मुंबई: मुंबई में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन जाकर राज्य में सरकार गठन का दावा पेश किया। एक ट्वीट में कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने अपने पत्र में कहा है कि मौजूदा सरकार निश्चित रूप से गिर जाएगी इसलिए भविष्य में उन्हें सरकार बनाने का मौका दिया जाए। एनसीपी-कांग्रेस और शिवसेना ने सोमवार को महाराष्ट्र में 162 विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी राज्यपाल को सौंपते हुए सरकार बनाने का दावा पेश किया है। लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि शरद पवार की पार्टी एनसीपी के 54 में से केवल 51 विधायकों के ही हस्ताक्षर इस चिट्ठी पर हैं। तीनों पार्टियों ने दावा किया है कि उनके पास बहुमत साबित करने का आंकड़ा है।
शिवसेना के 63 विधायकों (निर्दलीय भी शामिल), कांग्रेस ने 44 और एनसीपी ने 51 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। समाजवादी पार्टी ने इनके साथ हाथ मिलाया है और अपने दो विधायकों के हस्ताक्षर वाली चिट्ठी दी है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास भेजे गए एक पत्र में तीनों पार्टियों ने दावा किया है कि राज्य में सरकार गठन के लिए आवश्यक आंकड़ा उनके पास है। पत्र पर शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के विधायक दल के नेताओं एकनाथ शिंदे, जयंत पाटिल और बालासाहेब थोराट के हस्ताक्षर हैं।
तीन दलों के चुनाव पश्चात बने गठबंधन 'महा विकास अघाड़ी' ने दावा किया कि उनके पास बहुमत है जबकि हाल में शपथ ले चुके मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के पास सरकार गठन के लिए विधायकों का आवश्यक आंकड़ा नहीं है। तीनों दलों ने पत्र में लिखा है, "विश्वास मत में फडणवीस के बहुमत साबित करने में असफल होने के बाद सरकार गठन के शिवसेना के दावे पर विचार करना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "हमने शिवसेना के दावे का समर्थन कर रहे राकांपा और कांग्रेस के विधायकों के नाम की सूची संलग्न की है। इसके अलावा कई छोटे दलों और निर्दलीय विधायकों की सूची भी है जिन्होंने हमें समर्थन दिया है. सरकार गठन के लिए हमें तत्काल बुलाया जाना चाहिए।"
गौरतलब है कि मुंबई में शनिवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राजभवन में सुबह आठ बजे भाजपा के देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री और राकांपा के अजीत पवार को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई थी।