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मुंबई: मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने का विरोध जताने पर पर्यावरणविदों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लिए जाएंगे। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को इस संबंध में एलान किया। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस संबंध में कार्रवाई के लिए कहा गया है। उद्धव सरकार पहले ही मेट्रो के कारशेड प्रोजेक्ट पर रोक लगा चुकी है। सरकार में आने से पहले भी शिव सेना ने इस प्रोजेक्ट के लिए पेड़ों की कटाई का विरोध किया था। उद्धव ठाकरे और उनके बेटे आदित्य ठाकरे ने इस मामले पर भाजपा से अलग राय रखी थी जबकि उस समय दोनों गठबंधन में थे।

उद्धव ठाकरे ने अपनी सरकार की दूसरी बैठक के बाद ही इस प्रोजेक्ट का काम रोकने का आदेश दिया था। उन्होंने कहा था कि मेट्रो के काम पर कोई रोक नहीं है, लेकिन सरकार के अगले आदेश तक आरे में एक भी पत्ता नहीं कटेगा। उनके इस फैसले पर पेड़ों की कटाई का विरोध करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी खुशी जताई थी। बीते अक्तूबर में आरे के पेडों की कटाई रोकने के लिए प्रदर्शन कर रहे 29 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था।

मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का दूसरा कार्यकाल केवल 80 घंटों का रहा। इसके बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से सिर पर ये ताज सजा। ऐसे में विधानसभा में अपने भाषण के दौरान उन्होंने दो लाइन में दोबारा अपनी वापसी का विश्वास दिखाया। उन्होंने कहा- मेरा पानी उतरता देख, मेरे किनारे पर घर मत बसा लेना, मैं समंदर हूं लौटकर वापस आऊंगा! इसका एक वीडियो उन्होंने अपने ट्विटर पर भी शेयर किया। उधर रविवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को कभी विपक्षी नेता नहीं मानेंगे।

विधानसभा में आज ही फडणवीस को नेता विपक्ष बनाया गया है। 2 दिनों के विशेष विधानसभा सत्र के दूसरे दिन उद्धव ठाकरे ने 3 दशक के गठबंधन के टूटने आरोप लगाते हुए भाजपा की ओर इशारा किया। उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के लिए कहा कि मैं आपको कभी विपक्ष का नेता नहीं मानूंगा बल्कि आपको एक जिम्मेदार नेता कहूंगा। अगर आप हमारे साथ सही करते तो गठबंधन नहीं टूटता। मैंने देवेंद्र फडणवीस से बहुत कुछ सीखा और वे हमेशा मेरे दोस्त रहेंगे। ठाकरे ने फडणवीस को अपने बधाई संदेश में कहा, ''मैंने कभी नहीं कहा कि मैं वापस लौटूंगा, लेकिन मैं इस सदन में आया।

मुंंबई: महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि भाजपा राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरने के बावजूद सत्ता में नहीं आ सकी क्योंकि ''राजनीतिक गुणागणित योग्यता पर भारी पड़ा। चुनाव से पहले फडणवीस द्वारा दिए गए नारे ''मैं वापस लौटूंगा पर तंज कसने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया कि उन्होंने ऐसा कहा, लेकिन इसके लिए समय देना भूल गए थे। उन्होंने कहा, ''...आपको कुछ समय इंतजार करना होगा। फडणवीस राज्य विधानसभा में उनके विपक्ष का नेता बनने पर उन्हें बधाई देने के लिए प्रस्ताव लाये जाने के बाद बोल रहे थे।

प्रस्ताव मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पेश किया गया जिसका राकांपा के जयंत पाटिल और कांग्रेस के विधायक दल के नेता बालासाहेब थोराट सहित अन्य दल के सदस्यों ने समर्थन किया। फडणवीस ने कहा, ''भाजपा को जनादेश मिला क्योंकि हमारी पार्टी अकेली सबसे बड़ी पार्टी है। 21 अक्टूबर के विधानसभा चुनाव में हमारा स्ट्राइक रेट 70 प्रतिशत का रहा लेकिन राजनीतिक गुणागणित योग्यता पर भारी पड़ा।

मुंबई: शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने रविवार को कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सत्ता हासिल करने में जल्दबाजी और ‘‘बचकानी टिप्पणियां’ महाराष्ट्र में भाजपा को ले डूबी और फडणवीस को विपक्ष में बैठना पड़ गया राउत ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में अपने ‘रोखठोक’ स्तंभ में दावा किया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, राकांपा सुप्रीमो शरद पवार और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के साथ आने से महाराष्ट्र में जो हुआ वह देश को भी स्वीकार है। बिना किसी का नाम लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, दिल्ली की तरह चल रहे ‘‘भीड तंत्र’’ के आगे नहीं झुका।

‘सामना’ के कार्यकारी संपादक राउत ने कहा कि महत्वपूर्ण यह है कि उद्धव ठाकरे शक्तिशाली ‘‘मोदी-शाह के दबदबे’’ को खत्म कर सत्ता में आए। उन्होंने भरोसा जताया कि ‘‘यह सरकार (शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन) पांच साल तक चलेगी।’’ राउत ने कहा, ‘‘मुझे यह देखकर मजा आ रहा है कि जो लोग अजित पवार के फडणवीस के साथ गठजोड़ को शरद पवार की पहले से तय योजना बता रहे थे, वह अब महा विकास आघाडी सरकार बनने के बाद राकांपा प्रमुख के आगे नतमस्तक हो रहे हैं।’’

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