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पटना: बिहार में एक बार फिर कुदरत ने अपना कहर बरपाया है। राज्य में आकाशीय बिजली (ठनका) गिरने से 26 लोगों की मौत हो चुकी है। कुछ दिन पहले ही 100 से ज्यादा लोगों की मौत ठनका गिरने से हुई थी। गुरुवार शाम 7 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक, आकाशीय बिजली गिरने से सबसे अधिक प्रभावति समस्तीपुर जिला हुआ है। यहां पर 7 लोगों की मौत हुई है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की है। बिहार राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र, पटना ने फोन पर प्राप्त हुई जानकारी के हिसाब से एक लिस्ट जारी की है। इसमें आठ जिलों में 26 लोगों की मौत की बात कही गई है।

आपदा प्रबंधन विभाग की लिस्ट के मुताबिक, सबसे अधिक 7 लोग समस्तीपुर में, इसके बाद राजधानी पटना में 6 लोग, पूर्वी चंपारण में चार, शिवहर में दो, कटिहार में तीन, मधेपुरा में दो और पूर्णिया व पश्चिमी चंपारण में एक-एक व्यक्ति की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई है। कटिहार में रौतारा थाना क्षेत्र के विनोदपुर में ठनका की चपेट में आने से दो महिलाओं समेत तीन लोगों की मौत हो गई है।

पटना: सारण में ठनका गिरने से मंगलवार को जहां दो महिलाओं समेत पांच लोगों की मौत हो गयी वहीं नवादा में भी महिला समेत दो काल की गाल में समा गए। सारण में मरने वाले पांच में से तीन लोग एक ही गांव के हैं जो गड़खा के महमदा गांव से जुड़े हैं। अन्य दो लोग मकेर और अवतारनगर थाना क्षेत्र के किसान हैं। इस घटना में कई लोग मामूली रूप से झुलस भी गए हैं। मृतकों में महमदा गांव के ठाकुर राय, कामेश्वर राय की पत्नी सरोज देवी, बिहारी राय के आठ वर्षीय पुत्र रवि कुमार उर्फ सोनू ,अवतारनगर थाना क्षेत्र के रामगढ़ा गांव निवासी रामायण साह और मकेर के पश्चिम ठहरा गांव की निर्मला देवी शामिल हैं।

मुखिया प्रतिनिधि व भाजपा नेता मनोज कुशवाहा ने बताया कि सरोजा देवी और ठाकुर राय कोरोना की सैपलिंग करा कर वापस घर लौट रहे थे। इस बीच बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए ये लोग पेड़ के पास छुप गए तभी आकाशीय बिजली गिरी और दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। कुछ देर बाद लोगों को पता चला कि पास ही झाड़ी में एक बच्चा भी पड़ा हुआ है। जब लोग वहां पहुंचे तो देखा कि उसकी भी मौत हो चुकी है।

पटना: राजधानी पटना से बिहार के उत्तरी छोर को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु के समानांतर नए पुल के निर्माण के लिए दो ठेकेदारों का टेंडर राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। प्रदेश की सरकार ने यह कदम इसलिए उठाए हैं, क्योंकि दोनों के साझेदार चीनी थे। सरकार ने इसके लिए फिर से आवेदन मांगे हैं।

राज्य के पथ निर्माण मंत्री नंद किशोर यादव ने कहा कि चार में से दो ठेकेदार. जिन्हें महात्मा गांधी सेतु के समानांतर एक नए पुल के निर्माण के लिए चुना गया था, उनके चीनी साझेदार थे। हमने उन्हें अपने साथी बदलने के लिए कहा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, इसलिए हमने उनका टेंडर रद्द कर दिया। हमने फिर से आवेदन मांगे हैं। दरअसल, कागजों के अनुसार गांधी सेतु के नवनिर्मित पश्चिमी लेन को 30 जून तक चालू करने का लक्ष्य था, लेकिन यह तय समय पर चालू होता नहीं दिख रहा है।

पटना: पूर्व केंद्रीय मंत्री वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने शनिवार को बिहार में एक नए राजनीतिक विकल्प की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उनका फ्रंट बिहार विधानसभा का चुनाव लड़ेगा। उन्होंने खुद के भी चुनाव लड़ने का संकेत दिया। पटना के होटल में आयोजित प्रेस वार्ता में यशवंत सिन्हा ने कहा कि उनका फ्रंट मजबूती से चुनाव लड़ेगा। यह भविष्य बताएगा कि वे तीसरा फ्रंट हैं कि पहला फ्रंट हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार में वर्चुअल रैली या वर्चुअल चुनाव अभियान संभव नहीं है। परंपरागत ढंग से ही चुनाव अभियान चलाया जाना चाहिए। चुनाव आयोग को सारे मामले पर विचार करना चाहिए।

दलीय राजनीति से संन्यास ले चुके यशवंत सिन्हा ने कहा कि गैर राजद और गैर राजग के खिलाफ उनका गठबंधन एक मजबूत विकल्प देगा। उनके गठबंधन का नारा है 'इस बार बदलें बिहार' है। सिन्हा ने कहा कि राजद और राजग को बिहार के लोगों ने 15-15 साल तक काम करने का मौका दिया लेकिन दोनों ही अपने चुनावी घोषणा पत्र में किए गए किसी वादे पर खरा नहीं उतर पाए।

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