मुंबई: व्हाट्सएप के जरिये भारतीय पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की ‘‘जासूसी’’ की निंदा करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता धनंजय मुंडे ने बृहस्पतिवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर उनसे ऐसी जासूसी गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठाये जाने की मांग की। उन्होंने संबंधित दोषियों को कड़ी सजा देने की भी मांग की। फेसबुक के स्वामित्व वाली कंपनी व्हाट्सएप ने बृहस्पतिवार को कहा कि इजराइली स्पाईवेयर ‘पेगासस’ के जरिये कुछ अज्ञात इकाइयां वैश्विक स्तर पर जासूसी कर रही हैं। भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता भी इस जासूसी का शिकार बने हैं।
मुंडे ने अपने पत्र में राज्यपाल का ध्यान 20 अप्रैल और 10 मई के बीच लोकसभा चुनाव के दौरान एक स्पाईवेयर जासूसी के बारे में एक मीडिया खबर की ओर भी दिलाया। नवनिर्वाचित विधायक ने इस संबंध में एक मामले के बारे में भी उल्लेख किया जो एक अमेरिकी अदालत के समक्ष लंबित है।
एक बयान के अनुसार उन्होंने पत्र में कहा है, ‘‘इस जासूसी के पीछे सरकारी एजेंसियों का हाथ होने की आशंका है। ऐसा पहले भी सामने आया है कि सरकारी एजेंसियों ने नागरिकों के व्यक्तिगत जीवन पर जासूसी की थी। यह निंदनीय है।’’ राकांपा नेता ने कहा, ‘‘इस तरह की जासूसी को रोके जाने के लिए कदम उठाये जाने चाहिए। संबंधित दोषियों को कड़ी सजा दी जानी चाहिए।’’
राकांपा के एक अन्य नेता जितेन्द्र अव्हाड ने ‘‘जासूसी’’ प्रकरण को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली राजग सरकार से स्पष्टीकरण दिये जाने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरी तरह से निजता का उल्लंघन है। जासूसी किसी भी रूप में गैर कानूनी है। नागरिकों की निजता को संविधान द्वारा सर्वोपरि रखा गया है। इसमें राजनीतिक विरोधी भी शामिल हैं।’’
व्हाट्सएप ने कहा है कि वह एनएसओ ग्रुप के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है। यह इजराइली कंपनी है जो निगरानी करने का काम करती है। समझा जाता है कि इसी कंपनी ने वह प्रौद्योगिकी विकसित की है जिसके जरिये कुछ इकाइयों के जासूसों ने करीब 1,400 लोगों के फोन हैक किए हैं। इन इकाइयों का नाम नहीं बताया गया है लेकिन कहा गया है जिन लोगों के फोन हैक हुए हैं वे चार महाद्वीपों में फैले हैं। इनमें राजनयिक, राजनीतिक विरोधी, पत्रकार और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी शामिल हैं। हालांकि, व्हाट्सएप ने यह खुलासा नहीं किया है कि किसके कहने पर विश्वभर में पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के फोन हैक किए गए हैं।