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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस ने वन संरक्षण अधिनियम, 2023 के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेश की बृहस्पतिवार को सराहना की और कहा कि यह देश में पारिस्थितिक संरक्षण के लिए संस्थानों के साथ-साथ नियामक प्रणालियों को कमजोर करने के ‘‘मोदी सरकार के व्यवस्थित प्रयासों’’ के लिए एक ‘‘कड़ी फटकार’’ है।

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया था कि वे एक महीने के भीतर वन जैसे क्षेत्रों, अवर्गीकृत और सामुदायिक वन भूमि सहित विभिन्न भूमि का समेकित रिकॉर्ड तैयार करने के लिए विशेषज्ञ समिति का गठन करें।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा था कि विशेषज्ञ समिति वन (संरक्षण एवं संवर्धन) नियम, 2023 के नियम 16 ​​(1) के तहत आवश्यक कार्य छह महीने के भीतर पूरा करेगी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, "वन (संरक्षण) संशोधन अधिनियम, 2023 केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए सबसे कठोर कानूनों में से एक था।"

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार द्वारा आईफोन तथा अन्य वस्तुएं खरीदने के लिए प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण (कैम्पा) निधि के कथित दुरुपयोग को लेकर बुधवार को आपत्ति जताई और राज्य के मुख्य सचिव से जवाब मांगा।

आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज खरीदने के लिए किया गया अस्वीकृत खर्च: कैग 

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वनरोपण के लिए निर्धारित कैम्पा निधि का कथित रूप से उपयोग आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज की खरीद और भवनों के नवीनीकरण समेत अस्वीकृत व्ययों के लिए किया गया।

न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, ‘‘कैम्पा निधि का इस्तेमाल हरित आवरण बढ़ाने के लिए किया जाना है। इसका उपयोग गैर-स्वीकृत गतिविधियों के लिए किया जाना तथा अधिनियम के अनुसार ब्याज को एससीएएफ (राज्य प्रतिपूरक वनरोपण निधि) में जमा न करना गंभीर चिंता का विषय है। इसलिए हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को इन पहलुओं पर एक हलफनामा दायर करने का निर्देश देते हैं।’’

नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'गोल्ड लोन' में व्यापक बढ़ोतरी का हवाला देते हुए बुधवार को दावा किया कि बीते लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई ‘मंगलसूत्र चुराकर ले जाने’ वाली बात सच साबित हुई है क्योंकि उनके शासन में महिलाएं गहने गिरवी रखने को मजबूर हैं।  खड़गे ने यह भी कहा कि 2019 से 2024 के बीच 4 करोड़ महिलाओं ने अपने सोने को गिरवी रख 4.7 लाख़ करोड़ का ऋण लिया है।

लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर लगाया था आरोप 

लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने एक चुनावी सभा में कहा था कि देश की संपत्ति को लूटने का अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने वाली कांग्रेस की नजर अब महिलाओं के मंगलसूत्र पर है।

राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खड़गे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘नरेन्द्र मोदी जी, आपने ‘‘मंगलसूत्र चुरा कर ले जाने’’ वाली बात की थी। वो अब सच हो गई। आपके ही राज ने महिलाओं को अपने सोने के गहनों को गिरवी रखने पर मजबूर कर दिया है।’’

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को 'मियां-तियां' और 'पाकिस्तानी' कहने के आरोपी को राहत दी है। कोर्ट ने धार्मिक भावना आहत करने के आरोप में दर्ज केस निरस्त कर दिया है। जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने इस तरह की बात कहने को असभ्यता कहा है, लेकिन उसके चलते मुकदमा चलाने को सही नहीं माना है।

सरकारी मुस्लिम कर्मचारी की एफआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, 'इसमें कोई संदेह नहीं कि किसी को मियां-तियां या पाकिस्तानी कह कर अपमानित करना असभ्यता है, लेकिन यह धारा 298 (धार्मिक भावना को चोट पहुंचाने की नीयत से कुछ कहना) की श्रेणी में नहीं आएगा। झारखंड के बोकारो के रहने वाले याचिकाकर्ता को जिस केस में राहत मिली है, उसे 2020 में एक मुस्लिम सरकारी कर्मचारी ने दर्ज करवाया था।

बोकारो सेक्टर 4 थाने में दर्ज यह एफआईआर चास के सब डिविजनल ऑफिस में उर्दू ट्रांसलेटर और क्लर्क के पद पर काम कर रहे कर्मचारी ने दर्ज करवाई थी।

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