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नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर आगे की रणनीति के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह, थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

जानकारी के मुताबिक, बैठक में पाकिस्तान के कारण सीमावर्ती इलाकों में उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की गई। इस बैठक में आगे की रणनीति और सैन्य तैयारियों पर भी चर्चा की गई। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में गत 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए थे। इस दौरान भारत ने किसी भी सैन्य और नागरिक ठिकाने को निशाना नहीं बनाया। वहीं, पाकिस्तान ने गुरुवार को भारत में कई जगहों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला कर सैन्य प्रतिष्ठानों और नागरिक संरचना को निशाना बनाने की कोशिश की।

नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में छिपे आतंकियों के खिलाफ शुरू हुए भारतीय सैन्य अभियान ऑपरेशन सिंदूर पर शुक्रवार शाम 5.30 बजे स्पेशल ब्रीफ्रिंग हुई। जिसमें पाकिस्तान की नापाक साजिशों का सच भारतीय अधिकारियों ने बताया। इस प्रेस ब्रीफिंग में भारत के विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने पाकिस्तान की नापाक साजिशों और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई की जानकारियां दी। भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच विदेश मंत्रालय की यह लगातार तीसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस थी। इससे पहले 7 और 8 मई को भी सरकार की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर की जानकारी दी गई थी।

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विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, "अपनी हरकतों को स्वीकार करने के बजाय, पाकिस्तान ने यह बेतुका और अपमानजनक दावा किया कि यह भारतीय सशस्त्र बल हैं जो अमृतसर जैसे अपने ही शहरों को निशाना बना रहे हैं और पाकिस्तान पर दोष मढ़ने की कोशिश कर रहे है।

नई दिल्ली: रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को सभी मीडिया चैनलों को रक्षा अभियानों की लाइव कवरेज को लेकर एडवाइजरी जारी की है। उन्होंने रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की गतिविधियों की लाइव कवरेज से बचने की हिदायत दी है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आदेश में कहा है, “सभी मीडिया चैनलों, डिजिटल प्लेटफॉर्म और व्यक्तियों को रक्षा अभियानों और सुरक्षा बलों की आवाजाही की लाइव कवरेज या वास्तविक समय की रिपोर्टिंग से बचने की सलाह दी जाती है। ऐसी संवेदनशील या स्रोत-आधारित जानकारी का खुलासा परिचालन प्रभावशीलता को खतरे में डाल सकता है और जान को खतरे में डाल सकता है। कारगिल युद्ध, 26/11 हमले और कंधार अपहरण जैसी पिछली घटनाएं समय से पहले रिपोर्टिंग के जोखिमों को रेखांकित करती हैं। केबल टेलीविजन नेटवर्क (संशोधन) नियम, 2021 के खंड 6(1)(पी) के अनुसार, आतंकवाद विरोधी अभियानों के दौरान केवल नामित अधिकारियों द्वारा आवधिक ब्रीफिंग की अनुमति है। सभी हितधारकों से आग्रह किया जाता है कि वे राष्ट्र की सेवा में उच्चतम मानकों को बनाए रखते हुए कवरेज में सतर्कता, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी बरतें।“

नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच जबरदस्त तनाव हैं ऐसे में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को टेक्नोलॉजी और संवेदनशील सूचनाएं आदान-प्रदान करने को लेकर सतर्क किया है। उन्होंने इसे बेहद संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि आजकल साइबर क्राइम निरंतर बढ़ रहा है। जिसकी वजह से आम आदमी ठगा जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संबंधों को लेकर भी विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी और कहा कि हम ये कभी नहीं कह सकते है कि कोई स्थायी मित्र है।

सपा अध्यक्ष एक लंबी पोस्ट के जरिए कई मुद्दों को लेकर सरकार को आगाह किया। उन्होंने लिखा- 'आज के युग में जबकि लगभग हर हाथ में मोबाइल है; हर तरह के ज़मीनी, हवाई वाहनों और जलपोतों तक में जीपीएस लगा है और हर तरह की गतिविधि चाहे वो शासनिक-प्रशासनिक हो; बैकिंग हो या विविध संवेदनशील सूचनाओं का आदान-प्रदान, सब कुछ तो इंटरनेट पर ही निर्भर कर रहा है, ऐसे में कम्युनिकेशन एक बेहद संवेदनशील मुद्दा बन जाता है।

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