31 सीटों वर मतदान होगा। इस चरण में कई विपक्षी नेताओं की किस्मत का फैसला होना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम में दोनों चरणों में भाजपा-अगप-बीपीएफ के मोर्चे के लिए चुनाव प्रचार किया। कांगेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी का प्रचार किया। इस चरण में घुसपैठ का मुद्दा हावी रहा। निचली एवं मध्य असम के इलाके में कई विधानसभा क्षेत्रों में अल्पसंख्यक आबादी अच्छीखासी है। भाजपा ने भारत-बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह सील करके घुसपैठ पर लगाम लगाने का वादा किया और कांग्रेस ने दलील दी कि असम में कोई बांग्लादेशी नहीं है और तरूण गोगोई सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर को अपडेट करने के लिए कदम उठाया ताकि इस मुद्दे का समाधान हो सके। कांग्रेस और भाजपा ने भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के मुद्दे लेकर एक दूसरे पर निशाना साधा।

आसनसोल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक चुनावी सभा में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला था। पीएम के हमले के एक दिन बाद ममता बनर्जी ने कहा कि पीएम मोदी के शब्द उनके पद की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं। यही नहीं उन्होंने पीएम मोदी के ही स्टाइल में बीजेपी का फुलफॉर्म बताते हुए पार्टी को 'भयानक जाली पार्टी' करार दिया और कहा कि हिम्मत है तो उन्हें गिरफ्तार करें। आसनसोल में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए 'दीदी' ने कहा, 'मैं सिर ऊंचा करके लड़ती हूं। मैंने आजतक किसी के सामने अपना सिर नहीं झुकाया। अगर प्रधानमंत्री की ऐसी चाहत है तो वे मुझे गिरफ्तार करवा दें, मुझे परवाह नहीं है।' बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने भी आसानसोल के इसी इलाके में 1 रैली की थी। ममता बनर्जी ने कहा कि वे प्रधानमंत्री की 'घरेलू नौकर' नहीं हैं। यही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री पर आरएसएस के कार्यकर्ता की तरह बोलने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'बड़े-बड़े भाषण देना आसान होता है, लेकिन लोगों के लिए काम करना मुश्किल। प्रधानमंत्री तो स्वयं सेवक साखा के कार्यकर्ता की तरह बोलते हैं।' प्रधानमंत्री द्वारा उन पर हमला किए जाने पर दुख प्रकट हुए ममता बनर्जी ने कहा कि कोई भी जब जनता के बीच जाता है तो उसे पूरी तैयारी के साथ जाना चाहिए।

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