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भोपाल: मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का आज विस्तार किया गया। आज 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई। 17 दिसंबर को अकेले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शपथ ली थी। कांग्रेस हाईकमान से चर्चा के बाद मंत्रियों की लिस्ट फ़ाइनल हुई और आज राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातिगत संतुलन का पूरा ख्याल रखा गया है। साथ ही तीनों बड़े नेता कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।

मध्य प्रदेश मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री कमल नाथ के 11, दिग्विजय सिंह के 9, ज्योतिरादित्य सिंधिया के 7 और अरुण यादव के एक मंत्री शामिल किए गए हैं। मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय संतुलन बनाने की कोशिश भी कई गई है। सभी विधायकों ने हिंदी में पद और गोपनीयता की शपथ ली और सभी कैबिनेट मंत्री हैं। मंत्री बने जयवर्धन सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता एवं मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे हैं। वह मध्यप्रदेश विधानसभा के लिए राघौगढ़ सीट से लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं।

भोपाल: अब मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शखा नहीं लगा पाएंगे। इसके लिए मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार योजना बना रही है। अपनी घोषनापत्र के मुताबिक मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की शाखाओं में शामिल होने पर रोक लगाने की तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो सामान्य प्रशासन विभाग इसकी कवायद में जुट गया है।

जानकार सूत्रों से मिली खबर में बताया गया है कि मध्य प्रदेश में कर्मचारियों पर संघ की शाखा में जाने पर बैन लगाने के लिए केंद्र सरकार के आदेश को आधार बनाया जाएगा। इसके अलावा सरकारी परिसरों में संघ की शाखा लगाने पर भी बैन लगाया जाएगा। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में इन दोनों कार्यो का उल्लेख किया था, जिस पर खूब हंगामा हुआ था। भाजपा ने इसे संघ पर प्रतिबंध लगाने से जोड़ते हुए चुनावी मुद्दा बनाया था, जिसका कुछ हद तक उसे फायदा भी हुआ लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही अब इस वचन पर अमल करने के लिए मंत्रालय में तैयारी तेज हो गई है।

इंदौर: लोकायुक्त पुलिस ने रविवार को यहां वन विभाग के अफसर के ठिकानों पर छापे मारे और उसकी दो करोड़ रुपये से ज्यादा मूल्य की बेहिसाब संपत्ति का खुलासा किया। लोकायुक्त पुलिस के उपाधीक्षक (डीएसपी) प्रवीण सिंह बघेल ने बताया कि वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) आरएन सक्सेना (61) के खिलाफ शिकायत मिली थी कि उन्होंने भ्रष्ट तरीकों से बड़े पैमाने पर संपत्ति अर्जित की है। इस शिकायत पर सक्सेना और उनके नजदीकी रिश्तेदारों के परिसरों समेत कुल पांच ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गये।

उन्होंने बताया कि फिलहाल सक्सेना नजदीकी महू रेंज में पदस्थ हैं। उन्होंने सरकारी सेवा में 1995 में भर्ती होने के बाद अपने वेतन से करीब 60 लाख रुपये कमाये हैं। लेकिन लोकायुक्त पुलिस को छापों में सुराग मिले हैं कि वन विभाग के अफसर और उनके नजदीकी रिश्तेदारों की चल-अचल संपत्ति का कुल मूल्य दो करोड़ रुपये से ज्यादा है।

भोपाल: मध्यप्रदेश के उज्जैन की एक अदालत ने भ्रष्टाचार के एक मामले में लोक निर्माण विभाग के लेखपाल को चार वर्ष के कठोर कारावास और दस हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी ने वर्ष 2009-10 के दौरान कुल 74 देयकों में हेराफेरी कर 86 हजार 280 रुपये का गबन किया था। विशेष न्यायाधीश एल.डी. सोलंकी ने भ्रष्टाचार से संबंधित मामले में लोक निमार्ण विभाग के तत्कालीन लेखपाल रामचंद्र मालवीय को शुक्रवार को यह सजा सुनाई।

आरोपी मालवीय को पूर्व में भी अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के मामले में चार वर्ष के सश्रम कारावास तथा चौबीस लाख रुपये का जुमार्ना किया जा चुका है, जिसमें वह पूर्व से ही जेल में निरुद्ध है। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग ने बताया कि तत्कालीन लेखापाल रामचंद्र मालवीय सहायक ग्रेड 2 की लोकायुक्त को पद का दुरुपयोग कर शासकीय धन राशि का गबन करने, देय भुगतान बिलों और वाउचर पर काट-छांट कर उसमें राशि बढ़ाने की शिकायत मिली थी।

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