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पटना: बिहार में रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ऑनलाइन रैली से कुछ घंटे पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने विरोध जताते हुए थाली पीटी और शंख बजाए। राजद नेता तेजस्वी यादव ने भाजपा की रैली को कोविड-19 और लॉकडाउन से हुए विनाश का सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा उत्सव करार दिया। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 10, सर्कुलर रोड आवास के बाहर बड़ी संख्या में राजद कार्यकर्ता जमा हुए जहां खुद राबड़ी, उनके दोनों पुत्र तेजस्वी तथा तेज प्रताप यादव और अन्य पार्टी नेता चम्मच से थाली बजा रहे थे। वे सभी वहां बनाए गए गोलों के अंदर खड़े होकर सामाजिक दूरी प्रदर्शित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास से कुछ कदमों की दूरी पर स्थित प्रदर्शन स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। पास में ही भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय का भी आवास है जिनकी महामारी से निपटने के तरीके को लेकर विपक्ष आलोचना कर रहा है। 

 

दूसरी तरफ, अमित शाह ने पहली वर्चुअल रैली 'बिहार जनसंवाद' को संबोधित करते हुए कहा, बिहार की भूमि से सबसे पहले दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव हुआ। महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। जिसने अफगानिस्तान से लंका तक अखंड भारत के सपने को साकार किया। बुध और महावीर, चंद्रगुप्त और चाणक्य की इस भूमि ने इस भारत का नेतृत्व किया है। जब कभी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलावड़ हुआ, बिहार से ही बिगुल फूंका गया।

अमित शाह ने कहा, जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल से लोकतंत्र का गला घोंटा तो बिहार ने ही जेपी के नेतृत्व में आंदोलन करके लोकतंत्र को बहाल किया। जॉर्ज साहब और राममनोहर लोहिया जी की भी यही कर्मभूमि है। बिहार ने भ्रष्टाचार, परिवारवाद के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी और सामाजिक न्याय के झंडे को बुलंद किया। अभी कुछ लोगों ने थाली बजाकर रैली का स्वागत किया। मुझे अच्छा लगा देर सवेर उन्होंने मोदी जी की अपील को माना और कोरोना के खिलाफ थाली बजाकर जंग में जुड़ गए।

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