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खंडवा (मध्यप्रदेश): मध्यप्रदेश की नवगठित कांग्रेस सरकार की कर्जमाफी की योजना के दायरे में कथित रूप से नहीं आने के कारण खंडवा जिले की पंधाना विधानसभा क्षेत्र के अस्तरिया गांव के 45 वर्षीय एक आदिवासी किसान ने कथित तौर पर पेड़ से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसका शव शनिवार सुबह करीब 7 बजे उसी के खेत के एक पेड़ से रस्सी से लटकता मिला। मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, किसान के परिजनों का आरोप है कि सरकार की हाल ही में जारी कर्ज माफी के आदेश के बाद भी वह उस दायरे में नहीं आ सका क्योंकि राज्य सरकार ने 31 मार्च 2018 तक का कर्जा माफ करने की घोषणा की है। मृत किसान पर इस तिथि के बाद का राष्ट्रीयकृत तथा सहकारी बैंकों का करीब तीन लाख रूपये का कर्ज था।

पंधाना पुलिस थाना प्रभारी शिवेंद्र जोशी ने बताया, ''अस्तरिया गांव के किसान जुवान सिंह (45) का शव खेत के पेड़ पर आज सुबह लटका हुआ मिला। उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी लगते ही पंधाना पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंच कर शव कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के नवनियुक्त मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने विवादित बयान पर कायम नजर आए। मध्य प्रदेश के लोगों को रोजगार देने के बयान पर कमलनाथ ने कहा, ''ये सब जगह है, मैंने कौन सी नई बात कही?'' बुधवार को बिहार की दो अदालतों में कमलनाथ के खिलाफ अलग-अलग परिवाद पत्र दाखिल किए गए। यह परिवाद पत्र कमलनाथ के उस बयान के विरोध में दायर किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग नौकरियां पा लेते हैं और मध्य प्रदेश के नौजवान रोजगार से वंचित रह जाते हैं।

बिहार के बेतिया में कमलनाथ के खिलाफ अधिवक्ता मुराद अली ने एक परिवाद पत्र दायर किया है। परिवाद पत्र में उन्होंने कहा है कि उन्हें अखबार के जरिए जानकारी मिली कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बयान दिया है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों की वजह से मध्यप्रदेश के युवाओं को रोजगार के अवसर कम हो गए हैं। इस बयान से उनकी भावना को काफी ठेस पहुंची है। कांग्रेस लगातार केंद्र सरकार पर वादे के मुताबिक रोजगार नहीं दे पाने को लेकर निशाना साध रही है।

भोपाल: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 1984 सिख विरोधी दंगों पर कहा है कि उन्होंने 1991 में और उसके बाद कई बार शपथ ली है, किसी ने कुछ नहीं कहा। मेरे खिलाफ कोई केस, एफआईआर, चार्जशीट नहीं है। आज वे इस मामले को उठा रहे हैं। आप इसके पीछे की राजनीति समझ सकते हैं। उन्होंने सवाल किया क्या किसी प्रत्यक्षदर्शी ने कुछ कहा? बता दें कि सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को सिख दंगों के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके बाद भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने अप्रत्यक्ष तौर पर कमलनाथ पर निशाना साधा।

अरूण जेटली ने सोमवार को कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में सजा मिलने का स्वागत किया और कमलनाथ को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री चुनने के लिए विपक्षी दल पर प्रहार किया। उन्होंने दावा किया कि सिख उन्हें समुदाय के खिलाफ हिंसा में ''दोषी मानते हैं।

भोपाल: मध्‍य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने किसानों की कर्ज माफी के फैसले पर हस्‍ताक्षर कर दिए हैं। मुख्‍यमंत्री कमलनाथ ने शपथग्रहण के तुरंत बाद कर्जमाफी के फैसले पर हस्‍ताक्षर किए। कांग्रेस ने इन चुनावों में वादा किया था कि वह जीतने के बाद किसानों का कर्ज माफ करेगी। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इस मुद्दे को सबसे प्रमुखता से उठाया था। मध्‍यप्रदेश में इस फैसले के बाद कि‍सानों का 2 लाख तक का कर्ज माफ किया जाएगा। इस फैसले के तहत 31 मार्च 2018 तक के कर्ज माफ किए गए हैं।

फैसले के अनुसार, राष्‍ट्रीय और सहकारी बैंकों से लि‍ए गए सभी कर्ज माफ किए जाएंगे। इसके साथ कमलनाथ ने साफ कहा कि हमारी सरकार की पहली प्राथ‍मि‍कता क‍िसान होंगे। किसानों की कर्जमाफी के अलावा कमलनाथ ने दूसरा बड़ा फैसला कन्‍यादान की राशि बढ़ाने का किया। उन्‍होंने मध्‍यप्रदेश में कन्‍यादान की राशि बढ़ाकर 51 रुपए कर दी। अब तक इस योजना के तहत 25 हजार रुपए मिलते थे। कर्जमाफी के बाद सीएम कमलनाथ ने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज किसान कर्ज में पैदा होता है और कर्ज में मर जाता है।

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