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रोहतक: जिंद में खटकड़ टोल प्लाजा पर 17 खापों की ओर से बुलाई गई महापंचायत में शनिवार को बड़ी संख्या में किसान पहुंचे। तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे इन खापों ने एलान किया कि किसान अपने छतों से भाजपा और जेजेपी के झंडों को उतारकर राष्ट्रीय ध्वज और भारतीय किसान यूनियन का झंडा लगाएंगे। जाट बहुल इलाके के खापों से जुड़े किसानों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और दुष्यंत चौटाला के जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के नेताओं के सामाजिक बहिष्कार का भी ऐलान किया। गौरतलब है कि हरियाणा में बीजेपी और जेजेपी गठबंधन की सरकार है। 

बैठक की अध्यक्षता करते हुए खेरा खाप के प्रमुख सतबीर पहलवान ने कहा कि 7 फरवरी को टिकरी बॉर्डर तक पैदल मार्च का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा, ''हमने सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि अपने घरों से बीजेपी-जेजेपी के झंडे हटा देंगे और तिरंगा, बीकेयू का झंडा लगाएंगे। यह फैसला उन लोगों को जवाब देने के लिए लिया गया है जो इस जमीन पर राष्ट्रीय झंडे के प्रति हमारे प्यार को लेकर सवाल उठा रहे हैं। ये सवाल उन लोगों की ओर से पूछे जा रहे हैं जिनकी पीढ़ी ने कभी सीमाओं की रक्षा नहीं की।''

चंडीगढ़: हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा के एक बयान ने गुरुवार को प्रदेश का राजनीतिक पारा चढ़ा दिया। सैलजा ने गुरुवार सुबह नई दिल्ली में कहा कि भारतीय जनता पार्टी, जननायक जनता पार्टी और निर्दलीय विधायक कांग्रेस के संपर्क में हैं। अगर हालात बने व जरूरत महसूस हुई तो कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए संविधान अनुसार कदम उठाएगी। सत्तारूढ़ विधायकों में नए कृषि कानूनों को लेकर नाराजगी है। सरकार में शामिल विधायक उनसे व कांग्रेस के अन्य विधायकों से बातचीत करते रहते हैं। इस दौरान उनका गुस्सा निकलकर सामने आता है। अनेक विधायक किसान आंदोलन के समर्थन में हैं, लेकिन खुलकर कुछ नहीं बोल पा रहे।

सैलजा ने कहा कि वर्तमान गठबंधन सरकार जनता व विधायकों का भरोसा खो चुकी है। अगर हालात बने व जरूरत महसूस हुई तो कांग्रेस, सरकार बनाने के लिए संविधान अनुसार कदम उठाएगी। सत्ता का खालीपन बिल्कुल नहीं छोड़ेंगे, विधायकों की राय अनुसार उसे भरा जाएगा। जजपा के साथ ही कई भाजपा विधायक चाहते हैं कि नए कानून रद्द होने चाहिए। किसान आंदोलन से उन्हें राजनीतिक तौर पर नुकसान हो रहा है।

चंडीगढ़: गृहमंत्री अमित शाह ने हरियाणा सरकार को सलाह दी है कि वह कृषि कानूनों के समर्थन में कार्यक्रम करने से बचे। हरियाणा के शिक्षा मंत्री, कंवर पाल गुर्जर ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया कि गृह मंत्री ने कहा है कि अगली सूचना तक कार्यक्रम को रोक दिया जाए। अमित शाह कि तरफ से यह सलाह  करनाल के निकट एक गांव में हुई घटना के बाद सामने आयी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को करनाल के निकट एक गांव में एक बैठक रद्द करने के लिए मजबूर  होना पड़ा था।

गुर्जर ने कहा, "करनाल में जो कुछ हुआ, उसके बाद गृह मंत्री ने सरकार को सलाह दी है कि वो किसानों के साथ टकराव को ना बढ़ाए।" साथ ही हरियाणा सरकार के मंत्री ने किसानों पर भी निशाना साधा और कहा कि पूरे राज्य ने देखा कि रविवार को किसानों ने कैसे व्यवहार किया, जब मुख्यमंत्री खट्टर एक सभा को संबोधित करने वाले थे। मोबाइल फोन फुटेज में किसानों को मंच पर उत्पात मचाते हुए देखा जा सकता है। किसानों ने पोस्टर और बैनर फाड़ दिए और मंच की कुर्सियों को भी ​​फेंक दिया।

नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का असर अब हरियाणा की राजनीति में देखने को मिला है, चहलकदमी का दौर तेज हो चला है। तमाम तरह की कयासों के बीच दुष्यंत चौटाला ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। करीब एक घंटे चली मुलाकात के बाद चौटाला बिना मीडिया से संवाद किए चंडीगढ़ के लिए रवाना हो गए। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बैठक में वह कृषि कानून और किसानों को लेकर चर्चा हुई। इसके अलावा वह टेक्सटाइल हब, एयरपोर्ट, ईस्ट वेस्ट कॉरिडोर, रेल मार्गों पर भी बात की। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और दुष्यंत चौटाला गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात कर चुके हैं।

चौटाला हरियाणा में भाजपा नीत सरकार में गठबंधन साझेदार जननायक जनता पार्टी (जजपा) के नेता हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जजपा के कुछ विधायक प्रदर्शनकारी किसानों के दबाव में हैं। बता दें कि सोमवार को इनेलो प्रमुख अभय चौटाला ने एक चिट्ठी लिखकर खट्टर सरकार का विरोध किया था और कहा था कि अगर 26 जनवरी तक किसानों की बात नहीं मानी जाती है तो उनकी इस चिट्ठी को ही इस्तीफा माना जाए।

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