मुंबई: महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सोमवार को बताया कि उसने कथित सिंचाई घोटाले के नौ मामले बंद कर दिए हैं। ब्यूरो के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि इनमें से किसी मामले का उपमुख्यमंत्री अजित पवार से कोई संबंध नहीं है। कांग्रेस ने इस मामले में भाजपा पर कड़ा प्रहार किया है।
दरअसल कांग्रेस के इस दावे के बाद भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो ने यह स्पष्टीकरण दिया है, जिसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार बनाने में मदद के बदले अजित पवार को ‘दोषमुक्त’ करार दिया गया। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2013 के सिंचाई घोटाले के जिन मामलों को बंद किया गया है, उनसे अजित पवार का कोई लेना-देना नहीं है। यह एक रुटीन जांच है।
एसीबी सूत्रों का कहना है कि सिंचाई घोटाले की लगभग 3000 शिकायतें हैं। अन्य मामलों में जांच जारी है। उन्होंने कहा कि जो मामले बंद किए गए, सुबूत मिलने पर फिर से खोले जा सकते हैं। एसीबी ने अजित पवार के खिलाफ चल रहे मामलों के बारे में कोर्ट को सूचना दे दी है।
48 घंटे में नाजायज सरकार ने सिंचाई घोटाले को बंद करने का फैसला लिया : कांग्रेस
कांग्रेस ने महाराष्ट्र की नवनिर्वाचित फडणवीस सरकार की ओर से चर्चित सिंचाई घोटाले को बंद किए जाने पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है। प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा और अजित पवार की प्रजातंत्र चीरहरण सरकार की असलियत अब सामने आ गई है। ये खाएंगे भी और खिलाएंगे भी और भ्रष्टाचार भी बढ़ाएंगे। उनका कहना है कि अजित पवार से संबंधित भ्रष्टाचार के मुकदमे बंद करने के बाद अब साफ हो गया है कि भाजपा ही भ्रष्टाचार जगाओ पार्टी है।
सुरजेवाला का कहना है कि पिछले 48 घंटे में नाजायज सरकार ने केवल एक जनहित का फैसला लिया है और वो है सिंचाई घोटाले के और दूसरे घोटालों के मुकदमों को एंटी करप्शन ब्यूरो की ओर से बंद किया जाना। वादा तो था कि अजित पवार को आर्थर रोड जेल के अंदर चक्की पिसवाएंगे लेकिन उपमुख्यमंत्री बना दिया और पिछले 48 घंटे में उनके ऊपर भ्रष्टाचार के मुकदमे बंद करने का काम किया है। किसानों की सुध लेने की बजाय भाजपा सरकार भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने में लगी है।