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चंडीगढ़: हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने गुरुवार को कहा कि केंद्र के नए कृषि कानूनों में कई संशोधनों की जरूरत है। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे किसानों से ठोस सुझाव देने का अनुरोध किया। जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेता ने दोहराया कि जिस दिन उन्हें लगेगा कि वह हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने में अक्षम हैं, उस दिन पद से इस्तीफा दे देंगे।

चंडीगढ़ में एक प्रेस वार्ता में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि मेरा मानना है कि (कानूनों में) कई संशोधन होने चाहिए। इस पर, हमने केंद्र सरकार को पहले कई सुझाव दिए हैं और वे भी कई सुझावों पर सहमत थे। उन्होंने कहा कि मेरे ख्याल से केंद्र सरकार उन संशोधनों को शामिल करने के लिए तैयार है। चौटाला ने कहा कि केंद्र सरकार बार-बार किसान संघों को बातचीत के लिए आमंत्रित कर रही है और अपनी मांग के संबंध में ठोस सुझाव देने की जिम्मेदारी इन संघों की है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रदर्शनकारी किसान तीन कृषि कानूनों पर अपनी चिंताओं के समाधान के लिए केंद्र सरकार के साथ वार्ता बहाल करेंगे।

चंडीगढ़: हरियाणा में मंगलवार को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाए गए थे। कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ किसानों ने कथित रूप से खट्टर के काफिले को रोकने की कोशिश की थी और उनकी गाड़ियों पर लाठियां फेंकी थी, जिसके बाद हरियाणा पुलिस ने 13 किसानों के खिलाफ अटेंप्ट टू मर्डर और दंगा फैलाने सहित कई आरोपों में केस दर्ज किया गया है। खट्टर अंबाला में किसी कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां किसानों के एक समूह ने उनकी गाड़ी रोकने की कोशिश की थी।

कथित रूप से कुछ किसानों ने खट्टर के काफिले को ही ब्लॉक कर दिया था और आगे नहीं जाने दे रहे थे, जिसके कुछ देर बाद पुलिस खट्टर को वहां से निकाल पाई थी। दरअसल, निकाय चुनावों के चलते खट्टर बीते मंगलवार को भाजपा और जेजेपी की संयुक्त मेयर प्रत्याशी और पार्षदों के चुनाव प्रचार करने के लिए मुखमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया अंबाला पहुंचे थे। इस दौरान कृषि कानूनों के विरोध में मुख्यंत्री का अंबाला के किसानों द्वारा ज़ोरदार विरोध किया गया। पुलिस प्रशासन को भी भारी जद्दोजहद करनी पड़ी थी।

नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को उस वक्त काले झंडे दिखाए, जब उनका काफिला अंबाला शहर से गुजर रहा था। हरियाणा की भाजपा शासित सरकार कहती रही है कि केवल कुछ किसान ही कृष‍ि कानूनों के ख‍िलाफ हैं। हालांकि दिल्ली से लगती सीमा पर किसानों का जमावड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है और उसमें पंजाब से आने वाले किसान भी शामिल हैं।

किसानों ने आज मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को एस्कॉर्ट कर रहे लंबे काफिले को ब्लॉक करने की कोश‍िश की। बाद में पुलिस ने किसानों को रास्ता देने के लिए राजी किया। विजुअल्स में कई किसानों को काले झंडे और डंडे लहराते देखा जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि बड़ी संख्या में रास्ता रोके किसानों को देखकर मुख्यमंत्री के काफिले को रफ़्तार काफी कम करनी पड़ी। खट्टर, अंबाला में आगामी निकाय चुनावों में महापौर और पार्षद के प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभाओं को संबोधित करने आए थे।

चंडीगढ़: कंपकंपाती ठंड में 25 दिन से किसान आंदोलन जारी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी लगातार कह रही है कि इन कानूनों  से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई आंच नहीं आएगी, लेकिन किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की बात पर अड़े हैं। इसी बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बड़ा बयान दिया है। 

मनोहर लाल ने स्प्ष्ट किया है कि एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर कोई आंच आई, उससे पहले वे राजनीति छोड़ देंगे। सरकार नए कृषि कानूनों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर की बात सोच रही है। एमएसपी कभी खत्म नहीं होगी। एमएसपी थी, एमएसपी है और रहेगी। इस प्रकार मंडियां भी रहेंगी। कुछ लोग राजनीति से प्रेरित होकर आंदोलन कर रहे हैं कि वे किसान हितैषी नहीं है। सीएम ने कहा कि तीनों नए कृषि कानून किसानों के हित के लिए हैं। इससे पहले प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला भी एमएसपी के समर्थन में बयान दे चुके हैं।

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