ताज़ा खबरें
किसान आंदोलन: एसकेएम नेता डल्लेवाल को पुलिस ने हिरासत मे लिया
कन्नौज में एक्सप्रेस-वे पर दुर्घटना, सैफई में तैनात पांच डॉक्टरों की मौत
संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना
दिल्ली-यूपी में बढ़ी ठंड, हिमालयी क्षेत्रों में बर्फबारी; तमिलनाडु में तूफान

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इंटरनेट के माध्यम से उपलब्ध स्ट्रीमिंग सर्विसेज पर सेंसरशिप लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने अपने विस्तृत पत्र में लिखा है कि नियम एवं अधिनियम में अस्पष्टता के कारण समाज में स्ट्रीमिंग सर्विसेज के माध्यम से दिखाये जाने वाले अश्लील एवं हिंसक कार्यक्रमों के नकारात्मक प्रभावों के कारण अपराधों में वृद्धि हो रही है। अत: ऐसे कार्यक्रमों के निर्माण एवं प्रसारण को अपराध मानते हुये इन पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। साथ ही, अभिभावकों, शैक्षिक संस्थानों एवं गैर-सरकारी संगठनों के सहयोग से व्यापक जागरूकता अभियान चलाना भी आवश्यक है।

मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को भेजे गये अपने पूर्व पत्र (दिसंबर 2019) का भी हवाला दिया है, जिसमें इंटरनेट पर उपलब्ध ऐसी पोर्न तथा अनुचित सामग्री पर प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया गया था। मुख्यमंत्री ने पुन: इसी विषय से संबंधित एक महत्वपूर्ण बिंदु पर प्रधानमंत्री का ध्यान आकृष्ट किया है।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को कहा कि अन्य राज्यों से बिहार लौटे प्रवासी अब काम करने के लिए बाहर नहीं जाना चाहते। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार ऐसे लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने की कोशिश कर रही है। नीतीश ने शनिवार को प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की जा रही 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' के शुभारंभ कार्यक्रम में वचुर्अल रूप से जुड़ते हुए कहा, लॉकडाउन के दौरान मैंने बिहार लौटे मजदूरों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। मुझे लगा कि वे काम के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते। ऐसी योजनाएं लौटे मजदूरों के लिए लाभकारी हाेगी।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में कहा कि केंद्र की अगुवाई में शुरू होने वाली यह योजना उन प्रवासी श्रमिकों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी जो अभी दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते हैं। उन्होंने गरीब कल्याण रोजगार योजना को प्रवासी मजदूरों के लिए केंद्र सरकार की ओर से तोहफा बताते हुए कहा कि यह बहुत बड़ी योजना है, इसका लाभ गरीबों को मिलेगा।

नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने रविवार को बिहार में विपक्ष को अपनी आवाज देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कथित रूप से कोविड-19 के प्रकोप के बाद लगभग तीन महीने तक आधिकारिक निवास से बाहर नहीं निकलने का आरोप लगाया। किशोर, जो दो साल पहले संगठन में शामिल होने के हफ्तों बाद नीतीश कुमार की अध्यक्षता में जनता दल (यूनाइटेड) में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत हुए थे, लेकिन इस साल के शुरू में अनुशासनात्मक आधार पर निष्कासित कर दिए गए थे। 

उन्होंने एक ट्वीट के जरिए सत्तारूढ़ एनडीए पर हमला करते हुए कहा कि बिहार में जब स्थिति गंभीर है, ऐसे समय में विधानसभा चुनावों की तैयारी करना सही नहीं है। किशोर ने एक ट्वीट में कहा, 'तीन महीनों से कोरोना के डर से अपने आवास से ना निकलने वाले नीतीश कुमार समझते हैं कि लोगों के घरों से निकलकर चुनाव में भाग लेने में कोई ख़तरा नहीं है।' देश में सबसे कम टेस्टिंग, 7-9% पॉज़िटिव केस दर और 6 हज़ार से ज़्यादा केस के बावजूद बिहार में करोना के बजाय चुनावों की चर्चा है।

सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी जिले में शुक्रवार को भारत-नेपाल सीमा के पास गोलीबारी के बाद नेपाल सुरक्षा बलों द्वारा हिरासत में लिए गए एक व्यक्ति को शनिवार को रिहा कर दिया गया। रिहा हुए व्यक्ति का नाम लगन किशोर है। सुरक्षा बलों द्वारा रिहा किए जाने के बाद वह सीतामढ़ी लौट आया है।  किशोर ने बताया कि गोलीबारी शुरू होने पर हम भारतीय क्षेत्र की तरफ भाग गए, लेकिन वे मुझे घसीटते हुए नेपाल क्षेत्र की तरफ ले गए और राइफल की बट से मुझे मारा। उसने बताया कि इसके बाद नेपाली सुरक्षा बल उसे नेपाल के संग्रामपुर में ले गए। उसने बताया कि उन्होंने मुझे यह कबूल करने को कहा कि मुझे नेपाल से यहां लाया गया है। मैंने उनसे कहा कि आप मुझे मार सकते हैं लेकिन मैं झूठ नहीं बोलूंगा। मुझे भारत से यहां लाया गया था।

बता दें कि, शुक्रवार को बिहार के सीतामढ़ी में भारत-नेपाल सीमा के पास गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हुए। बिहार क्षेत्र के सशस्त्र सीमा बल के आईजी ने इसकी पुष्टि की थी। स्थानीय लोगों का कहना था कि नेपाल की तरफ से गोलीबारी की गई थी। 

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख