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पटना: कोरोना संक्रमण के बीच बिहार सरकार ने कोरोना लॉकडाउन 5.0 की घोषणा कर दी है। हालांकि इस बीच सरकार ने लोगों को राहत देते हुए कई गाइडलाइन जारी की है। नीतीश सरकार ने लोगों को बड़ी राहत देते हुए बिहार में सोमवार से राज्य के अंदर बस समेत सभी पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन के परिचालन की अनुमति दे दी है। प्रदेश में रविवार को क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू कराने की घोषणा की गई है।

इस संबंध में प्रदेश के सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को निर्देश जारी कर दिया गया है है। हालांकि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बसों एवं सभी पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन का परिचालन एक सीट एक व्यक्ति के सिद्धांत के अनुसार किया जा सकेगा। वहीं राज्य में ई-रिक्शा, ऑटो रिक्शा, टैक्सी, ओला, उबर का परिचालन कंटेनमेंट क्षेत्र को छोड़कर अनुमान्य होगा।

8 से शर्तों के साथ आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां शुरू होंगी

इससे पहले बिहार की नीतीश सरकार ने 8 जून से कई आर्थिक और सामाजिक गतिविधियां शुरू करने का एलान किया है।

पटना: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए लॉकडाउन को 30 जून तक बढ़ा दिया है। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के चौथे चरण का आज आखिरी दिन है। इसी बीच बिहार सरकार ने रविवार को एलान किया कि राज्य में एक महीने के लिए कोरोना लॉकडाउन को बढ़ाया जा रहा है। इस संबंध में गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने अपने आदेश में कहा है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए 30 मई 2020 को एक दिशानिर्देश जारी किया है।

बिहार सरकार ने विचार विमर्श के बाद यह निर्णय लिया है कि गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों को राज्य में यथावत लागू एवं अनुपालन किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव गृह ने अपने आदेश में कहा है कि राज्य सरकार के सभी विभागों एवं क्षेत्रीय प्रशासन के सभी अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि गृह मंत्रालय के उपयुक्त आदेश एवं दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। यहां गौर करने वाली बात है कि केंद्र सरकार के दिशा निर्देश में 8 जून से लॉकडाउन को चरणबद्ध तरीके से खोलने की बात भी कही गई है। हालांकि बिहार सरकार के आदेश में ऐसी कोई बात नहीं है।

पटना: अगर आप बिहार में हैं, जहां शराबबंदी है और आप शराब पीते या बेचते गिरफ़्तार हुए हैं तो पटना हाई कोर्ट ने ज़मानत का एक नया नुस्ख़ा दिया है कि शराब बरामद होने के हिसाब से राशि जमा कराने की सहमति देने वाले अभियुक्तों को रिहा कर दिया जायेगा, लेकिन आरोपियों को ये पैसा पीएम केयर्स फंड में जमा करना होगा। पटना हाईकोर्ट में न्यायाधीश अंजनी कुमार शरण ने शनिवार को एक नहीं बल्कि शराबबंदी से सम्बंधित कई मामलों में ये फ़ैसला दिया है। जिससे अनुमान है कि पीएम केयर्स फंड में कम से कम तीन लाख रुपये जमा हुए होंगे।

कोरोना को रोकने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के समय शराबबंदी के मामलों में पटना हाइकोर्ट ने यह फैसला दिया है। कोर्ट ने निचली अदालत को आदेश दिया कि किसी आरोपी का ज़मानत याचिका तभी स्वीकार किया जाये जब वो पीएम केयर्स फंड में जमा की गई राशि का रशीद दिखाये। हालांकि, किसी आरोपी ने ज़मानत की इस शर्त पर अपना विरोध नहीं जताया हैं।

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय ने शनिवार को कहा कि इसने बिहार के गैर सरकारी संगठन सृजन महिला विकास सहयोग समिति की 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है। एनजीओ के खिलाफ धनशोधन मामले की जांच के तहत यह कार्रवाई की गई है। 2017 में सरकारी कोष में कथित अनियमितता कर एक हजार करोड़ रुपए के घोटाले का मामला सामने आने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने एनजीओ के खिलाफ जांच शुरू की थी।

एजेंसी ने बयान जारी कर कहा, जब्त संपति में नोएडा, गाजियाबाद, पुणे, रांची, भागलपुर और पटना में 20 फ्लैट, नोएडा, गाजियाबाद और भागलपुर में 19 दुकानें, बिहार में 33 प्लॉट या घर, फॉक्सवैगन की एक कार और 4.84 करोड़ रुपये बैंक बैलेंस शामिल है। ईडी ने सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड के खिलाफ धनशोधन निवारण कानून के तहत 14.32 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त करने का आदेश जारी किया है। एजेंसी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर मामले में धनशोधन के आरोप लगाए हैं। सीबीआई ने मामले में कई आरोपपत्र दायर किए हैं।

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