भोपाल: मध्यप्रदेश में कौन बनेगा मुख्यमंत्री इसे लेकर सस्पेंस खत्म हो गया है। कमलनाथ मध्यप्रदेश के अगले मुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस ने ट्वीट कर कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनने की बधाई दी। उधर, विधायक दल की बैठक के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितेंद्र सिंह ने कहा कि आम राय से कमलनाथ का चुनाव किया गया। एके एंटनी ने कहा कि राहुल गांधी ने कमलनाथ को चुना है। वहीं, कमलनाथ ने कहा कि मुझे पद की कोई भूख नहीं है। अगला समय काफी चुनौती का है। यह पद मेरे लिए मील का पत्थर है। कमलनाथ ने सिंधिया को भी धन्यवाद दिया। कमलनाथ ने कहा कि हम एक नई पारी की शुरुआत करेंगे। कल सुबह साढ़े 10 बजे राज्यपाल से मिलेंगे। सूत्रों का कहना है कि 15 दिसंबर को कमलनाथ पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।
बता दें कि दिल्ली में राहुल गांधी के घर हुई मैराथन बैठक के बाद कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों भोपाल के लिए रवाना हुए थे। बता दें कि इन दोनों नेताओं के बीच ही मुख्यमंत्री पद की रेस थी। दोनों ही लोकप्रिय नेता हैं और अपनी अलग पहचान रखते हैं।
कमलनाथ मध्यप्रदेश के कांग्रेस प्रमुख हैं, तो सिंधिया प्रचार कमेटी के प्रमुख रहे हैं। कमलनाथ की पहचान एक अनुभवी वार्ताकार की रही है, लेकिन सिंधिया मध्यप्रदेश में ज्यादा लोकप्रिय चेहरा रहे हैं। कमलनाथ को दिग्विजय सिंह का भी समर्थन हासिल है, तो वहीं सिंधिया की वजह से कांग्रेस को ग्वालियर, चंबल संभाग में बड़ी जीत मिली है, जिसका उन्होंने दावा भी किया है।
नौ बार सांसद रहने के बाद अब मुख्यमंत्री बने कमलनाथ
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव में दमदार प्रदर्शन के साथ एक बार फिर कांग्रेस सत्ता में वापस आ गई है। परिणामों की घोषणा के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम पर बहस छिड़ी हुई थी जो कि अब खत्म हो गई है। मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री दिग्गज नेता कमलनाथ होंगे। सीएम कमलनाथ का जन्म 18 नवंबर 1946 में कानपुर में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा दून स्कूल से ली। इसके बाद उन्होंने कोलकाता यूनिवर्सिटी के सेंट जेवियर कॉलेज से बी कॉम से ग्रेजुएशन किया। उनकी पत्नी अलका नाथ हैं जिनसे उन्हें दो संतान हैं।
कमलनाथ लोकसभा सदस्य के तौर पर लंबा वक्त बिताने वाले नेताओं में से एक हैं। उन्हें वर्तमान यानी 16वीं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर चुना गया था। बताते चलें कि प्रोटेम स्पीकर उसे ही बनाया जाता है जो सबसे वरिष्ठ यानी वर्तमान में सबसे अधिक समय तक संसद सदस्य रहा हो। कमलनाथ मध्यप्रदेश के छिदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ बार संसद सदस्य चुने जा चुके हैं। मई 2018 में उन्हें मध्यप्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था।
पहली बार 1980 में 7वीं लोकसभा के लिए कमलनाथ को चुना गया था। इसके बाद वे 1985 में 8वीं लोकसभा के लिए चुने गए। 1989 में 9वीं लोकसभा, 1991 में 10वीं लोकसभा के लिए चुने गए और उन्हें यूनियन काउंसिल ऑफ मिनिस्टर्स में जगह मिली। कमलनाथ पर्यावरण व वन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। 1995 से 1996 तक केंद्र सरकार में उन्होंने कपड़ा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पदभार संभाला था। इसके बाद कमलनाथ ने 1998 में 12वीं लोकसभा का चुनाव जीता था। 1999 में 13वीं लोकसभा चुनाव जीते।
2004 में 14वीं लोकसभा चुनाव जीते और 2004 से 2009 तक केंद्र सरकार मे वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाले। 2009 में कमलनाथ 15वीं लोकसभा के लिए चुने गए। कैबिनेट मंत्री बनने के बाद उन्होंने सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली। 2011 में उन्हें शहरी विकास मंत्री का पदभार सौंपा गया। 2012 में उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभाली। दिसंबर 2012 में उन्हें योजना आयोग का सदस्य भी बनाया गया। 2001 से 2004 तक कमलनाथ कांग्रेस पार्टी के महासचिव पद पर बने रहे। दून स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा लेते हुए कमलनाथ पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के करीब आए। दोनों की अच्छी दोस्ती हुई।