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भोपाल: मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने एससी-एसटी ऐक्ट को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन पर दलितों के खिलाफ दर्ज हुए केस वापस लेने का फैसला लिया है। माना जा रहा है कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार ने बीएसपी चीफ मायावती के दबाव में यह फैसला लिया है। बता दें कि सोमवार को ही बीएसपी चीफ मायावती ने बयान जारी कर कहा था कि यदि सूबे में दलितों पर केस वापस न हुए तो समर्थन वापसी पर विचार किया जा सकता है। इस धमकी का ही असर है कि अगले ही दिन कांग्रेस सरकार ने भाजपा सरकार में दलितों पर लगे केसों को वापस लेने की घोषणा की है। यही नहीं दलितों पर बीते 15 सालों में दर्ज हुए इस तरह के अन्य केसों को भी वापस लिया जाएगा।

मध्य प्रदेश के कानून मंत्री पीसी शर्मा ने कहा, 'एससी/एसटी ऐक्ट 1989 को लेकर 2 अप्रैल 2018 को हुए भारत बंद के दौरान लगाए गए केसों के साथ-साथ इस तरह के सभी केस जो पिछले 15 सालों में भाजपा ने लगाए हैं, उन्हें वापस लिया जाएगा।'

भोपाल: मध्य प्रदेश में सरकार क्या बदली मंत्रियों और अफसरों का नजरिया भी बदल गया। 13 साल पहले बतौर मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने जिस परंपरा को शुरू किया था उसे कांग्रेस की सरकार ने आते ही तोड़ा दिया। हर महीने की पहली तारीख को गाया जाने वाला वंदे मातरम मंत्रालय में आज नहीं गूंजा। इस मुद्दे पर भाजपा में खासी नाराजगी देखने को मिल रही है। परंपरा टूटने से नाराज भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस देश में इसी तरह का माहौल बनाना चाहती है।

उन्होंने कहा कि आज वंदे मातरम के गायन को बंद किया गया है और आने वाले समय में मध्य प्रदेश में भारत माता की जय बोलने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस देश के टुकड़े करने वालों का समर्थन करती है, यही वजह है कि 13 साल से मंत्रालय में चलने वाले वंदे मातरम गायन को इस वर्ष नहीं होने दिया गया। कमलनाथ सरकार के कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी ने गायन न होने को गलत बताते हुए कहा कि वंदे मातरम की प्रथा बन्द नहीं होनी चाहिए, क्यों बंद हुआ में पता करवाऊंगा।

भोपाल: लंबी माथापच्ची के बाद मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया गया है। इसी महीने सीएम कमलनाथ ने शपथ ली थी उसके कुछ दिन बाद 28 मंत्रियों को भी कैबिनेट में जगह दी गई थी।

आज इनके विभागों का बंटवारा हो गया। सज्जन सिंह वर्मा को लोक निर्माण विभाग, हुकुम सिंह कराड़ा को जन संसाधन विभाग, बाबा बच्चन को गृह विभाग, जेल विभाग, आरिफ अकील को पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विभाग, तुलसी सिलावट को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, गोविंद सिंह राजपूत को राजस्व और परिवहन विभाग, प्रियव्रत सिंह को ऊर्जा विभाग, सुखदेव पासी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग, जयवर्धन सिंह को नगरीय विकास एवं आवास विभाग दिया गया है। 

भोपाल: मध्यप्रदेश में कांग्रेस का मंत्रिमंडल बनने के बाद खींचतान तेज हो गई है। कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह 'दत्तीगांव' ने उन्हें मंत्री न बनाए जाने को क्षेत्र की जनता का अपमान बताया और विधायक पद से इस्तीफे की चेतावनी भी दे डाली। कांग्रेस विधायक राजवर्धन सिंह गुरुवार शाम अपने विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे। इसके बाद बड़ी संख्या में वहां के पंचायत प्रतिनिधियों ने पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी।

राजवर्धन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह, पूर्व उप मुख्यमंत्री जमुना देवी के रिश्तेदार उमंग सिंघार, सुभाष यादव के बेटे सचिन यादव को मंत्री बना दिया गया। मेरे पिता साधारण व्यक्ति थे, इसलिए मुझे नहीं बनाया गया। यह मेरा नहीं, क्षेत्र की जनता का अपमान है। संबोधन के दौरान राजवर्धन भावुक हो गए।

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