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किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले...वाटर कैनन का किया इस्तेमाल

चंडीगढ़: हरियाणा के जींद जिले में इन दिनों कई ग्रामीण महिलाएं ट्रैक्टर चलाना सीख रही हैं। वे केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ 26 जनवरी को दिल्ली में 'ट्रैक्टर परेड' में हिस्सा लेने वाली हैं। हरियाणा और पंजाब समेत देश के कई राज्यों के किसान नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसानों ने दो जनवरी को एलान किया था कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाती हैं, तो वे 26 जनवरी को दिल्ली की ओर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। जींद जिले के साफा खेरी, खतकर और पल्लवन गांव की महिलाएं ट्रैक्टर चलाना सीख रही हैं।

जींद के किसान एकता महिला मंच की प्रमुख सिकिम नैन श्योकांत ने फोन पर बताया कि करीब 200 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं। उन्होंने बताया कि कुछ महिलाएं कृषि कार्यों के लिए खेतों में ट्रैक्टर चला सकती हैं, लेकिन उन्हें सड़क पर ट्रैक्टर चलाने का अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि महिलाएं 26 जनवरी को बिना किसी मदद के राजमार्ग पर ट्रैक्टर चलाएं।

रेवाड़ी: हरियाणा पुलिस और प्रदर्शनकारी किसान रविवार को रेवाड़ी-अलवर सीमा पर एक झड़प के करीब आ गए, जब सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने केंद्र के विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ मुख्य आंदोलन में शामिल होने के लिए मार्च करना शुरू कर दिया। खबरों के मुताबिक, पुलिस ने मार्च रोकने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले दागे। 

सूत्रों ने कहा कि किसान आगे बढ़ने के लिए पुलिस घेरा और बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें एक स्थानीय ओवर-ब्रिज पर रोक दिया। रेवाड़ी पुलिस प्रमुख अभिषेक जोरवाल ने कहा, "हमने उन्हें मसानी में रोक दिया है।"

पिछले साल नवंबर में, पंजाब के हजारों किसानों पर पानी के तोप और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े थे, क्योंकि हरियाणा पुलिस ने उनके विरोध मार्च को दिल्ली तक रोकने की कोशिश की। रास्ते में कई झड़पों में दोनों पक्ष शामिल थे।

चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा था कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि विपक्ष के पास कोई खास मुद्दा नहीं है। इसके जवाब में पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गठबंधन सरकार जनता ही नहीं सत्ता सहयोगी कई विधायकों का विश्वास खो चुकी है, इसलिए सीएम अविश्वास प्रस्ताव से बच रहे हैं। 

हुड्डा ने कहा कि आज प्रदेश का अन्नदाता सड़कों पर है। दिल्ली बॉर्डर समेत पूरे हरियाणा में सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है। कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे आंदोलनकारी बैठे हैं। क्या किसानों के इतने बड़े आंदोलन को प्रदेश सरकार मुद्दा नहीं मानती। इससे बड़ा मुद्दा सरकार के लिए और क्या हो सकता है। वे किसानों के इन्हीं मुद्दों पर विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं। कई निर्दलीय विधायक सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं। सरकार की गठबंधन सहयोगी जननायक जनता पार्टी के कई विधायकों ने भी किसानों के समर्थन की बात कही है।

चंडीगढ़: केन्द्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर शुक्रवार को हरियाणा के अधिकतर राजमार्गों पर टोल वसूली रोककर उन्हें टोल फ्री करा दिया। अधिकारियों के अनुसार, राज्य में कई टोल प्लाजाओं पर टोल शुल्क वसूली गुरुवार आधी रात या शुक्रवार की सुबह से रोक दी गई है। कई स्थानों पर किसानों ने टोल प्लाजा पर कब्जा कर लिया और अधिकारियों को लोगों से टोल टैक्स नहीं लेने दिया। वहीं कुछ स्थानों पर प्रदर्शन के मद्देनजर टोल कर्मचारियों ने खुद ही टोल टैक्स वसूलना बंद कर दिया और वाहनों को बिना शुल्क अदा किए ही जाने दिया।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने कुछ दिन पहले कहा था कि हरियाणा के टोल बूथ पर 25 से 27 दिसंबर तक टोल टैक्स वसूली नहीं करने दी जाएगी। किसानों ने करनाल के बस्तारा में एनएच-44 टोल प्लाजा पर टोल टैक्स वसूली पूरी तरह रोक दी है। उन्होंने करनाल-जींद राजमार्ग पर बने टोल प्लाजा, सिरसा जिले के डबवाली पर बने टोल प्लाजा और रोहतक-पानीपत राजमार्ग पर मकरौली कला पर भी टोल वसूली बंद कर दी है।

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