ताज़ा खबरें

मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। फडणवीस ने आज एक संवाददाता सम्मेलन में घोषणा के बाद उन्होंने राज्यपाल से मिलकर अपना इस्तीफा सौंप दिया। फडणवीस ने कहा कि सुबह अजित पवार उनसे मिले थे और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा था। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री पद से अजित पवार के इस्तीफे के बाद हमारे पास बहुमत नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें महसूस हुआ कि हमारे पास संख्या बल नहीं है और हम खरीद-फरोख्त में शामिल नहीं होना चाहते इसलिये यह फैसला किया।

इससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने मंगलवार को कहा था कि अजित पवार ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। राउत ने कहा, ‘‘ अजित दादा ने इस्तीफा दे दिया है और अब वह हमारे साथ हैं। उद्धव ठाकरे अब अगले पांच वर्ष तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे।’’ महाराष्ट्र में गत शनिवार सुबह आठ बजे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने यहां राजभवन में फडणवीस और पवार को क्रमश: मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी।

पुणे: प्रमुख शरद पवार ने सोमवार को कहा कि अजित पवार के भाजपा के साथ जाने और उप मुख्यमंत्री बनने के निर्णय के पीछे वह नहीं थे और एकबार फिर दावा किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अजित पवार को पार्टी से बर्खास्त करने के सवाल पर निर्णय पार्टी के स्तर पर लिया जाएगा। उन्होंने सतारा जिले के कराड में पत्रकारों से कहा कि अजित पवार के साथ वह सम्पर्क में नहीं हैं, जिन्होंने राकांपा के खिलाफ बगावत की है।

पवार ने कहा कि भाजपा के साथ जाने का फैसला उनके भतीजे अजित पवार का है। पवार ने कहा, '' यह पार्टी का निर्णय नहीं है और हम इसका समर्थन नहीं करते।" उन्होंने कहा, “इसमें मेरे शामिल होने का सवाल ही नहीं... अगर मैं शामिल होता, तो मैंने अपने साथियों को इस बारे में बताया होता।” इस रिपोर्ट पर कि अजित पवार तीन दलों के बीच सरकार बनाने के लिए चल रही बातचीत से ऊब गए थे, उन्होंने कहा कि किसी को भी व्यक्तिगत स्तर पर ऐसा निर्णय लेने का अधिकार नहीं है और किसी भी अलग राय को पार्टी की बैठकों में रखना चाहिए।

मुंबई: शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की 'महा विकास आघाडी' ने मुंबई के एक पांच सितारा होटल में सोमवार की शाम को अपने 162 विधायकों की ''परेड" कराने का निर्णय किया। तीनों दलों के नेताओं ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर सरकार बनाने के लिए आवश्यक संख्या बल होने का दावा करने के बाद इसकी घोषणा की। 'महा विकास आघाडी' के 162 विधायकों के अलावा तीनों दलों के वरिष्ठ नेता भी होटल हयात में इस शक्ति प्रदर्शन में मौजूद थे।

शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी विधायकों ने होटल हयात के हॉल में शपथ ली। कहा- मैं शपथ लेता हूं कि शरद पवार, उद्धव ठाकरे और सोनिया गांथी के नेतृत्व में, मैं पार्टी के लिए ईमानदार बना रहूंगा। मैं किसी लालच में नहीं आऊंगा। मैं ऐसा कुछ नहीं करूंगा जिससे भाजपा को फायदा पहुंचे।

अजित पवार पर करेंगे कार्रवाई: शरद पवार

बैठक में शरद पवार ने कहा- अजित पवार ने सबको गुमराह किया। उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे। वह अब कोई फैसला नहीं ले सकते। अब तीनों पार्टियां मिलकर फैसला लेंगी। बहुमत से ज्यादा सीटें हमारे पास हैं। ये गोवा, मणिपुर नहीं महाराष्ट्र है।

मुंबई: महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को बताया कि उसने कथित सिंचाई घोटाले के नौ मामले बंद कर दिए हैं। ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इनमें से किसी मामले का उपमुख्यमंत्री अजित पवार से कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस ने इस मामले में भाजपा पर कड़ा प्रहार किया है।

दरअसल कांग्रेस के इस दावे के बाद भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने यह स्पष्टीकरण दिया है, जिसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनाने में मदद के बदले अजित पवार को ‘दोषमुक्त’ करार दिया गया। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2013 के सिंचाई घोटाले के जिन मामलों को बंद किया गया है, उनसे अजित पवार का कोई लेना-देना नहीं है। यह एक रुटीन जांच है।

एसीबी सूत्रों का कहना है कि सिंचाई घोटाले की लगभग 3000 शिकायतें हैं। अन्य मामलों में जांच जारी है। उन्होंने कहा कि जो मामले बंद किए गए, सुबूत मिलने पर फिर से खोले जा सकते हैं। एसीबी ने अजित पवार के खिलाफ चल रहे मामलों के बारे में कोर्ट को सूचना दे दी है।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख